रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को अब 20 दिन हो गए हैं. बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकला है और कीव पर रूसी सेना के हमले और ज्यादा तेज हो गए हैं. ऐसे में इस युद्ध का कब और कैसे अंत होगा, ये कोई नहीं बता पा रहा है. लेकिन इस बीच ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने ये जरूर बता दिया है कि रूस-यूक्रेन जंग की कहानी कब और कैसे लिखी गई थी. उन्होंने इसके लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बता दिया है.
The Telegraph अखबार के एक लेख में बोरिस जॉनसन ने लिखा है कि जब रूस ने क्रीमिया पर हमला किया था, पश्चिमी देशों ने रूस को माफ कर सबसे बड़ी गलती की थी. उसके साथ सामान्य आर्थिक नीति रखना भी सभी को भारी पड़ा. रूस जो चाहता था, वही हुआ, पश्चिमी देश तेल और कोयले के लिए रूस पर और ज्यादा निर्भर हो गए.
वे आगे कहते हैं कि इसी वजह से पुतिन ने यूक्रेन पर हमला किया, उसे पता था कि अगर अभी हमला किया जाएगा तो कोई भी दूसरा देश उसे सजा नहीं दे पाएगा. उसे इस बात का अहसास था कि कई देशों की निर्भरता रूस पर काफी ज्यादा है. इसी वजह से अब रूस अस्पतालों पर हमला कर रहा है, शरणार्थियों पर गोलियां बरसा रहा है.
बोरिस जॉनसन ने जोर देकर कहा है कि ऐसे समय में अब रूस को रोकने का सिर्फ एक ही तरीका है. रूस के आयात पर निर्भरता को जितना कम किया जाएगा, उसकी अर्थव्यवस्था उतनी तबाह होगी. इसी वजह से ब्रिटेन साल के अंत तक रूस से तेल के आयात को पूरी तरह रोकना चाहता है. वैसे जो काम ब्रिटेन साल के अंत तक करना चाहता है, अमेरिका ने कई दिन पहले ही ये बड़ा कदम उठा लिया था. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा था कि वे रूस से तेल और कोयले के आयात को रोकने जा रहे हैं. वे इस दिशा में आत्मनिर्भर बनेंगे और पूरी दुनिया को भी आत्मनिर्भर बनने पर प्रेरित करेंगे.
रूस यूक्रेन युद्ध की बात करें तो 20 दिन बाद भी जमीन पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. यूक्रेन ने अब तक कीव को बचाया जरूर है, लेकिन रूसी सेना अब और ज्यादा आक्रमक अंदाज में हमला कर रही है. पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द कीव पर भी रूसी सेना अपना कब्जा जमा ले.