यूक्रेन के राष्ट्रपति Zelensky ने पीएम मोदी से फोन पर बात की है. युद्ध की स्थिति के बीच Zelensky ने भारत से मदद की अपील की है. उन्होंने बताया है कि इस समय उनकी धरती पर एक लाख से अधिक आक्रमणकारी ने घुसपैठ कर रखा है. उन्होंने बातचीत के दौरान पीएम मोदी से राजनीतिक समर्थन की अपील की है. वे Security Council में भारत की तरफ से अपने पक्ष में समर्थन चाहते हैं.
Spoke with 🇮🇳 Prime Minister @narendramodi. Informed of the course of 🇺🇦 repulsing 🇷🇺 aggression. More than 100,000 invaders are on our land. They insidiously fire on residential buildings. Urged 🇮🇳 to give us political support in🇺🇳 Security Council. Stop the aggressor together!
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 26, 2022
अब इस समय यूक्रेन के राष्ट्रपति की पीएम मोदी से ये बातचीत काफी अहम है क्योंकि हाल ही में यूक्रेन ने भारत के रुख पर आपत्ति जाहिर की थी. भारत ने एक न्यूट्रल स्टैंड लिया था लेकिन यूक्रेन मदद की आस लगाए बैठा था. ऐसे में अब जब फोन पर दोनों बड़े नेताओं की बात हुई है तो फिर मदद से लेकर समर्थन पर जोर दिया गया है. राष्ट्रपति Zelensky के लिए ये ज्यादा जरूरी है कि यूएन काउंसिल में भारत उसका समर्थन करे. लेकिन इस पूरे विवाद पर भारत ने अभी तक किसी का भी स्टैंड नहीं लिया है, उसका रुख न्यूट्रल है और वो सिर्फ बातचीत के जरिए समाधान पर जोर दे रहा है.
वैसे इससे पहले पीएम मोदी की तरफ से रूस के राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की गई थी. तब 25 मिनट तक वर्तमान स्थिति पर मंथन हुआ था. उस बातचीत में पीएम मोदी ने पुतिन के सामने यूक्रेन में फंसे भारतीयों का मुद्दा उठाया था. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि कूटनीति के जरिए ही यूक्रेन संग विवाद को शांत किया जा सकता है.
अब भारत के लिए ये स्थिति किसी धर्म संकट से कम नहीं है. एक तरफ सालों पुराना दोस्त रूस है तो वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन भी समर्थन की उम्मीद लगाए बैठा है. कुछ देशों ने तो खुलकर यूक्रेन का समर्थन किया है, लेकिन भारत अभी सेफ खेल रहा है. वैसे भारत के रूस संग रिश्तों पर अमेरिका ने भी बड़ा बयान दिया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से कहा, 'रूस के साथ हमारे रिश्ते निश्चित रूप से वैसे नहीं हैं जैसे भारत के साथ रूस के रिश्ते हैं. भारत और रूस रक्षा साझीदार है और उनका एक मजबूत रिश्ता है लेकिन हमारे और रूस के बीच ऐसा नहीं है. हमने हर उस देश, जिसके रूस से संबंध है, उनसे कहा है कि वो अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत अपने रिश्ते का लाभ उठाएं.'