आठ महीने से जारी जंग के बीच रूस ने आशंका जताई है कि यूक्रेन रूस के खिलाफ डर्टी बम का इस्तेमाल कर सकता है. यह बम विकिरण फैलाने वाले रेडियोएक्टिव तत्वों जैसे जहरीले परमाणु की मदद से बनाया जाता है. वहीं, यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी देशों ने इससे इनकार करते हुए कहा है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रूस खुद के इस तरह के हमले पर पर्दा डालने के लिए यह आरोप यूक्रेन पर लगा रहा है.
रूस ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की बात
रूस के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि रूस चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन द्वारा डर्टी बम के इस्तेमाल की आशंका को लेकर गंभीर हो. इसी क्रम में रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने भारत और चीन के रक्षा मंत्री से इस मुद्दे को लेकर बात की है. इससे पहले सर्गेई शोइगू ने नाटो देशों के रक्षा मंत्री के सामने भी इस मुद्दे को उठाया है.
भारत सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि किसी भी देश को न्यूक्लियर हथियार के इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देश को जल्द से जल्द बातचीत और कूटनीति के रास्ते आना चाहिए.
आइए जानते हैं कि क्या होता है डर्टी बम और यह कितना खतरनाक है, जिसे लेकर रूस नाटो देशों और भारत से शिकायत कर रहा है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
डर्टी बम आम बम की तरह विस्फोट नहीं करते हैं बल्कि इस बम को जहरीला कचरा फैलाने के लिए डिजाइन किया जाता है. सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बम का इस्तेमाल आतंकवादी हथियार के तौर पर कर सकते हैं. विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इस बम के इस्तेमाल से आम जनता के बीच हाहाकार मच सकता है और इससे जान-माल की हानि हो सकती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बम के इस्तेमाल से लोगों की सेहत पर तात्कालिक प्रभाव सीमित होगा, क्योंकि इससे प्रभावित क्षेत्र के अधिकांश लोग इससे निकलने वाले विकिरण की चपेट में पूरी तरह आने से पहले भाग जाने में सक्षम होंगे. लेकिन शहरी क्षेत्रों को अस्थायी या स्थायी रूप से खाली करने से भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है.
कितना खतरनाक है ये डर्टी बम
ओबामा के कार्यकाल के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका की संसद (सीनेट) ने डर्टी बम के नुकसान का आकलन करवाया था. तत्कालीन अमेरिकी वैज्ञानिक संघ के अध्यक्ष और भौतिक विज्ञानी हेनरी केली ने इसमें उपयोग की जाने वाली परमाणु सामग्री की मात्रा और इसके प्रभाव के आधार पर काल्पनिक परिदृश्यों की एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की थी.
भौतिक विज्ञानी केली के मुताबिक, अस्पतालों में उपयोग होने वाले रेडियोधर्मी पदार्थ सीजियम से बने इस बम के विस्फोट से वह क्षेत्र दशकों तक असुरक्षित हो जाएगा और उस जगह को खाली कराने की नौबत आ सकती है. अगर रेडियोधर्मी कोबाल्ट के एक छोटे टुकड़े से डर्टी बम बनाकर अमेरिका के न्यूयार्क शहर के मैनहट्टन में विस्फोट कर दिया जाए तो यह द्वीप के 1,000 वर्ग किलोमीटर को प्रभावित कर सकता है. ये भी संभव है कि मैनहट्टन शहर कई वर्षों तक रहने लायक न रहे.
रूस के आरोप लगाने के मायने
रूस ने सोमवार को यूनाइटेट नेशन्स (संयुक्त राष्ट्र) में एक आरोप-पत्र दायर किया है. इस आरोप पत्र में रूस ने यूक्रेन द्वारा डर्टी बम के इस्तेमाल की आशंका जताई है. रूस चाहता है कि आगामी सुरक्षा परिषद की बैठक में इस पर चर्चा हो. रूस के परमाणु, जैविक और रासायनिक सुरक्षा सैनिकों के प्रमुख इगोर किरिलोव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यूक्रेन रूस की छवि को खराब करना चाहता है. किरिलोव ने कहा कि इस तरह के हमले के लिए यूक्रेन का मकसद रूस को दोष देना है. यूक्रेन इस हमले की मदद से रूस विरोधी अभियान चलाना चाहता है.
अमेरिका, ब्रिटेन ने क्या कहा
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि रूस के आरोप में कोई दम नहीं है. बयान में कहा गया है कि ऐसे समय में जब यूक्रेनी सेना फिर से अपने क्षेत्र पर कब्जा कर रही है, वैसे में ये बयान बेतुका है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रूस स्वयं के इस तरह के हमले को कवर करने के लिए यह आरोप यूक्रेन पर लगा रहा है. जेलेंस्की ने कहा कि रूस का यूक्रेन पर इस तरह से आरोप लगाने का मतलब है कि रूस ने इसकी तैयारी कर ली है.