रेप के आरोपी और भगोड़ा घोषित किए जा चुके नित्यानंद (Nithyananda) एक बार फिर सुर्खियों में है. ब्रिटेन के दो सांसदों ने इस साल अक्टूबर में संसद में हुई दिवाली पार्टी में नित्यानंद की प्रतिनिधि को आमंत्रित किया था. नित्यानंद की प्रतिनिधि नित्या आत्मदयानंदा (Nithya Atmadayananda) ने ब्रिटिश संसद में दिवाली पार्टी में शिरकत भी की थी.
द ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश संसद में हुई इस दिवाली पार्टी का आयोजन हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन (एचएफबी) ने किया था. इस पार्टी में जुटे लोगों को एक ब्रोशर भी बांटा गया था, जिसमें नित्यानंद के कैलासा से जुड़ा पूरे पेज का विज्ञापन था.
नित्यानंद की सहयोगी नित्या को दिवाली पार्टी में बुलाने वाले ब्रिटेन के ये दोनों सांसद कंजर्वेटिव पार्टी के हैं. ब्लैकमैन ब्रिटिश हिंदुओं के सर्वदलीय संसदीय समूह के चैयरमैन भी हैं.
मामले के तूल पकड़ने पर ब्रिटिश सांसद की सफाई
नित्यानंद की सहयोगी को दिवाली पार्टी में बुलाने की रिपोर्ट सार्वजनिक होने और उसके बाद हो रही आलोचना के बाद ब्रिटिश सांसद बैकफुट पर आ गए हैं. ब्रिटिश सांसद रैमी रेंजर ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि वह नित्यानंद और उनके संगठन से वाकिफ नहीं था. उन्होंने सिर्फ हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन द्वारा आयोजित कार्यक्रम की मेजबानी की है.
उन्होंने कहा, मैं कैलासा और इस शख्स को नहीं जानता. अगर मैं जानता तो इस तरह के कार्यक्रम में इनवायट नहीं करता.
हालांकि, हिंदू फोरम फॉर ब्रिटेन अपने इस फैसले पर अड़िग है. संगठन की अध्यक्ष तृप्ति पटेल का कहना है कि जहां तक हमें पता है कि नित्यानंद के संगठन ने समजा की सेवा के लिए अच्छे काम किए हैं और देश की प्रगति में सकारात्मक ढंग से योगदान दिया है.
कौन है नित्यानंद
नित्यानंद एक स्वयंभू हिंदू गुरू है, जिसके देशभर में कई आश्रम हैं. वह एक धार्मिक संगठन नित्यानंद ध्यानपीठम का प्रमुख है. नित्यानंद की वेबसाइट पर मौजूद वीडियो के मुताबिक, यह दावा किया गया है कि नित्यानंद को 12 साल की उम्र में ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी. वीडियो में उसे हिंदुत्व का धार्मिक नेता बताया गया है, जिसके 47 देशों में केंद्र हैं.
नित्यानंद पर आरोप
नित्यानंद पर रेप के अलावा अपहरण के भी आरोप लगे हैं. तमिलनाडु के एक दंपति ने नित्यानंद पर आरोप लगाए थे कि वह उनके बच्चों को गैरकानूनी रूप से कब्जे में लेकर अहमदाबाद के अपने आश्रम ले गया था. इसके बाद पुलिस ने नित्यानंद पर अपहरण, गैरकानूनी रूप से बच्चों को कब्जे में लेने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
नित्यानंद 2010 में उस समय पहली बार विवादों में आया था, जब उसका एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में नित्यानंद को एक तमिल अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देखा गया था. वह 2019 में भारत छोड़कर फरार हो गया था.
भारत से फरार होने के बाद कैलासा बसाने का दावा
भारत से फरार होने के बाद नित्यानंद ने अपना एक अलग हिंदू राष्ट्र कैलासा बसाने का दावा किया. लेकिन यह कैलासा कहां है, इसकी अभी तक किसी को जानकारी नहीं है. ऐसा कहा जाता है कि इस कथित हिंदू राष्ट्र कैलासा का अपना पासपोर्ट है. इसके साथ ही इसका अपना संविधान, अपना प्रधानमंत्री, कैबिनेट और अपनी सेना भी है. नित्यानंद का दावा है कि दुनिया का कोई भी हिंदू यहां की नागरिकता प्राप्त कर सकता है.
भारत में भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद नित्यानंद का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने दावा किया था कि भारत में उसकी जान लेने की कोशिश की गई, जिस वजह से उसे देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. नित्यानंद ने दावा किया था कि भारत में कई बार उसकी हत्या की कोशिश की गई थी.
नित्यानंद ने ये भी कहा था कि उसका चरित्र हनन किया गया. नित्यानंद ने वीडियो में दावा किया था कि उसकी जो भी संपत्ति है, उसे उसके निधन के बाद भारत लाया जाएगा. नित्यानंद ने अपनी मौत के बाद बेंगलुरु के आश्रम में अपनी समाधि बनवाने की इच्छा भी जताई थी.