यूक्रेन पर रूसी हमले का नुकसान अब रूस के बिजनेसमैन को भी उठाना पड़ रहा है. पहले से ही अमेरिका और यूरोप के आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे रूस के रईसों पर भी अब शिकंजा कसा जा रहा है. अब इटली ने रूस के सबसे अमीर शख्स के खिलाफ एक्शन लेते हुए उसके 2 अरब रुपए के क्रूज को जब्त कर लिया है.
रूस के जिस सबसे अमीर शख्स के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है, उसका नाम एलेक्सी मोर्दशोव (Alexei Mordashov) है. यूरोपियन यूनियन (European Union) ने यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद इस हफ्ते उसे ब्लैकलिस्टेड कर दिया है. इटली के इम्पेरिया से जब्त किए गए जहाज का नाम लेडी एम (Lady M) है. यह लग्जरी क्रूज 65 मीटर (215 फीट) बड़ा है. इटली की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Lady M की कीम 27 मिलियन डॉलर (2 अरब रुपए) है. इस लग्जरी क्रूज को 2013 में अमेरिकी शिपबिल्डर कंपनी पामर जॉनसन ने बनाया था.
सार्डिनिया द्वीप पर आलीशान विला
रूस की बड़ी स्टील निर्माता कंपनी सेवरस्टल (CHMF.MM) का मालिकाना हक मोर्दशोव के परिवार के ही पास है. फोर्ब्स के मुताबिक प्रतिबंध लगने से पहले मोर्दशोव की अनुमानित संपत्ति 29.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी. इस संपत्ति के साथ मोर्दशोव रूस के सबसे अमीर व्यक्ति हैं. मोर्दशोव का भूमध्यसागर (Mediterranean) के सार्डिनिया (Sardinia) के तट पर करीब 66 मिलियन यूरो (72 मिलियन डॉलर) का आलीशान विला है.
एक और रूसी अरबपति के खिलाफ एक्शन
रूस के एक और अरबपति गेन्नेडी टिमचेंको (Gennady Timchenko) पर भी ठीक इसी तरह की कार्रवाई की गई है. गेन्नेडी की लग्जरी नाव को भी इटली के इम्पेरिया में रोक दिया गया है. उन्हें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का करीबी माना जाता है. बताया जा रहा है कि इस नाव को जब्त कर किसी सुनसान स्थान पर रखा जाएगा.
टिमचेंको ने क्रीमिया को अस्थिर करने में भूमिका निभाई
इटली ने रूस के जिस दूसरे बिजनेसमैन टिमचेंको के खिलाफ एक्शन लिया है. उसने तेल का व्यापार कर अपनी किस्मत बदली है. ब्रिटेन ने पिछले महीने कहा था कि वह बैंक रोसिया (Bank Rossiya) में एक प्रमुख शेयरधारक था. टिमचेंको पर 2014 में क्रीमिया के रूस के कब्जे के बाद यूक्रेन को अस्थिर करने में भूमिका निभाने का आरोप है.
फ्रांस और जर्मनी ने की क्रूज जब्त करने की शुरुआत
इटली से पहले फ्रांस और जर्मनी भी रूस के अरबपतियों की नाव जब्त कर चुके हैं. दरअसल, रूस पर यूक्रेन के हमले के बाद यूरोपीय देश उस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इन प्रयासों के तहत ही रूस को आर्थिक चोट पहुंचाई जा रही है.