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रूस-यूक्रेन के विदेश मंत्रियों की बातचीत बेनतीजा, Kuleba बोले- सीजफायर पर कोई बात नहीं हुई

तुर्की में रूस-यूक्रेन और तुर्की की त्रिपक्षीय बैठक हुई. हालांकि, इसका कोई नतीजा नहीं निकला. यूक्रेन के विदेश मंत्री ने बताया कि रूसी विदेश मंत्री के साथ किसी समझौते पर पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण था.

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तुर्की के एंटाल्य शहर में हुई रूस-यूक्रेन और तुर्की की त्रिपक्षीय बैठक.
तुर्की के एंटाल्य शहर में हुई रूस-यूक्रेन और तुर्की की त्रिपक्षीय बैठक.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस की सभी मांग पूरा करने का इरादा नहीं- Kuleba
  • दोनों देशों की बतचीत में तुर्की के विदेश मंत्री भी रहे मौजूद

पिछले 15 दिनों से जंग लड़ रहे रूस और यूक्रेन के बीच अब बातचीत का सिलसिला भी शुरू गया है. तुर्की के एंटाल्या शहर में आज रूस के विदेश मंत्री Sergey Lavrov और यूक्रेन के विदेश मंत्री Dmytro Kuleba के बीच त्रिपक्षीय मुलाकात हुई. कयास लगाए जा रहे थे कि इस बातचीत में युद्ध विराम को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. बल्कि, दोनों विदेश मंत्रियों की बातचीत बेनतीजा रही.

बैठक के बाद यूक्रेन के विदेश मंत्री Dmytro Kuleba ने कहा कि रूसी विदेश मंत्री Lavrov के साथ समझौता करना बेहद मुश्किल है. बातचीत के दौरान सीजफायर पर कोई बातचीत नहीं हुई. उन्होंने आगे कहा कि रूस की हर मांग को पूरा करने का हमारा कोई इरादा नहीं है. 

ऑफिशियल फोटो में दिखीं दूरियां

दोनों की मुलाकात की एक ऑफिशियल फोटो भी सोशल मीडिया पर जारी की गई. फोटो में दोनों के बीच दूरियां साफ नजर आईं. फोटो में रूस के विदेश मंत्री Sergey Lavrov बैठक के दौरान 2 सलाहकारों से घिरे दिखे. वहीं, यूक्रेन के विदेश मंत्री Dmytro Kuleba भी अपने अधिकारियों के साथ वहां मौजूद थे. खास बात यह है कि तुर्की के विदेश मंत्री Mevlut Cavusoglu भी बैठक में मौजूद थे. Cavusoglu होटल के कॉन्फ्रेंस रूम में यू शेप वाली टेबल के एक कोने में बैठे हुए थे. यह दोनों देशों के बीच पिछले 15 दिनों में पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी. Cavusoglu ने कहा है कि बैठक का आयोजन तुर्की के राष्ट्रपति की सहमति के बाद किया गया. इसका उद्देश्य रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों के बीच बैठक का रास्ता बनाना था. 

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रूस से संबंध खराब नहीं करना चाहता तुर्की

बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 15 दिनों से युद्ध जारी है. रूस ने इन 15 दिनों में यूक्रेन पर जबरदस्त बमबारी की है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई है. रूस के इस हमले के बाद अमेरिका समेत ज्यादातर यूरोपीय देशों ने रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं. ऐसे में NATO का सदस्य होने के चलते यूरोपीय देश तुर्की पर भी रूस के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है. इसलिए, तुर्की चाहता है कि वह रूस और यूक्रेन के मध्यस्थता कराने में माध्यम का काम करे. इसलिए तुर्की के शहर एंटाल्या में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने बैठक की. बता दें कि NATO के सदस्य देश तुर्की के रूस से भी अच्छे संबंध हैं. इसलिए वह दोनों देशों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है. भारत की तरह वह भी खुद को निष्पक्ष दिखाना चाहता है.

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