शिकागो के फ़ुलरटन हॉल में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक संबोधन के 120 साल बाद, स्वामी रामदेव दुनिया को संबोधित करने पहुंचे. लेकिन इस संबोधन से पहले, वो भारत सरकार को नसीहत देना नहीं भूले.
शिकागो से करीब 1200 किलोमीटर दूर न्यूयॉर्क में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को मुलाकात करनी है. और उससे पहले चर्चा गर्म है कि बातचीत होनी भी चाहिए या नहीं. ऐसे में स्वामी रामदेव का मानना है कि पाकिस्तान से कितनी भी बातचीत कर ली जाए वो सुधरने वाला नहीं है. 'लातों के भूत बातों से नहीं मानते. पाकिस्तान से बातचीत का आजतक कोई नतीजा नहीं निकला. तो फिर क्यों बार-बार वही बात.' उन्होंने आजतक से खास बातचीत में कहा ये बातें कहीं.
पाकिस्तान से संबंधों को स्वामी रामदेव सरकार की विफल नीतियों का नतीजा मानते हैं. ना सिर्फ़ कांग्रेस, बल्कि बीजेपी के दौर की गलतियां भी वो गिनवाते हैं. स्वामी रामदेव ने कहा, 'अटल जी को भी शांति पुरस्कार की उम्मीद थी. इसीलिए पाकिस्तान की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया था.'