रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब विस्फोटक रूप ले चुका है. एक तरफ अगर रूस की तरफ से यूक्रेन में बने न्यूक्लियर प्लांट पर बमबारी देखने को मिली है तो दूसरी तरफ ऐसी भी रिपोर्ट आ रही हैं कि यूक्रेन की तरफ से जैविक हथियारों पर रिसर्च किया जा रहा है. अब रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर यूक्रेन पर बड़ा आरोप लगा दिया है. कहा गया है कि रूस और यूक्रेन के बॉर्डर पर जैविक हथियारों पर शोध किया जा रहा है.
क्या यूक्रेन में जैविक हथियार वालीं 30 लैब?
इससे पहले भी ऐसी खबरें आई थीं कि यूक्रेन में रूस को 30 ऐसी लैब मिली हैं जहां पर जैविक हथियारों पर रिसर्च किया जा रहा है. ये भी दावा हुआ था कि अमेरिका द्वारा इन लैंब को फंडिंग दी जा रही थी. ये सभी आरोप रूस द्वारा ही लगाए गए थे. अभी के लिए रूस लगातार पूरी दुनिया से अपील कर रहा है कि ऐसे तमाम जैविक हथियारों का तुरंत खात्मा होना जरूरी है. वैसे यूक्रेन की ओर से इन दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
वैसे रूस की तरफ से यूक्रेन पर सिर्फ जैविक हथियारों को लेकर ही आरोप नहीं लगा है. इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन दावा कर चुके हैं कि यूक्रेन एक बार फिर परमाणु हथियार हासिल करने की फिराक में है. उनकी माने तो उसी वजह से उन्होंने यूक्रेन पर ये सैन्य कार्रवाई की. वे इसे अपने देश के लिए एक बड़ा खतरा मानते हैं.
वर्तमान युद्ध की बात करें तो आज रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की बातचीत होने वाली है. कहा जा रहा है कि इस बार जेलेंस्की क्रीमिया और डोनबास क्षेत्र के जिन इलाकों को मान्यता दी गई थी, उनपर रूस से बातचीत को तैयार हैं. रूस इनको यूक्रेन से अलग जगहों के तौर पर देखता है. डोनबास में ही वे दो इलाके (लुहान्स्क,डोनेस्क) हैं जिनको रूस ने अलग देश के रूप में मान्यता दी थी.
कीव से अभी भी दूर रूसी सेना
ऐसे में बातचीत को लेकर पहल तो की गई है, अब ये सफल कितनी रहती है, ये आने वाले कुछ घंटों में साफ हो जाएगा. अभी के लिए रूस की तरफ से लगातार ताबड़तोड़ हमले जारी हैं. कीव पर तो रूसी सेना कब्जा नहीं कर पाई है, लेकिन यूक्रेन को चारों तरफ से घेरने का काम जरूर शुरू हो चुका है. सुरक्षा के लिहाज से जरूरी माने जाने वाले कई ठिकानों पर रूस ने अपना कब्जा जमा लिया है, ऐसे में आने वाले दिनों में कार्रवाई और तेज हो सकती है.