
यूक्रेन ने पूर्वी यूक्रेन में रूसी समर्थित बलों पर लुहान्स्क क्षेत्र के एक गांव में गोले दागने का आरोप लगाया, जिसमें कहा गया है कि गोला दागकर किंडरगार्टन को निशाना बनाया गया है. यूक्रेन की ओर से आरोप लगाया गया कि गुरुवार को रूस समर्थित विद्रोहियों ने पूर्वी यूक्रेन में युद्धविराम रेखा के पार गोलीबारी की. उन्होंने कहा कि गोलीबारी ऐसे समय में की गई, जब पश्चिमी देशों ने किसी भी दिन रूसी आक्रमण की संभावना की चेतावनी दी थी. हालांकि गोलीबारी की पुष्टि नहीं की गई है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यूक्रेन की ओर से युद्ध की संभावना पर चिंता जताई गई है और कहा गया है कि 1 लाख से अधिक रूसी सैनिक यूक्रेन की सीमा के पास हैं. उधर, मॉस्को ने इस बात से इनकार किया कि वह हमले की योजना बना रहा है. कहा गया है कि इस सप्ताह वह कुछ सैनिकों को वापस बुला रहा है लेकिन पश्चिमी देशों का कहना है कि वे इस बारे में आश्वस्त नहीं हैं.
अलगाववादियों ने सरकारी बलों पर पिछले 24 घंटों में चार बार उनके क्षेत्र में गोलीबारी करने का आरोप लगाया, जबकि यूक्रेन ने विद्रोहियों पर गोले दागने का आरोप लगाया. यूक्रेन की ओर से कहा गया कि विद्रोहियों ने किंडरगार्टन पर हमला किया. यूक्रेन के विद्रोहियों के कब्जे वाले लुहान्स्क क्षेत्र के कादिवका शहर में एक रॉयटर्स फोटोग्राफर ने लाइन ऑफ कॉन्टैक्ट की ओर गोलीबारी की आवाज सुनी, लेकिन वे तुरंत घटना के डिटेल के संबंध में बताने में सक्षम नहीं थे.
दो विद्रोही क्षेत्रों में से एक स्व-घोषित लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक ने कहा कि यूक्रेनी बलों ने गुरुवार को चार अलग-अलग घटनाओं में मोर्टार, ग्रेनेड लांचर और एक मशीन गन का इस्तेमाल किया था. उधर, अलगाववादियों ने एक बयान में कहा, "यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने भारी हथियारों का इस्तेमाल करते हुए युद्धविराम का गंभीर उल्लंघन किया है, जिसे मिन्स्क समझौते के अनुसार वापस ले लिया जाना चाहिए."
विद्रोहियों का जिक्र करते हुए, यूक्रेन की सेना ने कहा, "रूसी कब्जे वाले सैनिकों ने लुहान्स्क क्षेत्र के स्टैनित्सा लुगांस्क गांव पर गोलाबारी की. आतंकवादियों द्वारा भारी तोपखाने के हथियारों का उपयोग किया गया. गोले बालवाड़ी की इमारत पर गिरे."
बता दें कि रूस के संसद के निचले सदन ने मंगलवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से दो स्व-घोषित अलगाववादी गणराज्यों को स्वतंत्र के रूप में मान्यता देने के लिए मतदान किया.
ये भी पढ़ें