scorecardresearch
 

Russia-Ukraine War: रूस बॉर्डर पर नाटो के 30 हजार सैनिक डटे, क्या महायुद्ध का बारूदी रिहर्सल शुरू?

Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पोलैंड दौरे से पहले रूस बॉर्डर पर हलचल तेज हो गई है. NATO देशों के सैनिकों ने रूस सीमा पर युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है.

Advertisement
X
रूस-यूक्रेन के बीच जंग की तस्वीर भयानक होती जा रही है. (फाइल फोटो)
रूस-यूक्रेन के बीच जंग की तस्वीर भयानक होती जा रही है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 24 फरवरी से जारी है रूस और यूक्रेन के बीच जंग
  • बढ़ता जा रहा है विश्व युद्ध का खतरा

Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग का आज 28वां दिन खत्म होने जा रहा है. दोनों देशों के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही. इसी बीच युद्धकाल के दौरान रूस बॉर्डर से चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. रूस बॉर्डर पर एक-दो नहीं बल्कि नाटो देशों के 30 हजार सैनिक युद्धाभ्यास कर रहे हैं. युद्धाभ्यास में परमाणु पनडुब्बी तक शामिल हैं, तो क्या रूस पर किसी बड़े एक्शन की तैयारी है?   

Advertisement

दरअसल, यूक्रेन के बॉर्डर पर बीते कुछ दिनों में लडाकू विमानों को रडार ने ट्रेस किया है. दावा यही किया जा रहा है कि विमान खतरनाक मिसाइल से लैस थे. बड़ी बात ये है कि ये विमान ना तो यूक्रेनी सेना के हैं  और ना ही रूसी सेना के हैं. ना ही हंगरी के एयरस्पेस में दाखिल होने के बाद लड़ाकू विमानों से जुड़ी जानकारी को दुनिया से साझा की गई.  

माना यही जा रहा है कि यूक्रेन बॉर्डर और हंगरी एयरस्पेस में नजर आए लड़ाकू विमान अमेरिका के हो सकते हैं. लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. यहां आपको ये याद रखना है कि युद्ध के दौरान रूस के 70 से ज्यादा फाइटर प्लेन और 100 से ज्यादा सैन्य हेलिकॉप्टर नष्ट हो चुके हैं. तो क्या कीव का भूत जिसे बताया जा रहा है और रूसी विमानों को गिराने वाले जिस पायलट के रहस्य में अभी तक रूस उलझा हुआ हैं, कहीं वो यही फाइटर प्लेन तो नहीं है?

Advertisement

रूस को रोकना अमेरिका और नाटो मुल्कों के लिए क्यों जरूरी है?

दरअसल, बीते साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस ने एक ऐसी परमाणु मिसाइल तैयार कर ली है जो पूरी दुनिया में कहीं भी मार कर सकती है और हर लक्ष्य को भेद सकती है. पुतिन का दावा है कि इस मिसाइल को रोक पाना असंभव है. रूस के सरकारी टीवी पर पुतिन ने लोगों को एक प्रज़ेंटेशन भी दिखाया था. इसमें पुतिन ने कहा कि रूस ऐसे ड्रोन भी तैयार कर रहा है जिन्हें पनडुब्बियों से छोड़ा जा सकेगा और वो परमाणु हमला करने में सक्षम होंगे. पुतिन ने आगे कहा था कि रूस की नई मिसाइल को यूरोप और एशिया में बिछे अमरीकी डिफ़ेंस सिस्टम भी नहीं रोक सकते.

दूसरी तरफ, अमरीकी राष्ट्रपति ने भी अपने परमाणु हथियारों के आधुनीकीकरण का ऑर्डर दिया था. ऑर्डर के बाद क्या हुआ, अभी तक दुनिया के लिए ये टॉप सीक्रेट है. इसका मतलब ये है कि रूस को यूक्रेन में अगर नहीं रोका गया तो उसका अगला टारगेट रूस से सटे दूसरे मुल्क बनेंगे, जो नाटो के सदस्य हैं. खतरा बड़ा है. लिहाजा आर-पार की लड़ाई के लिए NATO के 30 हजार सैनिकों का युद्धाभ्यास शुरू हो चुका है. ठीक वैसे ही माइनस डिग्री के तापमान में, जहां पर रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध चल रहा है. 

Advertisement

NATO देश और रूस की ताकत में कौन कितना शक्तिशाली है? 

