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यूक्रेन युद्ध के बीच आज की सबसे बड़ी खबर यही है कि रूस ने आगे का रोडमैप बता दिया है. अब तक युद्ध को यूक्रेन की धरती तक सीमित माना जा रहा था, लेकिन रूस ने साफ कर दिया है कि युद्ध की आच अब नाटो के 30 मुल्कों तक पहुंच सकती है.
दरअसल अमेरिका और नाटो मुल्कों की तरफ से लगातार लगाए जा रहे आर्थिक प्रतिबंध और यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद पर रूस ने पलटवार किया है. रूस ने साफ कर दिया है कि अगर नाटो से जुड़े मुल्कों की तरफ से यूक्रेन को सैन्य मदद दी गई तो वो जवाबी कार्रवाई करेगा. जवाबी कार्रवाई का मतलब है कि रूस की सेना यूक्रेन के साथ-साथ नोटो देशों पर हमला करेगा.
जानकार मानते हैं कि रूस के चेतावनी के पीछे पश्चिमी देशों के द्वारा लगाए गए प्रतिबंध है. दरअसल, रूस के खिलाफ सबसे सख्त प्रतिबंध ये है कि उसके 630 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को फ्रीज कर दिया गया है.
वहीं स्विफ्ट पेमेंट्स सिस्टम के दरवाजे भी रूस के लिए बंद कर दिए गए हैं. इससे रूस के तगड़ा झटका लगने की उम्मीद है, यानी रूस आर्थिक तौर पर पूरी तरह अलग-थलग पड़ सकता है. अब तक लगे प्रतिबंधों से रूस की जीडीपी को 1.5% का झटका लग सकता है.
रूस के एक साथ कई मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है
रूस को फिलहाल एक साथ कई मोर्चे पर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जहां एक और युद्ध पर हर दिन 1.12 लाख करोड़ रुपए खर्च हो रहा है, वहीं रूस की करेंसी रूबल इस महीने 10% तक कमजोर हो चुकी है. पश्चिमी देशों ने रूस के साथ डॉलर-यूरो-पाउंड में कारोबार बैन कर दिया है. ऐसे में रूबल अभी और गिर सकता है.
युद्ध शुरू होने के तीन हफ्ते पहले से ही रूसी कंपनियों को नुकसान होना शुरू हो चुका था. वहां का शेयर बाजार 10 फरवरी के बाद 40% तक गिर चुका है. इससे रूस की लिस्टेड कंपनियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. रूस को यूक्रेन पर हमले के सिर्फ 4 दिन में 5 लाख करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं.
एक तरफ युद्ध में रूस का सिर्फ और सिर्फ खर्चा हो रहा है, वहीं यूक्रेन को रूसी हमलों से निपटने के लिए यूरोपीय देशों में सरकार के साथ-साथ आम लोग भी आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं. यूक्रेन की मदद के लिए 4 दिनों में 1 अरब रुपए जमा होने की खबर है.
यूक्रेन पर रूस के हमले ने दुनिया को दो धड़ों में बांटकर रख दिया है
यूक्रेन पर रूस के हमले ने दुनिया को दो धड़ों में बांटकर रख दिया है. एक तरफ भारत जैसा देश तटस्थ रहने की कोशिश में है तो वहीं चीन और पाकिस्तान ने भी दूरी बना रखी है. इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे पश्चिमी और यूरोपीय देश खुलकर रूस के सामने आ गए हैं. इनमें से कई देशों ने यूक्रेन को सैन्य हथियार मुहैया कराने से लेकर दूसरी मदद देने की बात कही है. नाटो चीफ ने यूक्रेन को एंटी-टैंक हथियार और मिसाइलें देने का ऐलान किया. अब तक कुल 21 देशों की ओर से यूक्रेन की ओर से मदद का ऐलान किया गया है.
इनकी ओर से अब तक यूक्रेन को मदद का ऐलान
- अमेरिका ने यूक्रेन को 350 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त मदद देने का ऐलान किया है, ताकि वो हथियारों की खरीद कर सके, बीते एक साल में अमेरिका ने यूक्रेन को ये सबसे बड़ी मदद दी है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन कह रहे हैं कि उनके सैनिक यूक्रेन में लड़ने नहीं जाएंगे.
- यूरोपियन यूनियन के नेताओं ने यूक्रेन को 450 मिलियन यूरो की मदद देने की मंजूरी दी है. ये रकम यूक्रेन को हथियारों की खरीद और डिलिवरी के लिए दी जानी है. कई देशों की ओर से यूक्रेन को फाइटर जेट भेजे जा रहे हैं.
- यूक्रेन की मदद के लिये विश्व बैंक और IMF ने भी बढ़ाया हाथ है और 3 अरब डॉलर का पैकेज देने की तैयारी हो रही है.
- ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन को 100 मिलियन डॉलर से अधिक की मदद देगा. इस पैसे का बड़ा हिस्सा सैन्य उपकरणों पर खर्च होगा. उन्होंने कहा, ‘हम मिसाइल, गोला-बारूद की बात कर रहे हैं’ मानवीय सहायता के लिए अतिरिक्त 35 मिलियन डॉलर दिए जाएंगे.
- कनाडा की ओर से यूक्रेन को खतरनाक सैन्य हथियार भेजे जा रहे हैं, 50 करोड़ कनाडाई डॉलर की रकम देने का फैसला लिया है. ये रकम इसलिए दी जा रही है ताकि यूक्रेन अपनी रक्षा के लिए हथियारों की खरीद कर सके.
- आमतौर पर जर्मनी दूसरे देशों को हथियार निर्यात करने से बचता रहा है, लेकिन यूक्रेन की मदद में वो भी खुलकर सामने आया है. जर्मनी की ओर से 1,000 ऐंटी टैंक हथियार, 500 मिसाइल और 9 होवित्जर तोपों को भेजने का ऐलान किया गया है. 14 सैन्य वाहन और 10,000 ईंधन भी भेजने की बात जर्मनी ने कही है.
- स्वीडन ने भी 5,000 एंटी टैंक रॉकेट्स को यूक्रेन भेजने का ऐलान किया है, 1939 के बाद ये पहला मौका है, जब स्वीडन ने किसी देश में हथियार भेजे हैं.
- फ्रांस की ओर से भी लगातार यूक्रेन को सैन्य हथियार भेजे जा रहे हैं.
(रिपोर्ट- आजतक ब्यूरो)
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