यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस ने अपनी न्यूक्लियर पॉलिसी में बदलाव किया है. इसके साथ ही चेतावनी दी कि यह पश्चिमी देशों के लिए एक चेतावनी है. नीतियों में इस बदलाव के साथ ही रूस ने कहा है कि अगर उसपर पारंपरिक मिसाइलों से हमले किए जाते हैं तो वे न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.
क्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने कहा कि मास्को परमाणु संपन्न देश के समर्थन से अगर यूक्रेन किसी तरह की कार्रवाई करता है तो वे उसे सिर्फ यूक्रेन का नहीं बल्कि पश्चिमी देशों का संयुक्त हमला मानेंगे. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि "द फाउंडेशंस ऑफ स्टेट पॉलिसी इन द स्फेयर ऑफ न्यूक्लियर डिटरेंस" दस्तावेज में संशोधन किए गए हैं.
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अगर पश्चिमी देश किसी भी तरह से हमले में शामिल होते हैं तो...
जब क्रेमलिन के प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या यह बदलाव पश्चिमी देशों के लिए एक संकेत है, तो उन्होंने जवाब दिया, "यह निश्चित रूप से एक संकेत के रूप में लिया जाना चाहिए." पेस्कोव ने कहा, "यह उन देशों को एक चेतावनी है कि अगर वे हमारे देश पर हमले में हिस्सा लेते हैं, चाहे वह परमाणु हथियारों के माध्यम से हो या अन्य किसी माध्यम से, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे."
क्रेमलिन प्रवक्ता पेस्कोव ने यह भी कहा कि, "विश्व एक अभूतपूर्व संघर्ष का साक्षी है, जिसे यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों, विशेष रूप से परमाणु शक्तियों की सीधी भागीदारी है."
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2020 में पुतिन ने जारी की थी रूस की न्यूक्लियर पॉलिसी
रूस की मौजूदा परमाणु नीति को लेकर 2020 में पुतिन ने ऐलान किया था. इस नीति में कहा गया है कि रूस सिर्फ उन्हीं परिस्थितियों में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा जब उस पर परमाणु हमला होगा, या इस तरह के हमले जिससे देश के अस्तित्व पर खतरा हो - तब रूस परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है.