भारत की मेजबानी में पिछले हफ्ते हुई जी-20 की बैठक में सदस्य देशों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारी तनातनी देखने को मिली. इस तनाव के कारण वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक बिना कोई संयुक्त बयान जारी किए ही शनिवार को समाप्त हो गई. रूस ने बैठक के बाद रविवार को आरोप लगाया कि रूस विरोधी पश्चिमी देशों ने जी-20 को अस्थिर कर दिया है. रूस ने भारत की मेजबानी की तारीफ करते हुए कहा कि उसने सभी देशों के हितों को देखते हुए निष्पक्ष विचार करने की कोशिश की.
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमें खेद है कि जी-20 की गतिविधियों को पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर किया जा रहा है और इस समूह को रूस के विरोधी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.'
रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में अमेरिका, यूरोपीय संघ और जी-7 के देशों पर ब्लैकमेल का आरोप लगाया और कहा कि ये देश यूक्रेन की स्थिति की बेतुकी व्याख्या कर रहे हैं. रूस ने कहा कि इन देशों ने अपने फैसले को लागू करने की कोशिश करके एक सामूहिक फैसले को अपनाने में बाधा डाली.
रूस ने कहा कि एक आर्थिक मंच पर यूक्रेन को घसीटने की कोशिश की गई. बयान में कहा गया, 'इन देशों का उद्देश्य लॉबिंग और अल्टीमेटम के जरिए संयुक्त बयान में यूक्रेन संघर्ष की अपनी परिभाषा को लागू करना था.'
बयान में कहा गया कि पश्चिम बहुध्रुवीय दुनिया की वास्तविकताओं को जितनी जल्दी हो सके, समझ ले और अपनी विनाशकारी नीतियों को त्याग दे. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'जी-20 को सुरक्षा क्षेत्र में घुसने के बजाय एक आर्थिक मंच बने रहना चाहिए.'
मेजबान भारत ने जी-20 मीटिंग में बैठक का सारांश पेश किया गया जिसे चेयर्स समरी कहा गया. इसमें कहा गया कि यूक्रेन में मौजूदा हालात और रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर देशों के अलग-अलग आकलन हैं.
इसमें कहा गया कि युद्ध के बारे में जानकारी देने वाले दो पैराग्राफ पर रूस और चीन को छोड़कर सभी सदस्य देशों में सहमति थी. दोनों पैराग्राफ पिछले साल बाली में हुए जी-20 की बैठक की घोषणापत्र से लिए गए हैं जिसमें यूक्रेन पर रूसी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई थी.
रूस ने की भारत की मेजबानी की तारीफ
रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में भारत की मेजबानी की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया और सभी देशों के हितों को ध्यान में रखा है.
बयान में कहा गया, 'इस संदर्भ में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया गया जिससे आर्थिक विकास और सतत विकास लक्ष्यों की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक बेहतर नींव तैयार होगी.'
रूस-यूक्रेन युद्ध को युद्ध कहने पर भारत ने किया था विरोध
जी-20 की बैठक से ठीक पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में छह भारतीय अधिकारियों के हवाले से लिखा था कि भारत नहीं चाहता कि बैठक में रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंधों को लेकर किसी तरह की चर्चा हो. अधिकारियों का कहना था कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर लगे प्रतिबंधों का नकारात्मक असर पूरी दुनिया पर पड़ा है.
एक अधिकारी का कहना था, 'भारत जी-20 के दौरान रूस पर किसी अतिरिक्त प्रतिबंध पर चर्चा करने या उसका समर्थन करने का इच्छुक नहीं है. रूस पर मौजूदा प्रतिबंधों का पूरी दुनिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.'
एक अन्य भारतीय अधिकारी ने कहा कि जी-20 आर्थिक मुद्दों पर बात करने का एक मंच है और रूस पर प्रतिबंध लगाना जी-20 का मुद्दा नहीं है.
जी-20 बैठक का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पिछले बुधवार को बुलाई गई मीटिंग में भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को जी-20 में युद्ध कहकर संबोधित करने पर भी राजी नहीं हुआ. अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि भारत ने संघर्ष को युद्ध कहकर संबोधित करने के बजाए 'संकट' या 'चुनौती' जैसे शब्दों पर आम सहमति बनाने की कोशिश की जिसके बाद चर्चा बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गई थी.