-नाटो देशों के पास 54 लाख, 5 हज़ार, 700 सैनिक हैं
- जबकि रूस के पास 13 लाख, 50 हज़ार सैनिक हैं

- नाटों देशों के पास सक्रिय सैनिकों की संख्या 33 लाख, 66 हज़ार है
- जबकि रूस के पास एक्टिव सोल्जर की तादाद 8 लाख 55 हज़ार है

- नाटो देशों के पास पैरा मिलिट्री यूनिट्स की संख्या 7 लाख, 38 हज़ार, 700 है
- जबकि रूस के पास पैरा मिलिट्री यूनिट्स की संख्या 2 लाख 50 हज़ार है

- नाटो देशों के पास 20,723 एयरक्राफ्ट हैं
- जबकि रूस के पास 4,173 एयरक्राफ्ट हैं

- नाटो देशों के पास ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट 1,048 हैं
- जबकि रूस के पास ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट 739 हैं

- नाटो देशों के पास टैंकर एयरक्राफ्ट 678 हैं
- जबकि रूस के पास टैंकर एयरक्राफ्ट महज 20 हैं

- नाटो देशों के पास 8,485 हेलिकॉप्टर हैं
- जबकि रूस के पास 1,543 हेलिकॉप्टर हैं 
 

यानी रूस के सामने नाटो देश बहुत ज़्यादा ताकतवर हैं, और कहीं ना कहीं जेलेंस्की इसीलिए नाटो देशों के साथ जुड़ना चाहते हैं. लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि अगर युद्ध में नाटो देश उतरते हैं तो उसका अंजाम बहुत ही भयावय होगा और इसी के जवाब में पुतिन परमाणु युद्ध की बात भी कह चुके हैं.

Advertisement

युद्धकाल में नाटो सेना की सबसे बड़े युद्धाभ्यास का मतलब क्या है?

सवाल: क्या है युद्धाभ्यास का मतलब?
जवाब: नाटो के 27 देशों के 30000 सैनिक शामिल हैं.

सवाल: युद्धाभ्यास में क्या है?
जवाब: खून जमा देने वाली सर्दी में दुश्मन से निपटना.

सवाल: युद्धाभ्यास का मकसद क्या?
जवाब: जल थल और वायु में जंग की तैयारी.

सवाल: कहां हो रहा है युद्धाभ्यास?
जवाब: 
नार्वे और समंदर 

सवाल: युद्धाभ्यास की टाइमिंग?
जवाब: 
किसी भी वक्त युद्ध लड़ने को तैयार रहना

डिफेंस एक्सपर्ट मानते हैं कि रूस को घेरने के लिए अब नाटो ने कमर कस ली है. इसी के चलते 30 हजार सैनिक, 200 लड़ाकू विमान और परमाणु पनडुब्बी युद्ध का रिहर्सल कर रहे हैं. NATO ने रूस की सीमा के पास नार्वे में जोरदार शक्ति प्रदर्शन शुरू किया है. माना जा रहा है कि इस सैन्य अभ्यास के जरिए नाटो यूक्रेन में कहर बरपा रही रूसी सेना को उत्तरी यूरोप के मोर्चे पर सख्त संदेश देने की तैयारी कर रही है. इसकी वजह युद्धाभ्यास की टाइमिंग है.

दरअसल, नार्वे की 200 Km जमीनी सीमा रूस से लगती है. बड़ी बात ये है कि इस अभ्यास को कोल्ड रिस्पांस नाम दिया गया है. ये युद्धाभ्यास रूस की सीमा से सिर्फ कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर हो रहा है. अभ्यास के दौरान सैनिक नार्वे के समुद्र तटीय इलाके में जंगी जहाज से उतर छापा मारने का अभ्यास कर रहे हैं. इस अभ्यास के दौरान एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स और फ्रिगेट एचएमएस रिचमंड समेत कई घातक जंगी जहाज हिस्सा ले रहे हैं.

Advertisement

वहीं, संमदर में युद्धाभ्यास के साथ-साथ हवाई अभियान भी किया जाएगा.  युद्धाभ्यास उस वक्त हो रहा है जब यूक्रेन की तरफ से लगातार नाटो मुल्कों से मदद मांगी जा रही है. हालांकि, जेलेंस्की ने नाटो मुल्कों के खिलाफ भी मोर्चो खोल दिया है. एक इंटरव्यू में जेलेस्की ने कहा है, "नाटो को या तो अब कहना चाहिए कि वह हमें स्वीकार कर रहा है, या खुले तौर पर कहे कि वह हमें स्वीकार नहीं कर रहा है. नाटो देश रूस से डरते हैं, जो सच है." 

नाटो विवादास्पद चीजों और रूस के साथ टकराव से डरता है. तो क्या पर्दे के पीछे नाटो सेना युद्ध की तैयारी कर रही हैं, आने वाले दिनों में किसी भी वक्त नाटो मुल्क युद्ध में शामिल हो सकते हैं. सवाल कई हैं, लेकिन नाटो ने दावा किया है कि सैन्य अभ्यास का युद्ध से कोई संबंध नहीं है. 

(आज तक ब्यूरो)

 

Advertisement
Advertisement