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'भारत की कट्टर विरोधी, इजरायल के खिलाफ बयान...', कौन हैं US सांसद इल्हान उमर, जिनपर गिरी गाज

इल्हान उमर 2019 में मिनिसोटा से सांसद चुनी गईं. वे पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं जो चुनाव जीतकर अमेरिकी संसद पहुंच गईं. इतना ही नहीं वे संसदीय सीट पर चुनाव जीतने वालीं पहली अश्वेत महिला भी हैं. वे अमेरिकी संसद पहुंचने वाली पहली दो मुस्लिम-अमेरिकी महिलाओं में भी शामिल हैं. 

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इल्हान उमर
इल्हान उमर

अमेरिकी सांसद इल्हान उमर को इजरायल पर विवादित टिप्पणी देने के मामले में गुरुवार को निचले सदन की विदेश मामलों की समिति से बाहर कर दिया गया. अमेरिकी हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव (प्रतिनिधि सभा) में डोनाल्ड ट्रम्प की पार्टी बहुमत में है. ऐसे में सदन में मतदान के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद इल्हान उमर को समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.  यह पहला मौका नहीं है, जब इल्हान उमर चर्चा में हैं. इससे पहले वे भारत विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रही हैं. इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का भी दौरा किया था. इल्हान उमर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी कट्टर विरोधी माना जाता है. आइए जानते हैं कौन हैं इल्हान उमर?

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इल्हान उमर 2019 में मिनिसोटा से सांसद चुनी गईं. वे पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं जो चुनाव जीतकर अमेरिकी संसद पहुंच गईं. इतना ही नहीं वे संसदीय सीट पर चुनाव जीतने वालीं पहली अश्वेत महिला भी हैं. वे अमेरिकी संसद पहुंचने वाली पहली दो मुस्लिम-अमेरिकी महिलाओं में भी शामिल हैं. 

इल्हान उमर का जन्म सोमालिया में हुआ था. लेकिन सोमालिया में लगातार गृह युद्ध के चलते उनके परिजनों ने देश छोड़ दिया था, तब वे 8 साल की थीं. इसके बाद वे केन्या के शरणार्थी शिविर में रहीं. इसके बाद उनका परिवार 1990 में अमेरिका चला आया. इसके बाद उन्होंने अमेरिका में राजनीति में करियर बनाने का फैसला किया. 2016 में इल्हान उमर चुनाव जीतकर मिनिसोटा की प्रतिनिधि सभा पहुंचीं. 2019 में वे अमेरिकी संसद चुनी गईं.
 

पाक अधिकृत कश्मीर का किया था दौरा

इल्हान उमर कश्मीर, मोदी सरकार को लेकर भी कई विवादित बयान दे चुकी हैं. पिछले साल अप्रैल में उन्होंने अमेरिकी संसद में कहा था, आखिर मोदी सरकार मुसलमानों के खिलाफ और क्या-क्या जुल्म करेगी तब जाकर बाइडन प्रशासन कुछ कहेगा? इतना ही नहीं उन्होंने अमेरिका के भारत समेत कई देशों के साथ रिश्तों को 'ऐतिहासिक अन्याय' की संज्ञा दी थी. इतना ही नहीं उन्होंने पिछले साल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का भी दौरा किया था. इसकी भारत ने आलोचना भी की थी. विदेश मंत्रालय ने इल्हान उमर की यात्रा को निंदनीय बताया था. मंत्रालय ने कहा था कि अपने यहां संकीर्ण सोच वाली राजनीति करना उनका काम है, लेकिन ऐसी नेता अगर हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करेंगी तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उधर, अमेरिका में बाइडेन सरकार ने इस दौरे को व्यक्तिगत यात्रा बताकर अपने आप को इससे अलग कर लिया था. 

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इल्हान उमर अमेरिका की संसद में भारत के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर भी आई थीं. उमर के इस प्रस्ताव में अमेरिका के विदेश मंत्रालय से अपील की गई थी कि वह भारत को एक ऐसा देश घोषित करे जहां पर धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का कथित उल्लंघन होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. 

 

इल्हान उमर ने भाई से की शादी- डोनाल्ड ट्रम्प

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इल्हान उमर के कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर आलोचना कर चुक हैं. ट्रम्प ने दावा किया था कि इल्हान उमर अमेरिका और यहां के प्रशासन और लोगों से नफरत करती हैं. उन्होंने कहा था कि वे ऐसी जगह से आईं हैं, जहां सरकार है ही नहीं और यहां आकर हमें ज्ञान दे रही हैं कि हमें अपना देश कैसे चलाना चाहिए? 

 

डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया था कि इल्हान उमर ने अपने सगे भाई अहमद इल्मी से दूसरी शादी की है. उन्होंने एक रैली के दौरान जस्टिस डिपार्टमेंट से इस मामले में जांच की मांग की थी. इसके बाद दावा किया गया था कि इल्हान का भाई अहमद ब्रिटिश नागरिक था लेकिन इल्हान चाहती थीं कि भाई भी उनके साथ अमेरिका में ही पढ़े. हालांकि, अमेरिकी आव्रजन कानून से चलते ऐसा होना आसान नहीं था. ऐसे में उन्होंने इस नियम से छूट पाने के लिए सगे बहन-भाई इल्हान से शादी कर ली. 
 
इजरायल पर दिया था क्या बयान?

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इल्हान उमर ने 2019 में दावा किया था कि अमेरिकी राजनीति में इजरायल के जो समर्थक हैं, उनका कोई सिद्धांत नहीं है, बल्कि वे पैसों की वजह से समर्थन करते हैं. उनका इशारा रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं की ओर था. इतना ही नहीं इल्हान उमर ने 2021 में अमेरिका और इजरायल की तुलना तालिबान और हमास से की थी. इसके लेकर यहूदी गुट भड़क उठे थे. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में यहूदी सांसदों ने कहा था कि इल्‍हान के बयान से आतंकवादियों को संरक्षण मिल जाएगा.

 

 

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