पिछले साल अगस्त से ही कतर की जेल में बंद 8 पूर्व नेवी अफसरों की फांसी पर रोक लगा दी गई है. अक्टूबर 2023 में कतर की अदालत ने सभी पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई थी. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को कहा गया है कि कतर की अदालत ने सभी पूर्व अफसरों को दी गई मौत की सजा को कम कर दिया है.
मौत की सजा पर लगाई गई रोक के बाद परिवार वालों ने जहां राहत की सांस ली है. वहीं, अगले कदम को लेकर सतर्क भी हैं. परिजनों का कहना है कि फांसी पर लगी रोक को हम अपनी जीत नहीं बता सकते हैं. हम आगे शीर्ष अदालत की ओर रुख करेंगे.
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व नेवी अफसरों के परिवार वाले विस्तृत फैसले की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद कतर की सर्वोच्च अदालत की ओर रुख करेंगे.
भारत वापसी के विकल्प पर जोर
रिपोर्ट के मुताबिक, कतर की कोर्ट में अपील की अब तक छह सुनवाइयां हो चुकी हैं. तीन सुनवाइयां अपील अदालत में हुई हैं, वहीं अन्य तीन निचली अदालत में हुई हैं. परिवार वाले सभी पूर्व नेवी अफसरों की भारत वापसी के विकल्प पर जोर दे रहे हैं.
कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी सभी आरोपियों को माफी दे सकते हैं. लेकिन अमीर की माफी कतर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही लागू की जा सकती है. आठ लोगों में से एक के परिवार वालों ने बताया है कि क्षमा याचिका दायर करने में कम से कम तीन महीने और लगने की संभावना है.
परिवार के सदस्यों का कहना है कि गुरुवार को जब अदालत में सुनवाई हो रही थी, उस वक्त सभी पूर्व नेवी ऑफिसर अदालत में ही मौजूद थे. लेकिन फैसला सुनाए जाने के समय वे मौजूद नहीं थे. उन्हें यह पता नहीं है कि उनकी अपील पर क्या फैसला हुआ है. उन्हें संभवतः वकील और दूतावास के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में पता चलेगा. या परिवार वाले जब फोन पर बात करेंगे तब पता चलेगा. सभी को सप्ताह में तीन फोन कॉल करने की अनुमति है.
भारत सरकार का सहयोग बेहद अहम
परिवार के सदस्यों ने आगे कहा कि आमतौर पर अपील दायर करने में 60 दिन लगते हैं, लेकिन कानूनी टीम तुरंत अपील दायर करने में कोई समय बर्बाद नहीं कर रही है.
कतर की जेल में बंद पूर्व नेवी अफसरों के दोस्तों का कहना है कि पिछले 40 दिनों के घटनाक्रम ने मौत की सजा को कम करने में काफी मदद की है. अब हमारे वकील कैसेशन कोर्ट (शीर्ष अदालत) में अपील दायर कर रहे हैं. भारत सरकार इस पूरे घटनाक्रम में बेहद सहयोगी रही है. इसके अलावा कतर स्थित भारतीय दूतावास ने भी अपील प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
उन्होंने यह भी कहा कि जेल में बंद सभी आठ भारतीयों को अलग-अलग सजाएं दी गई हैं. हालांकि, अपील पहले की तरह ही संयुक्त रूप से दायर की जाएगी. आगे एक लंबी कानूनी लड़ाई है. लेकिन भारतीय नौसेना और विदेश मंत्रालय के सहयोग से हमें और परिवार वालों को उम्मीद है कि सभी जल्द ही भारत वापस आ जाएंगे.