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Russia-Ukraine War: रूस ने भी लिया बदला, ब्रिटिश उड़ानों के लिए अपना एयरस्पेस किया बंद

Russia Ukraine War: रूस ने ब्रिटेन पर पलटवार करते हुए ब्रिटिश एयरलाइंस को अपने एयरस्पेस में उड़ने और अपने हवाई अड्डों पर उतरने की पाबंदी लगा दी है.

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रूस ने यूके के एयरलाइंस पर लगाया प्रतिबंध. (फाइल फोटो)
रूस ने यूके के एयरलाइंस पर लगाया प्रतिबंध. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पोलैंड भी लगा चुका रूसी एयरलाइंस पर बैन
  • बदले में रूस भी प्रतिबंध लगाने में जुटा

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को ब्रिटिश एयरलाइंस के रूस में उतरने या उसके हवाई क्षेत्र का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया. यह कदम ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की उस कार्रवाई के जवाब में उठाया गया जिसमें उन्होंने रूसी एयरलाइंस एअरोफ़्लोत को यूके में एयरस्पेस देने से मना कर दिया था. 

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गुरुवार को यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के जवाब में ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने रूस की राष्ट्रीय एयरलाइन एअरोफ़्लोत के देश में उतरने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. बता दें कि रूसी एयरलाइंस को आमतौर पर एअरोफ़्लोत के रूप में जाना जाता है. यह रूसी संघ की ध्वज वाहक और सबसे बड़ी एयरलाइन है. साल 1923 में शुरू हुई एअरोफ़्लोत दुनिया की सबसे पुरानी सक्रिय एयरलाइनों में से एक है. 

ब्रिटिश एयरलाइंस पर बैन लगाने को लेकर यूके के रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा, बदले की भावना से यह प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि गुरुवार को हमने एअरोफ़्लोत को यूनाइटेड किंगडम के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने और उतरने से रोक दिया था. 

टिकट की पूरी राशि वापस करेगा ब्रिटिश एयरवेज

रूसी राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से यूके की उड़ानें रोके जाने के बाद ब्रिटिश एयरवेज ने एक बयान में कहा कि वह रद्द उड़ानों को लेकर अपने यात्रियों को सूचित कर रहा है और टिकट की पूरी धनराशि वापस करेगा. बता दें कि यूके का ब्रिटिश एयरवेज लंदन और मॉस्को के बीच कई उड़ानें संचालित करता है.

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ब्रिटिश  एयरलाइन ने कहा, "असुविधा के लिए हम माफी चाहते हैं लेकिन यह पूरी तरह हमारे नियंत्रण से बाहर का मामला है. हम हालत की बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे.  

सीधी कार्रवाई नहीं होगी: UK

इस बीच, यूके सरकार ने कहा है कि रूस के खिलाफ लड़ने के लिए ब्रिटिश सैनिकों को तैनात करने की उसकी कोई योजना नहीं है. ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जेम्स हेप्पी ने शुक्रवार को हाउस ऑफ कॉमन्स को बताया कि 900 और ब्रिटिश सैनिकों को पूर्वी यूरोप में भेजा जा रहा है ताकि आसपास के क्षेत्रों में समर्थन बढ़ाया जा सके, रूस के खिलाफ लेकिन कोई सीधी कार्रवाई नहीं होगी. 

NATO में अमेरिका के बाद ब्रिटेन का नंबर

मंत्री हेप्पी ने जानकारी दी कि हालांकि इस युद्ध में आगे का योगदान देने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस तनाव के बीच आगे आने वाली ताकतों  में अमेरिका के बाद ब्रिटेन दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है. लेकिन यूके की तरफ से साफ है कि अगर अन्य नाटो सहयोगी उस गति से जवाब देने में असमर्थ हैं जो हम कर सकते हैं, तो फिर हमारी सेना जल, थल और वायु मार्ग से हर तरह का सहयोग करेगी. 

उन्होंने कहा, "ब्रिटिश और नाटो सैनिकों को यूक्रेन में सक्रिय भूमिका नहीं निभानी चाहिए और न ही करनी चाहिए. हम सभी को साफ पता होना चाहिए कि गलत अनुमान के जोखिम क्या हो सकते हैं, और अगर लोग गलत अनुमान लगाते हैं और चीजें अनावश्यक रूप से और ज्यादा बढ़ जाती हैं. यानी दखल देने से संघर्ष और अधिक बढ़ जाएगा.  

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यूक्रेन से और अधिक समर्थन का वादा

इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री जॉनसन ने एक बार फिर यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से बात की और आने वाले दिनों में और अधिक समर्थन का वादा किया. PM बोरिसन ने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को आश्वासन दिया कि पुतिन के आतंक के खिलाफ दुनिया एकजुट है. डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा, उन्होंने रूस की हिंसा के अभियान के लिए यूक्रेन के लोगों की बहादुरी की तारीफ और मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. 

रूस पर लग चुके हैं कड़े प्रतिबंध

प्रवक्ता ने कहा,  प्रधानमंत्री बोरिसन आने वाले दिनों में यूक्रेन को ब्रिटेन की और मदद देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि यूक्रेन और दुनिया के लोग यह दिखाना जारी रखेंगे कि पुतिन को यह सब सजा से मुक्त होकर नहीं कर सकते हैं. यह वजह है कि यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ-साथ यूके ने रूसी बैंकों, व्यवसायों और पुतिन सहयोगियों के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए हैं.

यही नहीं, हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष सर लिंडसे हॉयल ने कहा है कि यदि रूस पर और प्रतिबंधों की जरूरत होती है तो ब्रिटेन की संसद सप्ताहांत में वापस बुलाए जाने के लिए तैयार है. 
 

 

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