Russia-Ukraine War: इस वक्त पूरी दुनिया में हलचल बहुत तेज है. यूक्रेन के कई इलाकों में रूसी सेना पहुंच चुकी है तो दूसरी तरफ यूक्रेन-रूस संकट को लेकर आपातकात बैठकों का दौर जारी है. आज पूरी दुनिया इसी सवाल में उलझी हुई है कि रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुआ युद्ध क्या विश्वयुद्ध में बदल जाएगा?
दरअसल, यूक्रेन पर रूस ताबड़तोड़ हमले कर रहा है. यूक्रेन की मीडिया के मुताबिक, रूसी सेना अबतक यूक्रेन के 30 से ज़्यादा शहरों पर हमला कर चुकी है. कभी मिसाइल दनदनाती हुई आती है, तो कभी टैंक से निकले गोले की गर्जना सुनाई पड़ती है. रूस और यूक्रेन की इस जंग से दुनिया हैरान है, परेशान है, हर कोई यही सोच रहा है, पता नहीं पुतिन के मन में क्या है, इस जंग में आगे क्या होने वाला है?
इधर पुतिन ने ऑर्डर दिया और उधर रूसी सेना ने यूक्रेन बॉर्डर पर तबाही मचाना शुरू कर दिया. कई इलाकों में मिसाइल से लेकर रॉकेट से हमला बोला हुआ. पूरी दुनिया ने तबाही का मंजर देखा, लेकिन पुतिन की हिमाकत पर घुटने टेकने की बजाय यूक्रेन के राष्ट्रपति ने आखिरी सांस तक जंग लड़ने का एलान कर दिया.
यूक्रेन सेना की तरफ रूसी सैनिकों और रूसी फाइटर प्लेन को मार गिराने का दावा किया गया .यानी जंग शुरू होने के बाद दोनों मुल्कों की तरफ से अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं. लेकिन यूक्रेन अब दुनिया के लिए विश्व युद्ध का ट्रिगर प्वाइंट बन चुका है. यूक्रेन के मुताबिक, रूस ने तीन तरफ से हमला बोला है. कहां-कहां से हुआ हमला...
- रूस, बेलारूस औऱ क्रीमिया बॉर्डर की तरफ से हमला हुआ है
- यूक्रेन की राजधानी कीव समेत लुहांस्क, खारकीव, चेरनीव, सुमी और जेटोमीर प्रांतों पर हमले जारी हैं.
- रूस की ग्राउंड फोर्सेस यूक्रेन में घुस गईं और वहां कई गांवों पर कब्जा कर लिया है.
- रूस के कमांडो पैराट्रूपर्स यूक्रेन के मिलिट्री इंस्टॉलेशन्स के करीब उतरकर इनको अपने कब्जे में ले रहे हैं.
- बॉर्डर गार्ड सर्विस के मुताबिक रूस का सैन्य दस्ता बेलारूस से यूक्रेन के उत्तरी चेरनीव इलाके और रूस से सुमी क्षेत्र में घुसा है.
- बेलारूस लंबे समय से रूस का सहयोगी रहा है, एक्सपर्ट इसे रूस का 'क्लाइंट देश' बताते हैं.
- लुहांस्क और खारकीव के साथ ही क्रीमिया के खेरसन क्षेत्र में भी रूसी सैन्य दस्ता पहुंच गया है.
- रूस ने सबसे पहले अपने टैंक से हमले किए जिसमें बॉर्डर गार्ड्स जख़्मी हुए.
- दक्षिण बंदरगाह शहर ओडेसा के पास भी ट्रूप मूवमेंट की रिपोर्ट्स आई हैं.
48 घंटे बेहद अहम
डिफेंस एक्सपर्ट मानते हैं कि पूरी दुनिया के लिए अगले 48 घंटे बहुत अहम हैं. अगर नाटो की तरफ से रूस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की गई तो कुछ भी हो सकता है. यानी अब रूस के एक्शन के बाद अब कई परिदृश्य सामने हैं:-
1. रूस अपनी सैन्य कार्रवाई रोक दे, जिसकी संभावना न के बराबर है.
2. यूक्रेन नाटो में शामिल न हो और रूस की बात माने.
3. पाबंदी के बजाय नाटो की सेना यूक्रेन की मदद में उतरे.
4. नाटो की सेना जंग के मैदान में आई तो विश्वयुद्ध का खतरा.
5. महायुद्ध का खतरा टालने के लिए कूटनीतिक पहल हो.
तमाम देशों ने की निंदा
यूएन से लेकर तमाम मुल्कों ने पुतिन के मिलिट्री एक्शन की निंदा की है, तो वहीं दिल्ली में यूक्रेन के राजदूत की तरफ से नरेंद्र मोदी से दखल देने की अपील की गई. जिसके बाद पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से करीब 25 मिनट तक बातचीत की.
सवाल यही है कि मौजूदा जंगी हालात पर अब अमेरिका क्या फैसला करता है? क्योंकि जंग के मैदान में पुतिन ने अपने पत्ते खोल दिए हैं, अब बारी अमेरिका की है, जिसने यूक्रेन का साथ निभाने का वादा किया है.
(यूक्रेन से गौरव सावंत का इनपुट)