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Pakistan: विदाई समारोह में छलका जनरल बाजवा का दर्द, कहा- राजनीतिक नाकामी से बना बांग्लादेश

Pakistan के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने बुधवार को देश के नाम अपने आखिरी संबोधन में कहा कि वह 1971 की जंग को लेकर कुछ तथ्यों को सही करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि 1971 सैन्य नहीं बल्कि राजनीतिक नाकामी थी. हमारी सेना पूर्वी पाकिस्तान में साहस के साथ लड़ी थी. 

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जनरल कमर जावेद बाजवा
जनरल कमर जावेद बाजवा

पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा की रिटायरमेंट में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में उन्होंने बुधवार को अपने आखिरी सार्वजनिक संबोधन में सेना विरोधी बयानों की आलोचना की. इस दौरान 1971 युद्ध को लेकर बाजवा का दर्द भी छलका. उन्होंने कहा कि 1971 की जंग और बांग्लादेश का बनना सेना की नाकामी नहीं थी बल्कि राजनीतिक असफलता थी.

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बाजवा ने कहा कि वह 1971 की जंग को लेकर कुछ तथ्यों को सही करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि 1971 सैन्य नहीं बल्कि राजनीतिक नाकामी थी. हमारी सेना पूर्वी पाकिस्तान में साहस के साथ लड़ी थी. 

पाकिस्तानी सेना हमेशा देश की रक्षा के लिए तैयार

इस दौरान जनरल बाजवा ने पाकिस्तानी सेना की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना के जवान देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना कुछ भी कर सकती है लेकिन देश हित के खिलाफ कोई काम नहीं करेगी. राजनीतिक दलों और लोगों को सेना की आलोचना करने का अधिकार है लेकिन उन्हें सेना की आलोचना के लिए चुनकर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए. 

उन्होंने कहा कि जो लोग सोचते हैं कि वे फौज और अवाम में दरार डाल देंगे तो वे गलत हैं. 

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सेना राजनीतिक मामलों में दखल नहीं देती

बाजवा ने कहा कि राजनीति में पाकिस्तानी सेना का दखल असंवैधानिक है. ऐसे में सेना ने यह फैसला किया है कि वह भविष्य में किसी भी राजनीतिक मामले में दखल नहीं देगी. बाजवा ने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इस फैसला का सख्ती से पालन करेंगे. 

भारत पर निशाना साधा

जनरल बाजवा कुछ ही दिनों में रिटायर होने जा रहे हैं. ऐसे में वह अपने आखिरी संबोधन में भारत पर निशाना साधने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि दुनिया में मानवाधिकारों का सबसे अधिक उल्लंघन भारतीय सेना ने किया है. लेकिन भारत के लोग बेमुश्किल ही सेना की आलोचना करते हैं. 

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