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छह दिन-तीन बयान, रूस-यूक्रेन के मसले पर संयुक्त राष्ट्र में भारत ने अब तक क्या-क्या कहा है

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की तरफ से लगातार बयान सामने आ रहे हैं. भारत ने अब तक इस पूरे मामले पर कई बार कहा है कि बातचीत के जरिए ही तनाव को कम किया जा सकता है. भारत दोनों पक्षों से दुश्मनी खत्म कर हिंसा को रोकने की अपील कर रहा है.

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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (Photo-PTI)
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (Photo-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत संयुक्त राष्ट्र में रूस-यूक्रेन से तनाव कम करने की अपील करता आया है
  • कूटनीति पर रहा है भारत का जोर
  • छह दिनों में भारत की तरफ से आए तीन बयान

यूक्रेन में रूस के हमले को शुरू हुए छह दिन हो चुके हैं. रूसी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा लगातार जारी है और लगभग सभी सदस्य देश रूस के हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं. वहीं, भारत इस मुद्दे पर निष्पक्ष बना हुआ है. भारत ने अब तक बिना रूस का नाम लिए कहा है कि हिंसा को तत्काल  समाप्त करने की आवश्यकता है. भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के हमले के खिलाफ हुई एक वोटिंग में भी शामिल नहीं रहा था. अब तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को लेकर भारत की तरफ से तीन बयान जारी किए जा चुके हैं.

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भारत का संयुक्त राष्ट्र में हालिया बयान

यूक्रेन संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लगातार आपात बैठकें हो रही हैं. यूएनएससी की हालिया बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन की बिगड़ती स्थिति को लेकर भारत चिंतित है. 

उन्होंने कहा, 'भारत यूक्रेन की लगातार बिगड़ती स्थिति से चिंतित है. हम हिंसा को तत्काल बंद कर दुश्मनी को खत्म करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं. मेरी सरकार का दृढ़ विश्वास है कि कूटनीति से मसले को हल करने के अलावा कोई चारा नहीं है. हम फिर से दोहराते हैं कि मतभेदों को निरंतर और ईमानदार बातचीत से ही दूर किया जा सकता है.'

भारत की तरफ से बताया गया कि यूक्रेन या उसके आस-पास के देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान की निगरानी के लिए भारत सरकार अपने चार मंत्रियों को भेज दिया है. तिरुमुर्ति ने सुरक्षा परिषद में दिए गए अपने बयान में बताया कि भारत सरकार एक मार्च से यूक्रेन को मानवीय सहायता देगी.

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इससे पहले सुरक्षा परिषद में क्या कहा था भारत ने

यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा करने और तत्काल युद्ध को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को एक प्रस्ताव पर मतदान हुआ था. भारत ने प्रस्ताव पर हुई वोटिंग से खुद को दूर रखा था. सुरक्षा परिषद के 15 में से 11 सदस्यों का समर्थन ही प्रस्ताव को मिल सका था. भारत की तरह ही चीन और यूएई ने भी खुद को वोटिंग से अलग रखा था.

रूस ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को पास होने से रोक दिया था. भारत की तरफ से एक बयान जारी कर बताया गया था कि भारत ने क्यों खुद को वोटिंग से दूर रखा.

टीएस तिरुमुर्ति की तरफ से जारी बयान में कहा गया था, 'यूक्रेन के हालिया घटनाक्रम से भारत बेहद विचलित है. हम अपील करते हैं कि हिंसा और दुश्मनी को खत्म करने के लिए सभी उपाय किए जाएं. लोगों की जिंदगी की कीमत पर कभी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है.'

भारत ने अपने बयान में यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेकर भी चिंता जताई थी. भारत ने कहा था कि मतभेदों को सुलझाने का एकमात्र रास्ता बातचीत ही है. भारत ने अपने बयान में आगे लिखा था, 'हमें खेद है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया है लेकिन हमें इस पर लौटना ही होगा.'

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संयुक्त राष्ट्र में भारत का एक और बयान

यूक्रेन पर रूसी हमला गुरुवार को शुरू हुआ था जिसके बाद सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में भारत की तरफ से टीएस तिरुमूर्ति ने कहा था कि भारत लगातार मसले को कूटनीतिक बातचीत से सुलझाने की बात करता रहा लेकिन अफसोस कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की बात को नहीं सुना गया.

उन्होंने कहा था, 'हालात खतरनाक और गहरे संकट की ओर बढ़ रहे हैं. इसे लेकर हम गहरी चिंता जाहिर करते हैं. हम तत्काल तनाव को कम करने की मांग करते हैं. हम किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचने का आह्वान करते हैं जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं. सभी पक्षों से हमारी अपील है कि अपने मतभेदों को कम करने की कोशिश करें.'

भारत की तरफ से आगे कहा गया था, 'भारत सभी पक्षों से वैध सुरक्षा हितों पर ध्यान देने की अपील करता है. भारत हमेशा से अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और संबंधित पक्षों के बीच हुए समझौतों के आधार पर विवादों को सुलझाने पर जोर देता रहा है.' 

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