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रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 51वां दिन है. 24 फरवरी को हमले शुरू होने के बाद सबसे पहले रूसी सेना ने यूक्रेन के खेरसन शहर पर कब्जा किया. खेरसन सामरिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इतिहास गवाह है कि खेरसन हमेशा दुश्मनों के निशाने पर रहा है. फिलहाल, यूक्रेनी सैनिकों ने यहां से रूसी सैनिकों को खदेड़ दिया है.
खेरसन के उत्तरी इलाके में लगातार ग्राउंड पर लड़ाई चल रही है. आजतक की टीम ने वहां का जायजा लिया. जैसे-जैसे टीम बैटल ग्राउंड की ओर बढ़ रही थी, सड़कों पर पड़े मलबे भीषण युद्ध की गवाही दे रहे थे. बीच-बीच में छोटे छोटे कस्बे थे, जो वीरान पड़े थे. दो घातक हथियारों से लैस बख्तरबंद वाहन और रॉकेट लॉन्चर के साथ लगभग रूसी सेना खेरसन के उत्तरी इलाके में डेरा डालकर बैठी है.
जगह-जगह बिखरे दिखे रूसी वाहन और हथियार
आजतक की टीम को रास्ते में मलबे में तब्दील हथियारों से लैस रूस के बीएमपी-2 टैंक दिखे. चौराहे के बीचोंबीच एक सफेद बस खड़ी थी, जिसे देखने पर ऐसा लग रहा था कि इसे किसी बुलडोजर से कुचला गया है. बताया गया कि इस बस का इस्तेमाल रास्ता रोकने के लिए किया जा रहा था.
इसके बाद बंकर दिखा जिसके आस-पास बड़ी-बड़ी शीशियां में आचार भरा था और खाने के पैकेट पड़े थे. जगह-जगह पर रूसी आर्मी की हरे रंग की जैकेट भी पड़ी मिली. बड़े-बड़े लकड़ी के हरे बक्से भी दिखे, जिनमें रॉकेट भरे हुए थे. देख कर ऐसा लगा कि एक लंबा मोर्चा खोलने की पूरी प्लानिंग थी.
उधर, बंकर के अंदर की तस्वीर चौंकाने वाली थी. लोहे के इस बंकर के भीतर बिल्कुल अंधेरा था. जमीन पर रजाईयां और गद्दे पड़े थे. अंदर कांच की खिड़कियां थी जिस पर गोलियों के निशान थे. यही नहीं बंकर के पास अंडे, ताजा सब्जी और सामग्री भी थी. बर्फीले रास्ते पर चलने के लिए भारी भरकम रशियन बूट भी बंकर के अंदर दिखे.
यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सैनिकों को बंधक भी बनाया
यूक्रेनी कंपनी कमांडर चिपया ने आजतक को बताया कि वह यहां 5 दिन से मोर्चा संभाले हुए हैं. उनके पास काफी मात्रा में हथियार भी दिखे. उन्होंने बताया कि हमने दो रूसी सैनिकों को कैद किया है जबकि बाकी अन्य को हमने मार गिराया. उन्होंने बताया कि हमने मिसाइल से हमले कर रूसी बख्तरबंद गाड़ियों को मलबे में बदल दिया है. उन्होंने बताया कि बीएमपी टैंक के मलबे में तब्दील होने के बाद रूसी सैनिक बैकफुट पर आ गए.
चिपया से बात करने के बाद आजतक की टीम फायरिंग लाइन की ओर बढ़ी. दोनों तरफ से फायरिंग चल रही थी. यहां रूसी सैनिकों की कब्र भी दिखी. कब्र के पास रॉकेट और अन्य तरह के आधुनिक हथियार भी दिखे. बटालियन कमांडर अलेक्जेंडर ने बताया कि यह फ्रंटलाइन है. दूसरी ओर से रूसी सैनिक घात लगाए बैठे थे. आगे पूरी माइंस बिछी हुई है. लगभग 1 से 2 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन लगातार हमलावर है, उनको हमने पीछे खदेड़ा है.
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