रूस-यूक्रेन जंग के बीच मारियूपोल (Mariupol) नाक की लड़ाई बन गया है. रूस ने यूक्रेन को अल्टीमेटम दिया है कि वह Mariupol को खाली कर दे, लेकिन यूक्रेन की सेना ने सरेंडर करने से इनकार कर दिया है. दूसरी तरफ रूस ने चेताया है कि Mariupol में भयानक मानवीय तबाही हो रही है.
रूस की चेतावनी के बाद यूक्रेन की डिप्टी सीएम Iryna Vereshchuk ने भी साफ किया कि हथियार डालकर सरेंडर करने का सवाल ही पैदा नहीं होता, रूस को भी इस बारे में बता दिया गया है. इससे पहले रूस के कर्नल-जनरल Mikhail Mizintsev (रूस के डिफेंस मैनेजमेंट के नेशनल सेंटर के डायरेक्टर) ने कहा था कि बड़ी मानवीय आपदा सामने है. ऐसे में जो लोग हथियार डालेंगे, उनको Mariupol से सुरक्षित निकलने दिया जाएगा.
करीब 4 लाख लोग शहर में फंसे, 80 फीसदी इमारतें तबाह
यूक्रेन के Mariupol शहर पर 24 फरवरी के बाद से रूस ने सबसे ज्यादा बमबारी की है. यहां करीब 4 लाख लोग अब भी फंसे हैं, जिनके पास खाने, पानी और बिजली की भारी किल्लत है. लोगों को निकालने के लिए मानवीय कॉरिडोर खोले जाने हैं लेकिन ये बात अबतक अटकी हुई है.
Mariupol की घेराबंदी के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि मचाए जा रहे आतंक को आने वाले दशकों तक याद किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, रूसी बमबारी में अबतक मारियूपोल की 80 फीसदी इमारतें तबाह हो चुकी हैं. Mariupol के थियेटर पर भी पिछले दिनों रूसी बमबारी हुई थी. थियेटर के नीचे करीब 400 लोगों के फंसने की जानकारी सामने आई थी.
Mariupol क्यों है जरूरी
शहर दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन को जोड़ने वाले पुल की तरह काम करता है. अगर पुतिन की सेना का इसपर कब्जा हो जाता है तो उसे बड़ा फायदा मिलेगा. बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध का आज सोमवार को 26वां दिन है. यूक्रेन का दावा है कि रूसी हमले में उसके हजारों आम लोग मारे गए हैं. वहीं यूक्रेन यह भी दावा कर रहा है कि उसने जंग में रूस को काफी नुकसान पहुंचाया है. दावा है कि जंग में रूस के 13 हजार से ज्यादा सैनिक मार गिराए गए हैं. वहीं उसके कई हवाई जहाज, टैंक और तोपों को तबाह किया गया है.