Russia Ukraine War: यूक्रेन में रूस की सेना डटी हुई है. राजधानी कीव से लेकर खारकीव में लगातार हमले कर रही है. कई शहर उजाड़ दिए हैं. इसी बीच बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक प्रस्ताव रखा गया. इसमें प्रस्ताव में कहा गया कि रूस अब यूक्रेन से अपनी सेना हटा ले. वहां भारी तबाही हो रही है. इसमें कुल 181 देशों ने भाग लिया. बता दें कि वोटिंग के दौरान भारत ने अपना तटस्थ रुख अपनाया. लिहाजा भारत इस वोटिंग से दूर रहा. जबकि इस प्रस्ताव के पक्ष में 141 देशों ने वोटिंग की. वहीं 35 देश इस प्रस्ताव से दूर ही रहे. जबकि 5 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया.
UNGA में प्रस्ताव पर वोटिंग होने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि मैं रूसी संघ के इस विश्वासघाती हमले को तुरंत रोकने के लिए UNGA में रखे गए प्रस्ताव पर अभूतपूर्व बहुमत का स्वागत करता हूं. जेलेंस्की ने आगे कहा कि मैं उन सभी का आभारी हूं, जिन्होंने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. मैं बस यही कहना चाहूंगा कि आपने कहानी का सही पक्ष चुना है.
जेलेंस्की बोले- जीत हमारी होगी
वोटिंग के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि वोटिंग के परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पुतिन विरोधी गठबंधन तैयार किया गया है ये बखूबी काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया हमारे साथ है. सच्चाई हमारे साथ है. जीत हमारी होगी.
1/2 I praise the approval by the #UN GA with an unprecedented majority of votes of the resolution with a strong demand to Russia to immediately stop the treacherous attack on 🇺🇦. I’m grateful to everyone & every state that voted in favor. You have chosen the right side of history pic.twitter.com/1sb0qjxXKs
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) March 2, 2022
भारत ने साफ किया अपना रुख
वहीं भारत ने UN जनरल असेंबली में अपना रुख साफ किया. भारत की ओऱ से कहा गया कि रूस-यूक्रेन में तुरंत सीजफायर हो. हम यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी चाहते हैं. हम चाहते हैं कि वहां से निकलने में भारतीयों को कोई परेशानी न हो. हम सीजफायर की मांग का समर्थन करते हैं. बता दें कि UNGA में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया है.
SWIFT से रूस के 7 बैंकों को बाहर किया
इससे पहले बुधवार को UN ने रूस के 7 बैंकों को SWIFT से बाहर कर दिया था. बता दें कि रूस की ओर से किए गए हमले के बाद पश्चिमी देश लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. लिहाजा अमेरिका और ब्रिटेन अब तक रूस पर कई पाबंदिया लगा चुका है.