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कीव से सेना पीछे हटाकर डोनबास में फाइनल अटैक की तैयारी में रूस, यूक्रेन से अलग करेगा?

Russia Ukraine News: रूस अब डोनबास से कुछ सैनिकों को हटाकर अपना फोकस डोनबास की तरफ शिफ्ट कर रहा है. इसके अलावा मारियूपोल शहर को उसने बर्बाद कर दिया है.

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कीव पर अबतक कब्जा नहीं कर पाई रूसी सेना
कीव पर अबतक कब्जा नहीं कर पाई रूसी सेना
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कीव पर अबतक कब्जा नहीं कर पाई रूसी सेना
  • रूसी सैन्य अफसर बोले- डोनबास की आजादी पर है फोकस

Russia Ukraine News: यूक्रेन पर रूसी हमले आज शुक्रवार को 37वें दिन भी जारी हैं. हालांकि, अब रूस की रणनीति पूरी तरह से बदली-बदली दिख रही है. रूस का यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे का प्लान लगभग फ्लॉप हो गया है, इसके बाद अब पुतिन की सेना ने अपना पूरा फोकस डोनबास (Donbas) इलाके की तरफ शिफ्ट कर लिया है. बता दें कि यूक्रेन में स्थित डोनबास के इलाकों (Donetsk और Luhansk) को रूस पहले ही अलग देश के रूप में मान्यता दे चुका है, लेकिन अभी यहां संघर्ष जारी है. अमेरिका को लगता है कि इससे रूस-यूक्रेन युद्ध और लंबा चल सकता है.

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पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले कीव को जो रूसी सैनिक का काफिला घेर रहा था, उसमें से कुछ फोर्स को अब डोनबास इलाके के पूर्व में भेजा गया है. दरअसल, रूस इसके दो इलाकों को अलग देश घोषित तो कर चुका है लेकिन यहां यूक्रेनी सेना उसको कड़ी टक्कर दे रही है, जिससे रूस चौंकन्ना हो गया है.

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पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी के मुताबिक, कीव को जिन सैनिकों के घेरा हुआ था, उनमें से 20 फीसदी फोर्स को अब डोनबास की तरफ भेज दिया गया है. कीव पर कब्जे की प्लानिंग विफल होना भी इसके पीछे वजह मानी जा रही है.

रूस के फोकस में डोनबास की आजादी

खबरों के मुताबिक, रूसी सेना के सीनियर लीडर Sergei Rudskoi ने भी पिछले दिनों कहा था कि यूक्रेन में शुरू किए गए मिलिट्री कैंपेन का पहला फेज पूरा किया जा चुका है और अब मुख्य फोकस 'डोनबास की आजादी' पर होगा.

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बता दें कि डोनबास इलाके में छोटा-मोटा गतिरोध पिछले आठ सालों से जारी है. यहां रूस के समर्थन वाले लोग पहले से मौजूद हैं. जिनको दबाने के लिए यूक्रेनी सेना वहां खासी एक्टिव है.

बता दें कि 2017 के बाद वहां जंग जैसे हालातों में मरने वाले लोगों की संख्या में कमी आ रही थी. लेकिन 24 फरवरी को पुतिन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ शुरू किए गए स्पेशन मिलिट्री ऑपरेशन के बाद स्थिति बदली है. पुतिन ने भले यह ऑपरेशन डोनबास के लोगों की रक्षा के नाम पर शुरू किया था. लेकिन अब वहां इसका प्रतिकूल रूप देखने को मिल रहा है.

 

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