यूक्रेन के साथ युद्ध पर रूस को भी कई मोर्चों पर दबाव का सामना करना पड़ा है. ऐसे में रूस बेहद क्रूर रवैया अपनाते हुए अपने ही सैनिकों पर ज्यादती कर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ने से इनकार करने वाले सैनिकों को रूस प्रताड़ित कर रहा है. उन्हें जेल में रखा जा रहा है और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से पीड़ा दी जा रही है.
रिपोर्ट में दो रूसी सैनिकों का हवाला दिया गया है. रूस अपने सैनिकों को बिना किसी सपोर्ट के भी लगातार आगे बढ़ने का आदेश दे रहा है. हथियारों की कमी या उन्हें चलाने में सक्षम नहीं होने पर भी उन पर युद्ध लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.
रूसी सैनिकों को धक्का देकर मोर्चे पर भेजा जा रहा
इस रिपोर्ट में रूसी सैनिकों और उनके परिवार वालों ने युद्ध को लेकर रूस की तैयारियों में कमी के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि किस तरह सैनिकों को बेहद कम जानकारी के साथ मोर्चे पर लड़ने के लिए भेजा जा रहा है.
इन दो रूसी सैनिकों में से एक ने बताया कि उसने रूस की इन खामियों की वजह से युद्ध में अपने सैनिकों की अगुवाई करने से इनकार कर दिया था. उसने बताया कि जब इस साल की शुरुआत में यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू तो उन्होंने अग्रिम मोर्चे पर खस्ताहाल समर्थन की वजह से लड़ने से इनकार कर दिया था. लेकिन उन्हें यह कहने की भारी कीमत चुकानी पड़ी और ऐसा कहने वाले उन जैसे कई सैनिकों को जेल में डाल दिया गया.
उन्होंने बताया कि उसके साथ चार और सैनिकों को एक इमारत के बेसमेंट में बंद कर रखा गया था. हमारे परिवार को यह बताया गया कि उस इमारत पर गोलाबारी हुई, जिसके बाद से हम सब लापता हैं.
उन्होंने बताया, उनके साथ लगातार मारपीट की जाती और एक बार उन्हें इस तरह जेल से बाहर निकाला गया, जैसे उन्हें गोली मार दी जाएगी. उन्हें जमीन पर पेट के बल लेटा दिया और दस तक गिनने को कहा गया. मैंने जब ऐसा करने से इनकार कर दिया तो पिस्तौल से कई बार मेरे सिर पर वार किए गए. मेरा पूरा चेहरा खून से लथपथ हो गया.
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने G-7 देशों से स्पेशल ग्लोबल पीस समिट का आयोजन करने का अनुरोध किया था ताकि देश में शांति की बहाली की जा सके.