चीन की पारचू झील में उफान से भारत के दो दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. 15 जुलाई को सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में सीमा से सटी झील में काफी ज्यादा पानी देखा गया है. प्रशासन और स्थानीय लोगों को अलर्ट कर दिया गया है.
केंद्रीय जल आयोग के स्थानीय निदेशक पी ग्याम्बा दोरजे ने बताया, 'पारचू झील का पानी 43 हेक्टेयर से बढ़कर 100 हेक्टेयर में फैल गया है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी को सूचना दे दी गई है. उनसे हालात पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है.'
2005 में भी पारचू ने सतलुज नदी से सटे इलाकों में तबाही मचाई थी. हालांकि इस बार के संकेत उतने खतरनाक नहीं लग रहे. 2005 में पारचू झील में बाढ़ की वजह से भारत को 800 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था.
तापमान बढ़ने से झील में दरार आ गई थी, जिससे भारतीय सीमा में बाढ़ के साथ जमीन खिसकने की घटनाएं भी हुई थीं. हादसे में कोई भारतीय हताहत नहीं हुआ था. लेकिन सीमा से 6 किलोमीटर दूर सुम्दोह में भारतीय सैनिकों ने छह चीनी नागरिकों के शव देखे थे.
राज्य विज्ञान, तकनीक और पर्यावरण परिषद के वैज्ञानिक अधिकारी एस.एस. रंधावा ने बताया कि चीन की ओर से संवाद की कमी से हालात समझना थोड़ा मुश्किल हो गया है. चीन की ओर से इस बारे में कोई जानकारी या आश्वासन नहीं दिया गया है.