रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ चुकी है. टैंक जमीन पर हैं, आसमान में लड़ाकू विमान गश्त लगा रहे हैं और समुद्र में नौसेना भी सक्रिय हो गई है. ऐसे में दोनों देशों की तरफ से दावे बड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि एक दूसरे को बड़ा नुकसान दिया गया है. लेकिन जमीन पर असल स्थिति क्या है? अभी तक क्या जानकारी सामने आई है?
बात सबसे पहले यूक्रेन की करते हैं तो उसकी तरफ से कई मौकों पर साफ कर दिया गया है कि रूस के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. यूक्रेन की मानें तो उसने अभी तक रूस के कुल 7 लड़ाकू विमान ढेर कर दिए हैं. इसके अलावा ये भी कहा गया है कि उसके पचास सैनिकों को भी मौत के घाट उतार दिया गया है. यूक्रेन ने यहां तक दावा किया है कि उनकी तरफ से रूस की 2 कार्गो शिप पर भी हमला किया गया.
लेकिन यूक्रेन के ये हमले काफी सीमित रहे हैं, जबकि रूस की तरफ से आर्मी से लेकर एयरफोर्स तक और अब तो नौसेना को भी मैदान में उतार दिया गया है. चालीस से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की खबर है, इसके अलावा राजधानी कीव की पास वाली एयरफील्ड पर भी रूस ने अपना कब्जा जमा लिया है.
इसके अलावा रूस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यूक्रेन की 74 facilities को भी नष्ट कर दिया है. वहां के रक्षा मंत्रालय की माने तो जवाबी कार्रवाई के दौरान यूक्रेन के 11 एयरबेस भी तबाह कर दिए गए हैं. लेकिन ये हमले अभी नहीं रुकने वाले हैं. जानकारी मिली है कि कल भी रूस अपना आक्रमण जारी रखने वाला है. उसकी तरफ से सबसे ज्यादा हमला यूक्रेन की राजधानी Kyiv पर किया जाएगा. रणनीति ये रखी गई है कि अब उस क्षेत्र में बिजली, पानी और भोजन जैसी मूलभूत चीजों को रुकवा दिया जाएगा. ऐसा होने पर वहां पर सेना और लोग पाई-पाई के लिए मोहताज हो जाएंगे और फिर सरेंडर कर देंगे.
यूक्रेन जरूर कह रहा है कि वो रूस के हर हमले का जवाब देगा, लेकिन अभी जमीन पर स्थिति उसके खिलाफ चल रही है. किसी भी देश ने सैन्य तौर पर उसकी मदद नहीं की है. बयान जरूर दिए जा रहे हैं, नाटो की तरफ से 100 विमानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, अमेरिका भी पाबंदियों की बात कर रहा है, लेकिन जमीन पर युद्ध अकेला यूक्रेन लड़ रहा है. इसी वजह से कई मौकों पर रूसी सेना, यूक्रेन पर हावी हो रही है.
कुछ घंटे पहले ही यूक्रेन की 56वीं बिग्रेड ने अपना सरेंडर कर दिया था. वहां पर रूसी सैनिकों का ऐसा हमला हुआ कि सबकुछ तहस-नहस हो गया. दूसरे क्षेत्रों से भी ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिली हैं. ऐसे में यूक्रेन की हालत पतली है और रूस कदम पीछे खींचने के बारे में नहीं सोच रहा है.