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यूक्रेन को NATO की सदस्यता मिलते नहीं देख पाएगा रूस! जेलेंस्की ने खारिज की रियाद वार्ता

वॉशिंगटन और मॉस्को ने अमेरिका-रूस द्विपक्षीय संबंधों में लंबे वक्त से चले आ रहे तनाव को दूर करने पर सहमति जताई है. यह प्रक्रिया यूक्रेन में युद्ध को हल करने की कोशिशों के साथ शुरू होगी.

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जेलेंस्की ने खारिज की रियाद वार्ता (तस्वीर: रॉयटर्स)
जेलेंस्की ने खारिज की रियाद वार्ता (तस्वीर: रॉयटर्स)

सऊदी अरब (Saudi Arabia) के रियाद में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच मीटिंग हुई. मंगलवार को हुई इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए कोशिश शुरू करने पर अमेरिका और रूस सहमत हुए. दोनों पक्षों ने इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म किए जाने पर सहमति जताई और अहम कदम उठाए. 

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उच्च स्तरीय टीमों की नियुक्ति की गई, जो सभी पक्षों के लिए स्थायी, टिकाऊ और स्वीकार्य हो. हालांकि, यूक्रेन ने जोर देकर कहा कि वह अपनी सहमति के बिना थोपे गए किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं करेगा.

वॉशिंगटन और मॉस्को ने अपने द्विपक्षीय संबंधों में लंबे वक्त से चले आ रहे तनाव को दूर करने पर भी सहमति जताई. यह प्रक्रिया यूक्रेन में युद्ध को हल करने के प्रयासों के साथ शुरू होगी. हालांकि, दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा अभी शुरुआती चरण में है.

मार्को रुबियो ने कहा कि दोनों देश मोटे तौर पर तीन अहम मकसद पर सहमत हुए हैं:

  • वाशिंगटन और मॉस्को में अपने-अपने दूतावासों में पूरी तरह स्टाफ बहाल करना
  • यूक्रेन शांति वार्ता का समर्थन करने के लिए एक हाई लेवल टीम की स्थापना करना
  • आर्थिक सहयोग के लिए अवसरों की खोज करना.

सर्गेई लावरोव ने कहा कि दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने सार्थक बातचीत की और अपने देशों के बीच सहयोग को पूरी तरह से बहाल करने की सहमति जताई.

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रूसी विदेश मंत्री ने कहा, "मेरे पास यह मानने की वजह है कि अमेरिकी पक्ष ने हमारी स्थिति को बेहतर ढंग से समझना शुरू कर दिया है, जिसे हमने एक बार फिर राष्ट्रपति पुतिन के बार-बार दिए गए भाषणों के आधार पर तमाम उदाहरणों का उपयोग करते हुए विस्तार से रेखांकित किया है."

यह भी पढ़ें: यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए सऊदी में एक साथ बैठे अमेरिका-रूस, जेलेंस्की हुए नाराज

यूक्रेन में NATO सैनिकों की मौजूदगी अस्वीकार्य: रूस

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 4 घंटे से ज्यादा वक्त तक चली बैठक के दौरान रूस ने अपनी मांगों को और कड़ा कर दिया, खास तौर पर इस बात पर जोर देते हुए कि वह NATO गठबंधन द्वारा कीव को सदस्यता दिए जाने को बर्दाश्त नहीं करेगा.

रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि NATO द्वारा यूक्रेन को सदस्य के रूप में स्वीकार न करना पर्याप्त नहीं था. 

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने लगातार NATO सदस्यता की मांग की है क्योंकि यह कीव की संप्रभुता और उसके परमाणु-सशस्त्र पड़ोसी से आजादी की गारंटी देने का एकमात्र तरीका है.

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जेलेंस्की ने रियाद वार्ता के नतीजे को खारिज किया

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हफ्ते की वार्ता के नतीजे को खारिज कर दिया, क्योंकि कीव चर्चाओं में शामिल नहीं था. उन्होंने सऊदी अरब की अपनी यात्रा रद्द कर दी है और कहा है कि वह अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के कीव पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "बातचीत हमारी पीठ पीछे नहीं होनी चाहिए. हम चाहते हैं कि कोई भी हमारी पीठ पीछे कुछ भी तय न करे. यूक्रेन में युद्ध को कैसे खत्म किया जाए, इस बारे में यूक्रेन के बिना कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है." 

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस मीटिंग में नहीं बुलाया गया था, यह हमारे लिए आश्चर्य की बात थी. 

रूस ने कहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जरूरी होने पर अपने यूक्रेनी समकक्ष के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं.

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अचानक बढ़ा था विवाद

फरवरी 2014 में शुरू हुआ रूस-यूक्रेन युद्ध फरवरी 2022 में अचानक बढ़ गया, जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया. रूस के हमले के बाद से अमेरिका-रूस की यह पहली बैठक थी, जिसने कूटनीतिक रूप से मास्को को अलग-थलग कर दिया था.
 

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