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रूस कब करेगा विरोधी ताकतों के खिलाफ जंग का ऐलान? ब्रिटेन ने बताई तारीख

रूस ने जब यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के नाम पर सैन्य कार्रवाई शुरू की थी, तभी से वह दुनियाभर के देशों को विश्वयुद्ध और परमाणु हमले की धमकी देता रहा है. अब ब्रिटेन ने भी आशंका जताई है कि रूस अपने विरोधी देशों के खिलाफ जंग का ऐलान कर सकता है.

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व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)
व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 9 मई को विश्वयुद्ध का ऐलान करेगा रूस- ब्रिटेन
  • रूस ने बढ़ा दी है यूक्रेन पर हमलों की रफ्तार

रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया, तब से ही परमाणु युद्ध और विश्वयुद्ध की धमकियां दे रहा है. ऐसे युद्ध की आशंकाएं जताई भी जा रही थीं लेकिन ये अभी तक सिर्फ धमकियां, अटकलें और चर्चाओं तक ही सीमित था. पहली बार रूस और यूक्रेन को छोड़कर दुनिया के किसी देश ने ये माना है कि रूस एक खास दिन पर पूरे विश्व को युद्ध की आग झोंक देगा. वह तीसरा देश है ब्रिटेन.

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ब्रिटेन ने विश्वयुद्ध के ऐलान की तारीख बताई है. ब्रिटेन का दावा है कि 9 मई की विक्ट्री डे परेड में रूस अपनी विरोधी शक्तियों के खिलाफ जंग का ऐलान करने वाला है. ब्रिटेन ने ये भी कहा है कि रूस, यूक्रेन को मिल रही मदद का पूरा तंत्र तोड़ने वाला है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा दावा क्यों किया गया है. 24 फरवरी को यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के नाम पर रूस ने हर हथियार का इस्तेमाल किया. हाइपरसोनिक मिसाइल, क्लस्टर बम और वैक्यूम बमों से यूक्रेन को तबाह कर दिया लेकिन समय के साथ रूस भी अब युद्ध के लंबा खिंचने से बेचैन हो रहा है. वह बहुत दिनों तक युद्ध नहीं लड़ना चाहता.

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ऐसी खबरें हैं कि रूस ने अपने जनरलों को निर्देश दिया है कि 9 मई से पहले वे यूक्रेन जीतकर आएं. ऐसा इसलिए भी, क्योंकि रूस 9 मई को विक्ट्री डे मनाता है. 9 मई को रूस द्वितीय विश्वयुद्ध में मिली जीत की खुशी विक्ट्री डे के तौर पर मनाता है जिसमें वो दुनिया के सामने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता है. 9 मई 1945 को सोवियत सेना ने नाजी जर्मनी की सेना को बुरी तरह हराकर जीत दर्ज की थी. इसी जीत का जश्न विक्ट्री डे के तौर पर हर साल मनाया जाता है. अब ये बताना भी जरूरी है कि यूक्रेन की तबाही और 9 मई का कनेक्शन क्या है?

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दरअसल रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो उसने यूक्रेन की ओर से लड़ने वाले हर शख्स को Neo Nazi कहा. शायद यही वजह है कि पुतिन चाहते हैं कि रूस अब यूक्रेन की इस कथित Neo Nazi सेना को सोवियत स्टाइल में हराकर विक्ट्री डे परेड में शान से जाए. यूक्रेन पर जीत दर्ज करके, वो अपना नाम रूस के सबसे दमदार राष्ट्रपति के रूप में दर्ज कराना चाहते हैं. रूस, यूक्रेन के कुछ हिस्सों जैसे- डॉनबास, मारियूपोल, खेरसॉन और खारकीव जैसे क्षेत्रों पर संपूर्ण कब्जा करना चाहता है ताकि विक्ट्री डे परेड में इन इलाकों पर अपनी जीत की झांकी निकाल सके. यही कारण है कि 9 मई की तारीख को लेकर ब्रिटेन सहित तमाम नैटो देश आशंकित हैं. दुनिया को डर है कि कहीं 9 मई 2022 विश्व युद्ध की शुरुआत की आधिकारिक तारीख न बन जाए.

