यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का खतरा बरकरार चल रहा है. रूस ने दावा जरूर किया है कि उसकी सेना अब कई इलाकों से वापस लौट रही है, लेकिन अमेरिका और नाटो की मानें तो रूस की कथनी और करनी में काफी फर्क है. दावा तो ये हो रहा है कि कई क्षेत्रों में रूसी सेना बॉर्डर के करीब और ज्यादा बढ़ती जा रही है.
रूस की करनी-कथनी में फर्क?
रूस के रक्षा मंत्रालय ने जारी बयान में बताया था कि उनकी सेना सैन्य अभ्यास के बाद वापस लौट रही है. एक वीडियो भी जारी किया गया जिसमें टैंक, सेना और वाहन Crimean peninsula से वापस लौट रहे थे. लेकिन इन दावों को अमेरिकी रक्षा मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि एक बात तो ये है जो रूस बताता है, लेकिन दूसरी बात वो है जो रूस असल में करता है. हमारी तरफ से अभी तक रूसी सेना की वापसी नहीं देखी गई है, बल्कि उनकी सेना बॉर्डर के और ज्यादा करीब आती दिख रही है.
नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने भी रूस की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उनकी माने तो अभी तक तनाव को कम करने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. वे कहते हैं कि हमने रूस की तरफ से कोई भी पुलबैक नहीं देखा है. हमने इतना जरूर देखा है कि रूस की तरफ से सेना के जवान और ज्यादा तैनात कर दिए गए हैं. कई और सैनिक अभी बॉर्डर की ओर आ रहे हैं. ऐसे में अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है.
रूस क्या कह रहा है?
अब अमेरिका और नाटो तो लगातार रूस पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन पुतिन की सरकार इन्हें नकार रही है. उनकी तरफ यही कहा जा रहा है कि वे यूक्रेन संग युद्ध नहीं चाहते हैं. उनकी सिर्फ इतनी चिंता है कि यूक्रेन किसी भी सूरत में नाटो का हिस्सा ना बन जाए. वे इसे अपने देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं. रूस के मुताबिक अमेरिका ने बातचीत के जरिए समाधान की बात कही थी. हथियारों के नियंत्रण पर भी चर्चा हुई थी.
वैसे इन आरोप-प्रत्यारोप के बीच यूक्रेन की चिंता इसलिए ज्यादा बढ़ गई क्योंकि उनकी अहम वेबसाइट को हैक किया गया. यूक्रेन ने रूस पर उनकी साइट को हैक करने का आरोप लगाया है. कहा गया कि इतनी बड़े स्तर की हैकिंग पहले उनके देश ने नहीं देखी है. लेकिन रूस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने जारी बयान में कहा है कि उन्हें पता था कि आरोप मास्को पर ही लगाया जाएगा, लेकिन ये सच नहीं है.