
रूस-यूक्रेन वॉर के बीच युद्ध क्षेत्र से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं जो दिखाती हैं कि अगर लड़ाई छिड़ जाए तो मानवता कैसे फौजी बूटों के तले रौंद दी जाती है. कई तस्वीरें और कई कहानियां तो आपको बरबस ही रुला देंगी. पिता अपने बच्चों को छोड़ मातृभूमि की रक्षा के लिए खुद जंग में जा रहे हैं लेकिन इससे पहले वे बेटे बेटियों को सुरक्षित स्थानों पर भेज देना चाहते हैं. बुजुर्ग महिलाएं क्लासिनिकोव राइफल उठा रही हैं, सांसद के हाथों में गन हैं, अभिनेता और खिलाड़ी सभी अपने पेशेवर कामों को छोड़ अपने देश के लिए हथियार उठा चुके हैं. यूक्रेन से ऐसी कई कहानियां आ रही है.
ऐसी ही एक कहानी थी एक बच्ची और एक पिता की. यूक्रेन की एक छोटी सी बच्ची युद्ध के लिए जा रहे अपने पिता के गले लगकर बिलख बिलख कर रो पड़ती है. लगभग 6-7 साल की इस बच्ची को कुछ नहीं मालूम कि उसके देश में हो क्या रहा है? इस बच्ची की जिंदगी में उथल-पुथल तब मच जाती है जब एक दिन उसके पिता घर छोड़ जंग के लिए जाने लगते हैं. बच्ची जब अपने पिता को जंग के लिए छोड़ने जाती है तो वहां का दृश्य बेहद भावुक करने वाला है.
जंग में जाने से पहले छोटी बेटी से लिपट कर रोते रहे पापा
पापा अपनी मासूम बेटी के सीने से चिपक कर फूट फूटकर रो रहे हैं. बच्ची अपने पिता को रोते देख खुद भी बिलख पड़ती है. पिता और बेटी एक दूसरे के गले लगते हैं और खूब रोते हैं. इस दौरान बच्ची की मां वहीं खड़ी है. देखने में तो ये दृश्य किसी फिल्म का सीन नजर आता है. लेकिन हकीकत की ये कहानी यूक्रेन से आई है.
इस पिता-पुत्री को दुनिया ने जब टीवी स्क्रीन पर जब रोते हुए देखा तो ये वीडियो वायरल हो गया. युद्ध इंसान से मानवीय संवेदनाएं कैसे छीन सकता है. ये तस्वीर इसकी एक बानगी भर थी. जब युद्ध पर जा रहा पिता रोते हुए अपनी बेटी को गोद में उठाता है तो ये तस्वीर दिल को छू जाती है.
आजतक ने इस बच्ची को हंगरी बॉर्डर पर खोज निकाला
रूस यूक्रेन युद्ध की पल पल की खबरें आप तक ला रहे आजतक ने इस छोटी बच्ची को अपने परिवार के साथ हंगरी से खोज निकाला. यूक्रेन का ये परिवार युद्ध की विभीषिका से बचने के लिए अपना देश छोड़ चुका है. आजतक संवाददाता आशुतोष मिश्र ने हंगरी और यूक्रेन के बॉर्डर पर हंगरी के आखिरी गांव जोहानी में एक रेलवे स्टेशन पर इस परिवार को देखा. इस बच्ची का नाम क्सेनिया (Ksenia) है. क्सेनिया अपनी छोटी बहन सोलोमिया और मां नादिया के साथ रेलवे स्टेशन पर आ गई है. ताकि रूसी बमों से बचा जा सके.
'पति के लिए चिंतित हूं'
आजतक संवाददाता आशुतोष मिश्र ने इस बच्ची की मां से बात की. क्सेनिया की मां ने आजतक से बात करने हुए कहा कि उनके पति यूक्रेन के नागरिक हैं और निश्चित रूप से उन्हें अपनी आर्मी की मदद करनी है अपने देश की रक्षा करनी है. अभी वहां स्थिति सामान्य है. जब नादिया से पूछा गया कि क्या आप अपने पति के लिए चिंतित हैं. इस पर उन्होंने कहा कि हां निश्चित रूप से हमें चिता है, हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही अपने घर वापस लौटेंगे. आज तक उस बच्ची से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन ये बच्ची घटनाक्रम से इतने सदमे में है कि वो बात नहीं कर सकी.
'हमने तय किया कि हमारी बेटियां इस युद्ध को न देखें'
नादिया ने कहा कि अपने तय किया कि हमारे बच्चे युद्ध की वो हैरान करने वाली तस्वीरें न देखें. इसलिए हम वहां से निकल आए. जब नादिया से पूछा गया कि यूक्रेन के लोगों और दुनिया के लिए उनका क्या संदेश है तो उन्होंने कहा कि उनका यही संदेश है कि हम बेहद मजबूत लोग हैं. हमारे लोग यूक्रेन को फिर से आजाद करेंगे. हमारा यूक्रेन फिर से शांति की राह पर आएगा. दुनिया के नेताओं से अपील करते हुए नादिया ने कहा कि प्लीज आप हमारी मदद करिए. ये बेहद पीड़ादायक है, दर्दनाक है.
आज युद्ध का पांचवां दिन
बता दें कि आज यूक्रेन-रूस युद्ध का पांचवां दिन है. रूस ने यूक्रेन के शहर कीव, खारकीव, सुमी पर भीषण बम बरसाए हैं. रूसी बमों से बचने के लिए यूक्रेन के कई गांव खाली हो गए हैं.