Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन की लड़ाई लंबी खींचती जा रही है. युद्ध का आज आठवां दिन है. यूक्रेन की राजधानी कीव समेत खारकीव जैसे बड़े शहरों में रूसी हमले जारी हैं, लेकिन युद्ध अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद संभवतः पहली बार है जब दुनिया इतनी बड़ी लड़ाई देख रही है. रूस और यूक्रेन की जंग में कुछ नई बातें भी देखने को मिलीं, जैसे क्रिप्टो में चंदा मिला है, दोनों देशों की ओर से साइबर अटैक किए गए, वैक्यूम बम जैसे खतरनाक बम का इस्तेमाल भी देखने को मिला है.
युद्ध में कौन सी बातें नई दिखीं?
1. क्रिप्टो में चंदा
- 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया. 26 फरवरी को यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री मिखाइलो फेदोरोव (Mykhailo Fedorov) ने रूस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए डोनेशन की मांग की. उन्होंने ट्वीट कर क्रिप्टो में डोनेशन देने की बात की.
- फेदोरोव की अपील पर 24 घंटे में ही यूक्रेन को 8 मिलियन डॉलर (करीब 60 करोड़ रुपये) का चंदा मिला. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक यूक्रेन को 52 मिलियन डॉलर (करीब 400 करोड़ रुपये) का डोनेशन क्रिप्टो से मिल चुका है.
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2. साइबर अटैक
- अब जब दुनिया एंडवास्ड होती जा रही है तो युद्ध में भी एडवांस्ड तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है. 1990 के दशक में हुए खाड़ी युद्ध में अमेरिका ने साइबर युद्ध भी लड़ा था. रूस और यूक्रेन की जंग में भी साइबर युद्ध लड़ा जा रहा है.
- दोनों के बीच युद्ध शुरू होने से पहले ही साइबर अटैक शुरू हो गया था. यूक्रेन ने दावा किया था कि रूसी हैकरों ने उसकी 70 से ज्यादा सरकारी वेबसाइट को हैक कर लिया. जंग शुरू होने के अगले दिन फिर यूक्रेन पर साइबर अटैक हुआ. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने बताया कि रूस ने यूक्रेन पर Wiper Malware का इस्तेमाल किया. ये मालवेयर सिस्टम में मौजूद सारा डेटा डिलीट कर देता है और इसे रिकवर करना मुश्किल होता है.
- रूस के साइबर हमलों का जवाब देने के लिए यूक्रेन ने भी अपनी आईटी आर्मी बनाई. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट येगोर ओशेव को रूस पर साइबर अटैक करने के लिए टीम बनाने को कहा. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गेब्रिएला कोलमेन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ये पहली बार है जब कोई देश खुलेआम दूसरे देश पर साइबर अटैक करने के लिए टीम बना रहा है.
- रूस पर यूक्रेन की आईटी आर्मी लगातार साइबर अटैक कर रही है. बुधवार को ही यूक्रेन के हैकरों ने रूस के पावर ग्रिड और रेलवे को टारगेट किया. येगोर ओशेव ने ये भी दावा किया था कि उनके ग्रुप ने रूस की दर्जनों सरकारी और बैंकिंग वेबसाइट्स को डाउन कर दिया था. इतना ही नहीं, यूक्रेन की आईटी आर्मी ने रूस की स्पेस एजेंसी Roscosmos पर भी अटैक किया था.
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3. इंटरनेशनल सेना
- इस बार युद्ध में इंटरनेशनल सेना भी देखने को मिली. दूसरे देश सीधे तौर पर तो रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद नहीं कर रहे हैं, लेकिन वहां के लोग यूक्रेन आकर रूस के खिलाफ जरूर लड़ रहे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने दूसरे देशों के लोगों से यूक्रेन आकर रूस के खिलाफ लड़ने की अपील की थी.
- यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि रूस के खिलाफ लड़ने के लिए दुनियाभर से हजार से ज्यादा वॉलेंटियर ने रिक्वेस्ट भेजी है. दावा किया गया है कि यूरोप ही नहीं, बल्कि अमेरिका और कनाडा से भी वॉलेंटियर आ रहे हैं. यूक्रेन ने अभी आने वाले लोगों के लिए वीजा की अनिवार्यता को भी अस्थायी रूप से हटा दिया है.
- जॉर्जिया के नेशनल लीजन कमांडर मामुका मामुलाश्विली ने दावा किया है कि उनके 400 से ज्यादा वॉलेंटियर यूक्रेन में हैं. उन्होंने ये भी दावा किया कि उनकी टीम में जॉर्जिया के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और अल्बानिया के लोग भी शामिल हैं.
- यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय का ये भी दावा है कि जेलेंस्की की अपील के बाद जापान के भी 70 नागरिकों ने रूस के खिलाफ लड़ने की इच्छा जताई है. मंत्रालय ने ये भी दावा किया है कि अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के 10 पूर्व सैनिक भी यूक्रेन आ रहे हैं. कनाडा के कॉमेडियन-एक्टर एंथनी वॉकर भी वॉलेंटियर के तौर पर यूक्रेन आ रहे हैं.
4. वैक्यूम बम का इस्तेमाल
- यूक्रेन ने दावा किया था कि जंग के 5वें दिन रूस ने सभी सीमाओं को लांघते हुए उसके खिलाफ वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया था. ये बम काफी खतरनाक माना जाता है, इसलिए इसे जेनेवा कन्वेंशन के तहत प्रतिबंधित भी किया है.
- वैक्यूम बम थर्मोफोबिक हथियार के अंतर्गत आते हैं. इसमें आम गोला-बारूद नहीं भरा होता, बल्कि इसमें खतरनाक विस्फोटक होते हैं. ये बम जब फटता है तो आसपास की ऑक्सीजन सोख लेता और बड़ा धमाका करता है.