संसद का शीतकालीन सत्र शुरुआत से ही हंगामेदार रहा है. विपक्ष लगातार अडानी मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने में लगा है. लेकिन अब आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है. इस बीच विरोधस्वरूप राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नीले रंग के कपड़ों में संसद पहुंचे.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज नीले रंग की टीशर्ट पहनकर संसद पहुंचे. प्रियंका गाधी भी नीले रंग की साड़ी पहने हुए हैं. नीला रंग दरअसल आंबेडकर और दलितों के प्रतिरोध का प्रतीक है.
आंबेडकर पर अमित शाह के बयान को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि संसद में आंबेडकर का अपमान किया गया और अब ट्विटर हैंडल पर भी कुछ-कुछ लिख रहे हैं. इनके ऊपर कोई भरोसा नहीं कर सकता. ये कहते हैं कि संविधान नहीं बदलेंगे. कौन भरोसा करेगा इनके ऊपर, जब ये लोग संविधान निर्माता पर ही ऐसी बातें करेंगे तो?
कहा जा रहा है कि इंडिया ब्लॉक के सांसद नीले कपड़े पहनकर आंबेडकर प्रतिमा से चलकर मकर द्वार जाएंगे. यह प्रोटेस्ट सुबह 10.15 बजे शुरू होगा.
इस संबंध में आज इंडिया ब्लॉक प्रोटेस्ट मार्च करने जा रहा है. राज्यसभा में बाबा साहेब आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के विरोध में उनके इस्तीफे और माफी की मांग करते हुए इंडिया ब्लॉक प्रोटेस्ट मार्च करेगी. यह मार्च संसद में आंबेडकर की प्रतिमा से लेकर मकर द्वार तक होगा.
कांग्रेस का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह ने आंबेडकर का अपमान किया है. उनका अपराध अक्षम्य है. पूरा तंत्र उन्हें बचाने में लगा है. जो गृहमंत्री ने कहा है, हम वही बात कर रहे हैं. उनके शब्दों को तरोड़ा-मरोड़ा नहीं गया है. वे माफी मांगने के बजाए धमका रहे हैं. हम इनकी धमकियों से नहीं डरेंगे.
अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों पर क्या कहा था?
राज्यसभा में संविधान के 75 वर्ष पूरा होने पर चर्चा करते हुए आंबेडकर का अपमान करने के कांग्रेस के आरोपों पर विवाद बढ़ने पर अमित शाह ने बुधवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए का कि वह सपने में भी आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकते.
अमित शाह ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर चर्चा का आयोजन हुआ था. इसमें 75 साल की देश को गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की चर्चा हुई. ये स्वाभाविक है कि संसद में पक्ष और विपक्ष होते हैं तो लोगों का अपना-अपना नजरिया होता है. लेकिन जब संसद में चर्चा होती है तो इसमें बातें तथ्यों और सच्चाई के साथ होनी चाहिए. लेकिन जिस तरह कांग्रेस ने तथ्यों तो तोड़-मरोड़कर पेश किया है, इसकी मैं कड़ी निंदा करता हूं.
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस आंबेडकर विरोधी पार्टी है, संविधान विरोधी है. कांग्रेस ने सावरकर जी का अपमान किया. आपातकाल लागू करके कांग्रेस ने संविधान को रौंदा. कांग्रेस ने भारतीय सेनाओं का अपमान किया. कांग्रेस ने भारत की जमीन दे दी. जब संसद में यह बात साबित हो गई तो कांग्रेस ने झूठ फैलाना शुरू कर दिया. कांग्रेस पार्टी आंबेडकर विरोधी है. कांग्रेस पार्टी संविधान विरोधी है. कांग्रेस ने सेना के शहीदों का अपमान किया. कांग्रेस सावरकर विरोधी है. बाबा साहब के न रहने के बाद भी कांग्रेस ने कभी बाबा साहब को इज्जत नहीं दी. पंडित जी (नेहरू) की कितनी ही किताबों में लिखा है कि उन्होंने कभी बाबा साहब को सही जगह नहीं दी.