अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन युद्ध रुकवाने की दिशा में प्रयासरत हैं. इसे लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन अभी तक सतही तौर पर कुछ भी तय नहीं हो पाया है. ऐसे में मिडिल ईस्ट में अमेरिका के विशेष राजदूत स्टीव विटकॉफ ने दोनों राष्ट्रों के बीच पीस प्लान में आ रही सबसे बड़ी अड़चन पर बात की है.
स्टीव विटकॉफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि हम रूस और यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए जमीन-आसमान एक किए हुए हैं लेकिन इस युद्ध को रुकवाने में आ रही सबसे बड़ी अड़चन क्राइमिया और रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के चार इलाके हैं. यूक्रेन का कहना है कि हमले के दौरान रूस ने गैरकानूनी रूप से हमारे चार इलाकों पर कब्जा कर लिया गया था.
विटकॉफ ने इन चार इलाकों के बारे में कहा कि यहां रूसी भाषा बोलने वाले लोग हैं. यहां जनमत संग्रह कराया गया था, जहां एक बड़ी आबादी ने एकजुटता से कहा कि वे रूस के शासन में रहना चाहते हैं.
बता दें कि यूक्रेन के चार इलाकों दोनेत्सक, लुहांस्क, जेपोरिजिया और खेरसांव को रूस में मिलाने के लिए क्रेमलिन ने जनमत संग्रह कराया था, जिसे यूक्रेन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने खारिज किया था.
बता दें कि इससे पहले सऊदी अरब में यूक्रेन और अमेरिका के बीच सीजफायर को लेकर सहमति बनी थी. इसके बाद अमेरिका ने 30 दिनों के सीजफायर का यह प्लान रूस को भेजा था. पर पुतिन के ढीले रवैये के मद्देनजर राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें दो टूक वॉर्निंग भी दी थी.
ट्रंप ने पुतिन को चेताते हुए कहा था कि अगर रूस, यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखता है तो उसे इसके सख्त परिणाम भुगतने होंगे. उसे इसका आर्थिक खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. हम कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं जिससे उन पर नकारात्मक वित्तीय प्रभाव पड़ सकता है. यह रूस के लिए घातक होगा. मैं ऐसा नहीं चाहता क्योंकि मेरा मकसद शांति लाना है.
मालूम हो कि इससे पहले सऊदी अरब के जेद्दा में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच 30 दिनों के सीजफायर पर सहमति बनी थी. सहमति बनने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि अब इस प्रस्ताव को रूस के समक्ष भेजा जाएगा. रूस को अब इस पर सहमति जतानी है, जिसके बाद इसे अमल में लाया जाएगा.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी सऊदी अरब पहुंचकर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी. सऊदी के क्राउन प्रिंस के बीच यह मुलाकात शांति समझौते के लिए यूक्रेन के अधिकारियों और सऊदी-अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच होने वाली वार्ता से पहले हुई थी.