यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन-क्लॉड जंकर यूरोप में शरणार्थियों की बाढ़ से निपटने के लिए जल्द ही योजना का ऐलान कर सकते हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव के तहत 120,000 शरण चाहने वालों को यूरोपीय संघ के देशों के बीच बांटा जाएगा. इसके लिए कोटा तय किया जाएगा, जिसे मानने के लिए देश बाध्य होंगे.
शरणार्थियों की पहली पसंद जर्मनी ने कोटा व्यवस्था का समर्थन किया है. लेकिन, यूरोपीय संघ के कई देश अनिवार्य रूप से एक निश्चित संख्या में लोगों को शरण देने की नीति का विरोध कर रहे हैं.
60 फीसदी भेजे जाएंगे जर्मनी, फ्रांस और स्पेन
नई योजना के मुताबिक इटली, हंगरी और यूनान में शरण चाहने वाले 120,000 लोगों में से 60 फीसदी को जर्मनी, फ्रांस और स्पेन भेजा जाना है. शरणार्थियों का देशों के बीच बंटवारा संबंधित देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP), जनसंख्या, बेरोजगारी दर और पहले से ही शरण पाने के लिए मिल चुकी अर्जियों के आधार पर किया जाएगा.
जर्मनी ने सीरिया के आव्रजकों का स्वागत किया है. संभावना है कि इसी साल 8 लाख शरण चाहने वाले जर्मनी पहुंचना चाहेंगे. लेकिन इनमें से कुछ को वापस भेजा जाएगा. जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल ने मंगलवार को कहा कि कोटा व्यवस्था पहला महत्वपूर्ण कदम है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त अंतोनियो गुतेरेस ने यूरीपीय संघ की शरणार्थियों की नीति को काम न करने वाली करार दिया है.
UNHCR ने चुनौतियों के नए आंकड़ों पर नजर डाली है. इसने कहा है कि 2015 में समुद्र के रास्ते 400,000 आव्रजक यूरोप पहुंच सकते हैं. इनमें से अधिकांश सीरिया के होंगे, जो जॉर्डन और लेबनान के शरणार्थी शिविरों की खराब हालत से परेशान हैं.