रूस ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के भारत के दावे का समर्थन किया है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की रूस यात्रा के दौरान दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार किया जाए तो उसमें समकालीन वास्तविकताएं झलकनी चाहिए.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मनमोहन सिंह की बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि वे इस बात पर सहमत हैं कि सुरक्षा परिषद में किसी तरह के विस्तार में समकालीन वास्तविकताएं झलकनी चाहिए. इस संबंध में, रूसी महासंघ ने अपने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता हेतु भारत के लिये मजबूती से अपना समर्थन दोहराया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आखिरी विस्तार साल 1963 में हुआ था जब अस्थायी श्रेणी में सदस्यों की संख्या 11 से बढाकर 15 कर दी गई. भारत के साथ ब्राजील, जर्मनी और जापान ने मिलकर सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता में विस्तार हेतु दबाव बनाने के लिए चार देशों का समूह (जी4) बनाया है.
फिलहाल सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं, चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका. इसके अलावा 10 अस्थायी सदस्य भी हैं जिसमें पांच सदस्य दो वर्ष के कार्यकाल के लिए हर साल चुने जाते हैं.