फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए सीरियल आतंकी हमलों के बाद शुक्रवार को अफ्रीकी देश माली की राजधानी बमैको में हथियारबंद हमलावरों ने कहर बरपाया. हमलवारों ने होटल रेडिसन ब्लू होटल पर धावा बोलते हुए करीब 170 लोगों को बंधक बना लिया. सैन्य कार्रवाई कार्रवाई खत्म हो चुकी है. दो हमलावरों को सेना ने ढेर कर दिया. सेना के सूत्रों ने जानकारी दी कि इस संकट में कम से कम 27 लोगों की मौत हुई है.
190 कमरों वाले इस होटल में हमलावरों ने सुबह-सुबह ही (भारतीय समयानुसार दोपहर करीब ढाई बजे) धावा बोला और वहां मौजूद लोगों को हथियारों की नोंक पर बंधक बना लिया. बताया जा रहा है कि हमलावरों ने जिस वक्त होटल पर धावा बोला वो 'अल्लाह हु अकबर' के नारे लगा रहे थे. होटल में घुसते ही उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. माली के सुरक्षा मंत्री ने बताया कि होटल से सभी बंधकों को मुक्त करा लिया गया है. जवानों ने कुल 18 लोगों के शव बरामद किए हैं. अब होटल में कोई भी बंधक नहीं है. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक दो हमलावरों को मार गिराया गया है.
जिसने कुरान की आयतें पढ़ीं, उसे जाने दिया
जैसे-जैसे समय बीता हमलावरों ने अपना खूंखार रूप दिखाना शुरू किया और अब तक करीब नौ लोगों की हत्या कर दी है. हालांकि उन्होंने आठ लोगों को होटल से बाहर जाने दिया जो कुरान की आयतें पढ़ पाने में सक्षम रहे. होटल में हमले की सूचना मिलते ही माली की सुरक्षा एजेंसियां और सेना ने कार्रवाई शुरू कर दी. फौज ने होटल की घेराबंदी की. करीब 80 लोगों ने होटल से भागकर अपनी जान बचाई.
20 भारतीय भी फंसे
होटल रेडिसन ब्लू में बंधक बनाए गए लोगों में 20 भारतीय भी शामिल हैं. माली में भारतीय राजदूत ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया है कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी लोग सऊदी अरब की एक कंपनी में काम करते हैं और नियमित रूप से होटल में ही ठहरे हुए हैं. विदेश मंत्रालय माली के हालात पर नजर बनाए हुए है.
बंधकों में एयरलाइन कर्मचारी भी शामिल
अधिकारियों के मुताबिक, तुर्की एयरलाइन के छह कर्मचारियों के भी होटल में फंसे होने की जानकारी मिली है. सेना के कमांडर ने कहा कि बंधकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. सभी काफी घबराए हुए थे.
फ्रांस और अमेरिकी ने भेजी मदद
माली की राजधानी में हमले की जानकारी मिलने पर फ्रांस ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. फ्रांस ने मौके पर आतंकरोधी दस्ते के 50 अधिकारियों को भेजा है. इसके साथ ही अमेरिका ने भी अपने स्पेशल फोर्स के कमांडो भेजे हैं, जिन्होंने बमैको पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है. बता दें कि बीते सप्ताह फ्रांस की राजधानी पेरिस में आईएसआईएस के आतंकियों ने एक साथ छह जगहों पर हमला बोला था. जिसमें करीब डेढ़ सौ लोग मारे गए थे. हालांकि अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने माली में हुए हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
पहले भी हो चुका है आतंकी हमला
इससे पहले माली के एक कस्बे में अगस्त में ऐसा ही हमला हुआ था. आतंकियों ने 24 घंटे तक लोगों को बंधक बनाए रखा था और गोलीबारी चलती रही थी. इस हमले में सेना के 4 जवान, संयुक्त राष्ट्र के 5 वर्कर और 4 हमलावर मारे गए थे.
जून में ही हुआ था शांति समझौता
माली में पुराने विद्रोहियों तुआरेग और सरकार समर्थकों के बीच इसी साल जून में ही शांति समझौता हुआ था. उत्तरी माली मार्च-अप्रैल 2012 में अलकायदा के निशाने पर आया था. 2013 में फ्रांस की अगुआई में यहां सैन्य ऑपरेशन शुरू हुआ था. इसके बाद ही शांति समझौता हुआ था.