यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध हर गुजरते दिन के साथ और ज्यादा विध्वंसक होता जा रहा है. अब रूसी सेना ने पूरे यूक्रेन को घेर रखा है. पूरी कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द राजधानी कीव पर कब्जा जमाया जा सके. कीव के अलावा खारकीव में भी रूसी सेना के हमले जारी हैं. वहां पर जमीन पर स्थिति बद से बदतर की ओर जा रही है.
आजतक लगातार यूक्रेन से जंग की कवरेज कर रहा है. खारकीव में स्थिति काफी खराब हो चुकी है. मिसाइलें दागी जा रही हैं, माइनस में तापमान चला गया है और हजारों भारतीय छात्र वहां फंस चुके हैं. बताया गया है कि मंगलवार रात से ही खारकीव और सुमी में एयर सायरन सुनाई दे रहे थे. लगातार बड़े हमले की चेतावनी दी जा रही थी. ऐसे में वहां फंसे भारतीय सिर्फ परेशान होते रहे.
भारतीय छात्रों के अलावा कई यूक्रेन के भी ऐसे नागरिक हैं जो जल्द से जल्द खारकीव और सुमी छोड़ना चाहते हैं. बच्चे और महिलाएं तो इसमें सफल भी हुए हैं, लेकिन जो 25 से 30 साल के पुरुष हैं, उन्हें देश छोड़ने की इजाजत नहीं दी जा रही है. ऊपर से फरमान है कि सभी पुरुषों को रूस के खिलाफ युद्ध में सक्रिय भूमिका निभानी होगी. उन्हें अपने देश की सुरक्षा के लिए जमीन पर जा लड़ना होगा.
अब इतना सबकुछ इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि रूस का हमला अब रिहायशी इलाकों तक पहुंच चुका है. खारकीव में ही एक लोकल अस्पताल पर रूसी airborne ट्रूप्स की तरफ से हमला किया गया है. वहां पर स्थिति काफी संवेदनशील बनी हुई है.
इसके अलावा अब रूसी सेना ने आगे बढ़ते हुए Kherson पर कब्जा कर लिया है. दूसरी तरफ कीव-खारकीव में बमबारी भी तेज हो गई है. पूरी कोशिश है कि पहले इन छोटे शहरों पर कब्जा जमाया जाए और फिर कीव पर बड़ी कार्रवाई की जाए. ऐसे में स्थिति लगातार बदल रही है और यूक्रेन में रूस के किसी बड़े हमले का अंदेशा भी बढ़ गया है.
यूक्रेन में फंसे भारतीयों की बात करें तो अभी तक 12 हजार से ज्यादा छात्र वापस आ चुके हैं. लेकिन अभी भी कई छात्र और दूसरे भारतीय वहां पर फंसे हुए हैं. पीएम मोदी द्वारा अब एयरफोर्स को भी मिशन गंगा के साथ जुड़ने का निर्देश दिया जा चुका है और बड़े स्तर पर मिशन शुरू भी कर दिया गया है.