
Russia-Ukraine War: यूक्रेन के मारियूपोल में रूसी सेना की तबाही जारी है. मारियूपोल के मेयर वादिम बोयचेन्को ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए दावा किया है कि यहां रूसी सेना के हमलों में 10 हजार से ज्यादा आम नागरिक मारे गए हैं. उन्होंने आशंका जताई है कि ये आंकड़ा 20 हजार के पार भी जा सकता है. इसी बीच यूक्रेन ने मारियूपोल में रूस पर केमिकल अटैक करने का आरोप भी लगाया है.
यूक्रेन के गृह मंत्रालय के सलाहकार एंटन गेराश्चेन्को ने ट्वीट कर दावा किया है कि मारियूपोल में रूसी सेना ने केमिकल अटैक किया है. उन्होंने लिखा कि रूस ने इंसानियत की सारी हदें पार कर दी हैं और यूक्रेन अब भी हथियारों की मांग कर रहा है.
ATTENTION
— Anton Gerashchenko (@Gerashchenko_en) April 11, 2022
Chemical weapons are used against Ukrainian defenders in #Mariupol! russia openly crosses all boundaries of humanity and openly declares it, while Ukraine is still asking for heavy weapon #UkraineUnderAttack
वहीं, कीव सिटी काउंसिल की डिप्टी एलिना मिखाईलोवा ने भी ट्वीट कर केमिकल अटैक होने का दावा किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने मारियूपोल में यूक्रेनी सेना और आम नागरिकों को टारगेट करते हुए एक जहरीला पदार्थ इस्तेमाल किया है. उनका दावा है कि रूसी सेना ने ये केमिकल ड्रोन के जरिए मारियूपोल पर गिराया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी आरोप लगाया है कि रूस मारियूपोल में केमिकल अटैक कर सकता है. सोमवार को दक्षिण कोरिया की संसद को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'मारियूपोल को तबाह कर दिया गया है. हजारों लोग मारे गए हैं, लेकिन इसके बावजूद रूसी सेना हमले नहीं रोक रही है.' जेलेंस्की ने कहा कि वो (रूस) मारियूपोल में केमिकल अटैक कर सकते हैं. उन्होंने देशों से सैन्य सहायता भी मांगी.
WARNING!!!#Mariupol
— Alina Mykhailova (@Mykhailova_A) April 11, 2022
About an hour ago, russain occupation forces used a poisonous substance of unknown origin against Ukrainian military and civilians in the city of Mariupol, which was dropped from an enemy UAV.
यूक्रेन की मीडिया कीव इंडिपेंडेंट ने ट्वीट कर बताया है कि इस हमले के बाद मारियूपोल में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. हालांकि, इसमें किस तरह का केमिकल इस्तेमाल किया गया है, इस बारे में अब तक जानकारी सामने नहीं आई है.
ये भी पढ़ें-- बूचा पर निंदा, रूस-यूक्रेन में बातचीत का सुझाव, जानिए PM मोदी और बाइडेन में क्या क्या बात हुई?
लाशें गायब कर रही रूसी सेना!
यूक्रेन ने रूस की सेना पर मारे गए लोगों की लाशों को डिस्पोज करने का आरोप भी लगाया है. मारियूपोल के मेयर वादिम बोयचेन्को ने दावा किया है कि रूसी सेना अपने साथ मोबाइल क्रीमेशन इक्विपमेंट लेकर चल रही है, जिसमें डेड बॉडी को डिस्पोज किया जा रहा है.
बोयचेन्को ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए दावा किया कि हमलों में मारे गए लोगों की लाशों को रूसी सेना एक शॉपिंग सेंटर में लेकर जा रही है, जहां स्टोरेज और रेफ्रिजरेटर की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि रूस की सेना एक ट्रक लेकर आ रही है, जिसमें शवों को डाला जा रहा है और उन्हें जला दिया जा रहा है.
लोगों को यूक्रेन से बाहर ले जा रही रूसी सेना
मारियूपोल के मेयर ने दावा किया है कि अब भी 1.20 लाख से ज्यादा लोग यहां फंसे हुए हैं. उनके पास खाने-पीने का सामान भी नहीं बचा है. उन्होंने ये भी दावा किया है कि मारियूपोल से उन्हीं लोगों को जाने दिया जा रहा है, जो रूसी सेना को जाने का रास्ता दे रहे हैं. लेकिन जो रोक रहे हैं, उन्हें जेल में डाला जा रहा है. उनका दावा है कि अब तक रूसी सेना ने 33 हजार से ज्यादा लोगों को या तो रूस ले जाया गया है या फिर यूक्रेन के अलगाववादी इलाकों में ले जाया गया है.
रूस ने अब तक मारियूपोल में हुई तबाही को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, डोनेत्स्क के प्रमुख डेनिस पुशिलिन ने रूस की न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मारियूपोल में 5 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की बात कबूल की है. हालांकि, पुशिलिन ने इसके लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है. पुशिलिन का ये बयान इसलिए अहम है क्योंकि उन्हें रूस का समर्थन हासिल है.
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्स्या ने दावा किया है कि रूसी सेना ने 1.21 लाख से ज्यादा बच्चों को यूक्रेन से बाहर निकाल लिया है. उन्होंने दावा किया है कि इन बच्चों को या तो पूर्वी डोनेत्स्क ले जाया जा रहा है या फिर रूस के तगानरोग शहर में ले जाया जा रहा है. किस्लित्स्या का दावा है कि इन बच्चों को गोद लेने के लिए रूस ने एक बिल भी ड्राफ्ट किया है.
उन्होंने ये भी दावा किया है कि अब तक 28 लाख से ज्यादा यूक्रेनी बच्चों को यूक्रेन छोड़ना पड़ा है. वहीं, 32 लाख से ज्यादा बच्चे अब भी अपने घरों में फंसे हुए हैं और उनके पास खाने-पीने का संकट भी खड़ा हो गया है. उन्होंने बताया कि मारियूपोल में हालात बहुत खराब हैं.
ये भी पढ़ें-- Maria-katerina: एक रिसर्चर, एक डांसर... कौन हैं पुतिन की दो बेटियां? जिन पर अमेरिका ने लगाया है प्रतिबंध
रूस के लिए मारियूपोल अहम क्यों?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. जंग के पहले ही दिन से मारियूपोल पर रूसी सेना का सबसे ज्यादा फोकस है. पहले ही दिन से यहां रूसी सेना जमकर तबाही मचा रही है. मारियूपोल को रूसी सेना ने घेरकर रखा है.
मारियूपोल यूक्रेन के दक्षिण के सबसे आखिर में स्थित है. ये अजोव सागर से जुड़ा हुआ है और यहां बंदरगाह है. रूसी सेना के लिए मारियूपोल इसलिए अहम है क्योंकि अगर यहां रूस का कब्जा हो जाता है तो उसे क्रीमिया से पूर्वी यूक्रेन तक के लिए जमीनी रास्ता मिल जाएगा.
पूर्वी यूक्रेन यानी डोनबास. ये वो इलाका है जिसे रूस यूक्रेन से अलग करना चाहता है. डोनबास में ही डोनेत्स्क और लुहांस्क स्थित हैं. जंग शुरू होने से दो दिन पहले ही पुतिन ने डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी थी. डोनबास में 2014 से ही रूस समर्थित अलगाववादियों और यूक्रेनी सेना के बीच संघर्ष जारी है.