रूस-यूक्रेन की जंग ने यूक्रेन के लाखों लोगों की जिंदगी बदहाल कर दी है. रूसी सेना की एयरस्ट्राइक में यूक्रेन के कई नागरिकों की मौत हो रही है. यूक्रेन के बड़े शहरों में रोजाना लोगों की मौत हो रही है. इस बीच राजधानी कीव से जिंदगी की उम्मीदें बांधती एक तस्वीर सामने आई है. कीव के सब-वे (मेट्रो स्टेशन) में आश्रय लेने वाली एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है. इस सब-वे को 25 फरवरी से शेल्टर (आश्रय स्थल) की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.
दरअसल, यूक्रेन में जारी रूस की बमबारी से वहां भगदड़ जैसी स्थिति बन गई है. लोगों को जहां जगह मिल रही है, वे सुरक्षित ठिकाने की तलाश में वहां भाग रहे हैं. तकरीबन 1 लाख लोग देश छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि पलायन नहीं रुका तो करीब 40 लाख लोग यूक्रेन छोड़ सकते हैं. इस बीच कीव या यूक्रेन के बड़े शहरों में रहने वाले लेगों ने सबवे (मेट्रो स्टेशन) के नीचे पनाह ली हुई है.
दरअसल, यूक्रेन में बने ज्यादातर सब-वे अंडरग्राउंड हैं. ये जमीन के काफी अंदर बेहद मजबूती से बनाए गए हैं. यूक्रेन के लोगों को उम्मीद है कि यहां शरण लेने पर रूसी बम उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे और घरों के मुकाबले यहां उनके बचने की संभावना ज्यादा है.
पुरुषों को यूक्रेन छोड़ने की मनाही
सुरक्षित ठिकाने की तलाश में यूक्रेन के हजारों लोग सीमा पार कर पश्चिम में स्थित पड़ोसी देशों में पहुंच रहे हैं. पड़ोसी देशों में शरण लेने वालों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे या बुजुर्ग लोग हैं. दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने आदेश जारी किया है कि देश के जो भी नागरिक सेना में शामिल होने लायक हैं, वे देश छोड़कर नहीं जा सकते.
लोगों को भरोसा, सिविलियन को नहीं मारेगी सेना
रूसी हमले के बीच यूक्रेन के लोग कीव जैसे बड़े शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ भाग रहे हैं. यूक्रेन के मारियोपोल से हजारों लोग ट्रेन के जरिए कीव की तरफ रवाना हुए. हालांकि, वे कीव नहीं गए और रास्ते में पड़ने वाले छोटे कस्बों के स्टेशन पर उतर गए. इन लोगों का मानना है कि रूस की सेना आम नागरिकों पर हमला नहीं करेगी.