रूस और यूक्रेन के बीच जंग कई महीनों से जारी है. जमीन पर स्थिति अभी भी विस्फोटक बनी हुई है और आने वाले समय में भी हालात सुधरते नहीं दिख रहे. फिलहाल तो स्थिति चिंताजनक है, लेकिन युद्ध के शुरुआती दौर में कई देशों ने मध्यस्थता करने की कोशिश की थी. प्रयास था कि किसी तरह से ये युद्ध रुक जाए. ऐसा ही एक प्रयास इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने भी किया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में दावा किया है कि युद्ध के शुरुआती समय में उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात हुई थी.
वो सीक्रेट बातचीत और एक वादा
नफ्ताली बेनेट के मुताबिक उस मुलाकात के दौरान उनकी तरफ से पुतिन से ये वादा करवाया गया था कि वे जेलेंस्की को नहीं मारेंगे. उस बातचीत को याद कर पूर्व पीएम ने इंटरव्यू में कहा कि मैंने पुतिन से पूछा था कि क्या आप जेलेंस्की को मारने वाले हैं. उन्होंने जवाब दिया कि हम जेलेंस्की को नहीं मारेंगे. तब मैंने कहा था कि मुझे आपकी जुबान चाहिए कि आप जेलेंस्की को नहीं मारेंगे. इस पर पुतिन ने सिर्फ इतना कहा कि मैं जेलेंस्की को नहीं मारूंगा. अब चार घंटे के इंटरव्यू में बेनेट ने सिर्फ पुतिन के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र नहीं किया है, बल्कि उनकी तरफ से यहां तक कहा गया है कि उस मीटिंग के बाद उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात की थी.
यूक्रेन का दावों पर क्या जवाब आया?
उनके मुताबिक उस बातचीत में उन्होंने जेलेंस्की को पुतिन के इस वादे के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि पुतिन वादा कर रहे हैं कि वे आपको नहीं मारेंगे. इस पर जेलेंस्की ने पूछा था कि क्या आप पूरी तरह आश्वस्त हैं. इस पर बेनेट ने हां में जवाब दिया था. अब बेनेट का ये कहना इसलिए मायने रखता है क्योंकि युद्ध के समय कई मौकों पर जेलेंस्की दावा कर चुके हैं कि रूस उन्हें मारने की साजिश रच रहा है. अब रूस ने बेनेट के इस इंटरव्यू पर तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन पहले कई मौकों पर उसकी तरफ से कहा जा चुका है कि वे जेलेंस्की को नहीं मारना चाहते हैं. अब रूस तो इस इंटरव्यू पर कुछ भी बोलने से बच रहा है, यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने एक बार फिर पुतिन को सबसे बड़ा झूठा बता दिया है. कहा गया है कि पुतिन ने जब-जब कोई चीज ना करने की बात कही है, हर बार उसका उलट ही हुआ है.
कौन हैं इजरायल के ये पूर्व पीएम?
जिस समय नफ्ताली बेनेट ने राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी, तब वे इजरायल के प्रधानमंत्री थे. उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का रहा, लेकिन उनके पीएम रहते वक्त ही रूस और यूक्रेन के बीच में युद्ध शुरू हो गया था. ये वो समय था जब कई देश इस युद्ध को रोकने की कोशिश में लगे थे. उसी तरह की कोशिश करने बेनेट भी गए थे. उनकी राष्ट्रपति पुतिन से बात भी हुई, लेकिन शांति कायम करने के उनके प्रस्ताव फेल हो गए.