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यूक्रेन में दुनिया को अपनी मारक शक्ति दिखा रहा रूस

ये विक्ट्री डे परेड ही है जो दुनिया को रूस की मारक शक्ति का अहसास कराती है. इस परेड में शामिल होने वाले हथियारों की झांकी ही दुनिया के ताकतवर देशों को ये सोचने पर मजबूर करती है कि रूस से भिड़ना खतरनाक हो सकता है. एक बार फिर यूक्रेन में रूस की मारक शक्ति दुनिया देख रही है लेकिन इस युद्ध में उसके और जीत के बीच कई देश रोड़ा बने हुए हैं. ऐसे माहौल में पुतिन के सामने रूस की शान की रक्षा करने की चुनौती भी है. पुतिन दुनिया को ये बताना चाहते हैं कि इस युद्ध में यूक्रेन की हार निश्चित है और इसीलिए उनका विक्ट्री डे प्लान एक्टिवेट हो चुका है. इसीलिए दुनिया के कई शक्तिशाली देश डरे हुए हैं.

पूरी ताकत के इस्तेमाल का ऐलान कर सकते हैं पुतिन

ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वॉलेस का कहना है कि रूस 9 मई को विक्ट्री डे परेड में यूक्रेन पर अपनी जीत की घोषणा कर सकता है. हलांकि, रूसी सेना को अभी तक वैसी सफलता नहीं मिली है जैसी पुतिन चाहते थे. इसलिए पुतिन, विक्ट्री डे परेड वाले दिन यूक्रेन में अपनी पूरी ताकत के इस्तेमाल का ऐलान भी कर सकते हैं. पुतिन परेड में अपने देश के लोगों से कह सकते हैं कि पूरे विश्व के नाजियों के खिलाफ, रूस यूक्रेन में अपनी बड़ी सेना उतारने जा रहा है. ब्रिटेन का ये डर कई मायनों में सच भी हो सकता है. रूस ने यूक्रेन पर हमले की रफ्तार बढ़ा दी है और कुछ खास हिस्सों पर उसकी सेना, अपनी मौजूदगी बनाए रखना चाहती है.

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तबाही की तारीख हो सकती है 9 मई

मारियूपोल में पूरी तरह रूसी सेना का नियंत्रण हो चुका है. डॉनबास रीजन की तरफ आने वाली यूक्रेनी सेना पर रॉकेट हमले की रफ्तार भी पहले से तेज हुई है. ऐसे में ये कहना सही भी हो सकता है कि 9 मई रूस के लिए एक बहुत बड़ा दिन होने सकता है. ये दिन रूस विरोधियों के लिए तबाही का दिन भी हो सकता है. रूस के टीवी चैनलों पर बहस छिड़ी हुई है कि तीसरे विश्व युद्ध के अलावा रूस के पास रास्ता ही क्या है. ऐसा लग रहा है जैसे रूस अपने लोगों को तीसरे विश्वयुद्ध के लिए मानसिक तौर पर तैयार कर रहा है. रूस के सरकारी टीवी चैनल RT की एडिटर-इन-चीफ मार्गरीटा सिमॉनयान ने एक टीवी प्रोग्राम में कहा कि यूक्रेन में रूस हारा तो तीसरे विश्वयुद्ध या परमाणु हमले के अलावा कोई चारा ही नहीं बचेगा.

परमाणु हमले से होगा युद्ध का अंत?

मार्गरीटा सिमॉनयान ने कहा कि हम यूक्रेन में हार गए तो फिर तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा. मुझे लगता है कि तीसरा विश्व युद्ध मुमकिन है. उन्होंने कहा कि जो हमें जानते हैं, जो हमारे नेता व्लादिमीर पुतिन को जानते हैं, वो समझते हैं कि इस युद्ध का अंत परमाणु हमले से होगा. मुझे इसकी आशंका ज्यादा है. आप हमारे पास क्या विकल्प छोड़ रहे हैं? यूक्रेन की पूरी तबाही? परमाणु हमला?

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विक्ट्री डे परेड पर रहेगी पूरी दुनिया की निगाहें?

