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Chernobyl न्यूक्लियर पावर प्लांट में रेडिएशन का खतरा, कूलिंग सिस्टम के लिए 2 दिन का ही ईंधन बचा

चर्नीहीव न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि वहां पर रेडिएशन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ चुका है. इस समय कूलिंग सिस्टम के लिए 2 दिन का ही ईंधन बचा हुआ है.

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Chernobyl न्यूक्लियर पावर प्लांट में रेडिएशन का खतरा
Chernobyl न्यूक्लियर पावर प्लांट में रेडिएशन का खतरा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस के कब्जे में है Chernobyl न्यूक्लियर पावर प्लांट
  • जनरेटर पर निर्भर कर रहा पावर बैकअप, स्थिति खतरनाक

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में परमाणु खतरे को कम नहीं आंका जा सकता है. जब से रूसी सेना ने चर्नीहीव न्यूक्लियर पावर प्लांट पर अपना कब्जा जमाया है, स्थिति और ज्यादा विस्फोटक बन गई है. अब खबर है कि चर्नीहीव न्यूक्लियर पावर प्लांट में रेडिएशन का खतरा बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि कूलिंग सिस्टम के लिए सिर्फ 2 दिन का ही ईंधन बचा हुआ है.

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जानकारी मिली है कि चर्नीहीव न्यूक्लियर पावर प्लांट को बिजली ग्रिड से ही हटा दिया गया है और अभी सिर्फ इमरजेंसी जनरेटर के जरिए ही पावर बैकअप दिया जा रहा है. यूक्रेन की तरफ से मांग की जा रही है कि कुछ घंटों के लिए सीजफायर का ऐलान किया जाए जिससे यहां पर रिपेयरिंग का काम तुरंत शुरू किया जा सके. अभी के लिए चिंता का विषय है कि प्लांट में बिजली नहीं है और जो डीजल वाले जनरेटर हैं वो सिर्फ 48 घंटे तक का ही बैकअप दे सकते हैं. ऐसे में अगर समय रहते रिपेयर नहीं किया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है.

यूक्रेन की तरफ से इस घटना की जानकारी International Atomic Energy Agency को दे दी गई है. लेकिन IAEA अभी इसे सुरक्षा के लिए ज्यादा बड़ा खतरा नहीं मान रहा है. वैसे इससे पहले रूसी सेना की तरफ से यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट पर भी हमला कर दिया गया था. उस वजह से उस प्लांट के एडमिनिस्ट्रेटिव क्षेत्र में भीषण आग लग गई थी. अब उस आग पर तो काबू पा लिया गया लेकिन यूक्रेन ने अपना एक और न्यूक्लियर प्लांट रूस को गंवा दिया.

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अभी के लिए रूस लगातार दावा कर रहा है कि वो परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करने वाला है. उसकी तरफ से यूक्रेन पर जरूर आरोप लग रहा है कि वो परमाणु हथियार पाने की फिराक में है. इसी वजह से रूस की तरफ से अपने देश की सुरक्षा के लिए ये युद्ध शुरू किया गया है. पुतिन ने साफ कर दिया है कि वे अपने देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करने वाले हैं. एक तरफ वे यूक्रेन को नेटो की सदस्दया लेते नहीं देख सकते हैं तो वहीं दूसरी तरफ उसके पास कोई परमाणु हथियार भी नहीं चाहते हैं.

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