यूक्रेन से युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. पुतिन ने दोबारा राष्ट्रपति बनते ही चीन जाने की इच्छा जताई है.
पुतिन का कहना है कि वह अपने नए कार्यकाल के दौरान पहली विदेश यात्रा के तहत चीन जाने पर विचार करेंगे. कहा जा रहा है कि पुतिन मई में चीन जा सकते हैं, जहां वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे.
रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी TASS का कहना है कि इस संबंध में मंगलवार को हुई बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता जेनेडी जूगानोव ने पुतिन से अपने पहले विदेशी दौरे के लिए चीन को चुनने की सलाह दी थी.
जेनेडी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद आपका पहला दौरा किसी पूर्वी देश का होना चाहिए ना कि किसी पश्चिमी देश का. शी जिनपिंग आपके दौरे का इंतजार कर रहे हैं, वह हमारे देश को बहुत प्यार करते हैं. इसके बाद पुतिन ने चीन जाने की इच्छा जताते हुए वहां जाने का वादा किया. पुतिन ने कहा कि मैं यकीनन चीन जाऊंगा.
जीत के बाद नाटो को दी थी चेतावनी
पुतिन ने चुनाव में जीत के तुरंत बाद पश्चिमी गठबंधन NATO को चेतावनी दी थी. उन्होंने चेताया था कि रूस और नाटो के बीच सीधा टकराव तीसरे विश्व युद्ध की तरफ पहला कदम होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि शायद ही कोई ऐसा मंजर चाहेगा.
यूक्रेन के साथ जंग की वजह से पश्चिम और रूस के संबंध अपने सबसे खराब स्तर पर हैं. पुतिन ने सिर्फ तीसरे विश्व युद्ध की ही चेतावनी नहीं दी बल्कि उन्होंने परमाणु युद्ध को लेकर भी आगाह किया था.
88 फीसदी वोटों के साथ पांचवीं बार राष्ट्रपति बने थे पुतिन
व्लादिमीर पुतिन ने लगभग 88 प्रतिशत वोटों के साथ रूस के राष्ट्रपति चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज की थी. पुतिन ने 87.97% वोटों के साथ रूस का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया था. राष्ट्रपति के तौर पर यह उनका पांचवां कार्यकाल होगा. रूस की सत्ता में व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के रूप में 1999 से ही कायम हैं. बोरिस येल्तसिन ने खराब स्वास्थ्य के चलते 1999 में रूस की सत्ता की बागडोर व्लादिमीर पुतिन को सौंपी थी. तबसे वह कोई चुनाव नहीं हारे हैं.