रूस में 9 मई को होने वाली विक्ट्री डे परेड पर इस बार पूरी दुनिया की निगाहें रहेंगी. इस परेड में पुतिन क्या कहेंगे, इसे पूरी दुनिया सुनना चाहेगी. क्योंकि पुतिन का एक इशारा विश्व युद्ध की शुरुआत का ट्रिगर बन सकता है. विक्ट्री डे परेड में जब पुतिन बोलेंगे तो यूक्रेन का जिक्र जरूर आएगा और यूक्रेन युद्ध में रूस की जीत का दम भरने के अलावा वो कुछ और कहना पसंद भी नहीं करेंगे. इसी वजह से पुतिन ने इस युद्ध के दौरान कई बार अपना प्लान बदला. वो पहले यूक्रेन में सत्ता परिवर्तन चाहते थे, फिर वो यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटना चाहते थे. अब वो कुछ चुनिंदा हिस्सों पर नियंत्रण चाहते हैं. अभी तक के रूस-यूक्रेन युद्ध का आकलन करने पर रूस की योजना के कुछ संकेत मिले हैं.

यूक्रेन के कुछ खास हिस्सों पर रूस का फोकस

हाल फिलहाल की बात करें तो रूस के हमलों का फोकस पूरा यूक्रेन नहीं, कुछ खास हिस्से हैं. रूसी हमले डॉनबास रीजन में अधिक हो रहे हैं जिसमें लुहान्स्क, डोनेत्स्क जैसे इलाके आते हैं जिन पर रूस पूरा नियंत्रण चाहता है. खारकीव पर भी रूस पूरा कब्जा चाहता है और इस इलाके में भी रूसी हमले तेज हुए हैं. रूस मारियूपोल पर कब्जा कर चुका है जेपोरेजिया के क्षेत्र भी रूसी नियंत्रण में हैं. मेलिटोपोल और खेरसॉन में भी रूसी सेना अड़ी हुई है. रूस, खेरसॉन में यूक्रेन की करेंसी की जगह रूबल को लागू करने की योजना बना रहा है.

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ओडेसा के कुछ हिस्सों में भी रूसी सेना की मौजूदगी है. रूस, यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र तक ही सीमित हो गया है. वो फिलहाल 9 मई से पहले यहां से आगे बढ़ने की कोशिश में नहीं है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रूस का प्लान है क्रीमिया से एक लैंड कॉरिडोर बनाना. जिन इलाकों पर वो फिलहाल हमले कर रहा है या नियंत्रण कर चुका है, ये लैंड कॉरिडोर उन्हीं इलाकों से होकर गुजरेगा. ये प्लान एक्टिवेट हो चुका है. इस तरह यूक्रेन का ये पूरा हिस्सा रूस के नियंत्रण में आ सकता है और इसे पाने के लिए रूस अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है.

कीव में दिखी पुतिन के 'प्लान 9 मई' की झलक

पुतिन के प्लान 9 मई की झलक कीव में दिखाई भी दी जब 27 अप्रैल को यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस रूस गए थे. गुटेरेस ने व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, उनसे युद्ध रोकने और शांति स्थापित करने की अपील की. इसके बाद वो यूक्रेन पहुंचे और राष्ट्रपति वोल्डोमिर जेलेंस्की से मिले. अपने संबोधन में यूएन चीफ ने एक बार फिर शांति की अपील की लेकिन उनकी अपील का जवाब रूस ने मिसाइल हमले से दिया. गुटेरेस जिस होटल में रूके थे, रूस ने उससे कुछ ही दूरी पर मिसाइल हमला कर दिया. रूसी रक्षा मंत्री ने बयान भी दिया कि यूक्रेन पर गिराए जा रहे बम सटीक निशाने पर गिर रहे हैं. यूक्रेन में यूएन और नैटो शांति के कबूतर उड़ाना चाहते हैं और रूस उन कबूतरों का शिकार मिसाइलों से कर रहा है. पुतिन का इशारा साफ है कि अमेरिका हो, नैटो देश हों या फिर यूएन चीफ हों, जो करेगा शांति शांति, उसके खिलाफ होगी पुतिन की मिसाइल क्रांति.

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(आजतक ब्यूरो)

 

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