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Queen Elizabeth II: रॉयल जिंदगी, वैभवशाली इतिहास, जानें Queen Elizabeth II की फैमिली का सफरनामा

भारत में 200 साल तक शासन करने वाले ब्रिटेन की रॉयल फैमिली का इतिहास बहुत पुराना है. 1952 में अपने पिता और ब्रिटेन के राजा किंग जॉर्ज पंचम की मौत के बाद से ही एलिजाबेथ द्वितीय दुनिया के सबसे मजबूत और चर्चित राजघराने की बागडोर संभाल रही थीं. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाली शासक रहीं.

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Queen Elizabeth II Death
Queen Elizabeth II Death

Queen Elizabeth II Death. ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार रात (भारतीय समयानुसार) को 96 साल की उम्र में निधन हो गया. वह पिछले कुछ समय से बीमार थीं. स्काटलैंड के Balmoral Castle में उन्होंने अंति सांस लीं. इसके बाद से ही ब्रिटेन शोक की लहर में डूबा हुआ है. 1952 में अपने पिता और ब्रिटेन के राजा किंग जॉर्ज पंचम की मौत के बाद से ही एलिजाबेथ द्वितीय दुनिया के सबसे मजबूत और चर्चित राजघराने की बागडोर संभाल रही थीं. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की सबसे लंबे वक्त तक शासन करने वाली शासक रहीं. वह 1952 से ब्रिटेन और एक दर्जन से ज्यादा अन्य देशों की रानी रही हैं. उनका जन्म साल 1926 में हुआ था. अपने 70 साल के साम्राज्ञी जीवन में उन्होंने जहां ब्रिटेन के 14 प्रधानमंत्रियों का कार्यकाल देखा, तो 15वीं प्रधानमंत्री लिज ट्रस की नियुक्ति भी की. अब उनके निधन के बाद उनके बड़े बेटे चार्ल्स (उम्र 73 साल) स्वतः ब्रिटेन के राजा बन गए हैं.

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बता दें कि भारत में 200 साल तक शासन करने वाले ब्रिटेन की रॉयल फैमिली का इतिहास बहुत पुराना है. दरअसल, सन 1600 जब भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई, तब ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ प्रथम की हुकूमत थी. उनके बाद जेम्स प्रथम, चार्ल्स प्रथम, चार्ल्स द्वितीय, जेम्स II व VII, विलियम III व II और मैरी II, एनी,जॉर्ज प्रथम, जॉर्ज II, जॉर्ज III और जॉर्ज IV के बाद विलियम चतुर्थ ने 1765 से लेकर 1837 तक ब्रिटेन की राजगद्दी संभाली. विलियम चतुर्थ के शासन काल में ही इलाहाबाद की संधि के बाद भारत में ब्रिटिश शासन (1765) की नींव पड़ी थी.

महारानी विक्टोरिया और एडवर्ड सप्तम का शासन काल 

महारानी विक्टोरिया 20 जून 1837 से 1901 (अंतिम सांस तक) तक यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की रानी रहीं. उनके बाद ब्रिटिश साम्राज्य की बागडोर उनके बेटे और उत्तराधिकारी एडवर्ड सप्तम के हाथ में आई. एडवर्ड सप्तम 1901 से 1910 तक यूनाइटेड किंगडम के किंग और भारत के सम्राट थे. उनके राज्याभिषेक के दौरान ही लॉर्ड कर्जन (वायसराय) ने दिल्ली में 'दिल्ली दरबार' का आयोजन किया था. 

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भारत आने वाले पहले राजा थे जॉर्ज पंचम एडवर्ड 

बता दें कि सप्तम के बाद ब्रिटिश सत्ता की बागडोर उनके बेटे जॉर्ज पंचम ने संभाली. वह 22 जून ‎1910 से अपनी मृत्यु 1936 तक ब्रिटेन की गद्दी पर बैठे रहे. 1911 में जॉर्ज पंचम अपनी पत्नी मैरी के साथ भारत आए थे. वे भारत आने वाले ब्रिटेन के पहले राजा और रानी थे. मुंबई स्थित गेट वे ऑफ इंडिया उनके स्वागत के लिए ही बनवाया गया था.

एडवर्ड अष्टम ने प्यार के लिए छोड़ी राजगद्दी 

जॉर्ज पंचम के बाद उनके बेटे एडवर्ड अष्टम को राजपरिवार की गद्दी मिली थी. लेकिन 1936 में अमेरिकी सोशलाइट वालिस सिम्पसन से शादी करने के फैसले के बाद उन्होंने 11 महीने बाद ही गद्दी छोड़ने का फैसला किया. इसके बाद जॉर्ज VI  1952 तक गद्दी पर बैठे रहे, जबकि उनकी मां का नाम एलिजाबेथ एंजेला मार्गरेट बोवेस लियॉन था, जो भारत की भी आखिरी साम्राज्ञी थीं. 1952 में अपने पिता की मौत के बाद से एलिजाबेथ द्वितीय 2022 तक ब्रिटेन की महारानी बनी रहीं.

ड्यूक फिलिप से हुई थी एलिजाबेथ द्वितीय की शादी

1947 में एलिजाबेथ द्वितीय ने एडिनबर्ग के ड्यूक फिलिप से शादी की थी. डेनमार्क और ग्रीस के राजकुमार, प्रिंस फिलिप का जन्म 1921 में हुआ था और उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश रॉयल नेवी में सेवा दी थी. 2017 में वह अपने शाही कर्तव्यों से सेवानिवृत्त हुए. उनका निधन 2021 में हुआ था. दोनों के चार बच्चे हुए: चार्ल्स, ऐनी, एंड्रयू और एडवर्ड. अब उनके बड़े बेटे चार्ल्स (उम्र 73 साल) स्वतः ब्रिटेन के राजा बन गए हैं. 

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प्रिंस हैरी ने छोड़ दिया था शाही परिवार 

गौरतलब है कि शाही परिवार के वंशज ही ब्रिटिश क्राउन के हकदार होते हैं. क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से पहले तक इस राजघराने में करीब 22 सदस्य इस ब्रिटिश शाही परिवार के उत्तराधिकारी की दौड़ में शामिल बताए जाते रहे. इस लिस्ट में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप के चार बच्चे चार्ल्स, एनी, एंड्रयू और एडवर्ड एवं उनकी संतानें भी शामिल थीं. हालांकि प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल ने कुछ साल पहले ही शाही परिवार छोड़ने का ऐलान कर दिया था.

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