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कीव पर कब्जे के लिए पहले उत्तर में इरपिन शहर लड़ाई का मैदान बना हुआ है और अब कीव के पूर्व में ब्रोवरी के अंदर रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच जंग चल रही है. ब्रोवरी में हर तरफ तबाही का आलम है. कहीं रूसी टैंक जल रहे हैं तो कहीं इमारतें खंडहरों में तब्दील हो गई हैं. रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव को तीन तरफ से घेर लिया है. उत्तर में इरपिन, पश्चिम में बुचा और मारियुपोल और पूर्व में ब्रोवरी पर रूसी सेना लगातार हमले कर रही है.
यूक्रेनी सेना भी रूस के हमलों का जवाब दे रही है, तबाह हुए रूसी टैंक इसकी गवाही दे रही हैं. कीव पर कब्जे के लिए आगे बढ़ रहे टैंक को यूक्रेन की सेना ने उड़ा दिया है. यूक्रेन का दावा है कि उसने 5 रूसी टैंकों को तबाह किया है.
यूक्रेन की सेना ने कीव में घुसने के लिए बेताब रूसी सेना की नाक में दम करके रखा है. कीव के आस-पास के इलाकों में यूक्रेनी सैनिक रूसी हमलों का जबरदस्त जवाब दे रहे हैं.
यूक्रेनी सैनिकों ने रेलवे पटरी पर पोजिशन ले रखी है और जवाबी कार्रवाई कर रही है. पांच टैंक के अलावा रूसी सेना के एक रेजिमेंटल कमाडंर को भी यूक्रेन ने मारने का दावा किया है. उधर, रूसी सेना ने कीव की घेराबंदी कर ली है, जिसे यूक्रेनी सेना कबतक रोक पाएगी, कहना मुश्किल है. अंदेशा है कि जल्दी ही सेना कीव में घुस आएगी.
कीव शहर की सड़कों पर अवरोध लगाये गये हैं, ताकि रूसी सेना आसानी से शहर में घुस ना पाए. इसके अलावा चक्रव्यूह का निर्माण हो रहा है ताकि रूस को बाहर निकलने का भी रास्ता न मिले. लेकिन सच ये है कि अगर रूसी सेना कीव में दाखिल हो गई, तो राजधानी पर कब्जा करने से रोकना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगा. ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए और नागरिकों को सुरक्षित रखने के प्रयास भी युद्धस्तर पर चल रहे हैं.
पुतिन ने कभी नहीं सोचा होगा कि कीव पर कब्जा करने में रूसी सेना को इतना लंबा वक्त लग जाएगा. शायद अपनी इस बौखलाहट को रूस अब यूक्रेन के अन्य शहरों में उतार रहा है. जहां रूस के हमलों ने तेजी पकड़ ली है. यूक्रेन पर हमले की घोषणा के साथ ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी सेना को चार दिन के अंदर कीव पर कब्जा करने का ऑर्डर दिया था, लेकिन अब 16 दिन हो चुके हैं और रूसी सेना अभी तक कीव के अंदर दाखिल नहीं हो पाई है.
रूस ने अपनी रणनीति लगातार बदली और अब उसका प्लान अपग्रेड हो गया है. इसका खुलासा ताजा सेटेलाइट तस्वीरों में हुआ है. इन्हें स्पेस इमेजिंग एजेंसी MAXAR ने जारी किया है. इन सेटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि 28 फरवरी को 64 किलोमीटर लंबा रूसी सैन्य काफिला जो कीव पर कब्जा करने के लिए बढ़ रहा था, वो अब तितर-बितर हो चुका है. अलग अलग दिशाओं में फैल चुका है.
28 फरवरी को रूसी सेना का 64 किलोमीटर लंबा काफिला एक साथ कीव की तरफ बढ़ रहा था. लेकिन अब रूस ने अपनी रणनीति को बदल दिया है और कीव की तरफ बढ़ते अपने अपने काफिले को बांट दिया है. ताजा सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि रूसी सेना के काफिले को तितर-बितर करके अलग-अलग जगहों पर तैनात कर दिया गया है.
कीव पर कब्जे के लिए आगे बढ़ रहे काफिले को पहले तो कई दिन तक रोककर रखा गया और फिर ये काफिला कीव के आसपास तितर-बितर हो गया. इसकी एक वजह ये है यूक्रेन की तरफ से आर्टिलरी फायर और अटैक से बचने के लिए रूसी काफिला तितर-बितर हुआ है.
कीव के पश्चिम में इरपिन और पूर्व में ब्रोबरी के अंदर रूसी काफिले को यूक्रेन की तरफ से काउंटर अटैक का सामना करना पड़ रहा है और भारी नुकसान उठाना पड़ा है. यूक्रेन के काउंटर अटैक ने रूस को मजबूर कर दिया है कि वो अपनी प्लानिंग बदले, लेकिन अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों का मानना है कि रूस ने रास्ता बदला है, इरादा नहीं.
रूसी काफिले में शामिल टैंक अब कीव शहर के सेंट्रल स्कवायर से महज नौ मील की दूरी पर खड़े हैं, जो पहले 13 मील की दूरी पर थे. इसके अलावा कीव के नजदीक खेतों में रूस की रॉकेट आर्टिलरी का फायरिंग पोजिशन में आ जाना भी बताता है कि रूस कीव पर हमले के लिए कितना आतुर है.
इसके अलावा सिविलियन एरिया के अंदर रूसी काफिले का पहुंचाकर रूस ने कोशिश की है कि उसपर हमला करना मुश्किल हो जाए. रूस के सैन्य काफिले में कीव पर कब्जा करने की पूरी ताकत है, लेकिन यूक्रेनी सैनिक भी रूसी काफिले के पहिये जाम करने के लिए तैयार हैं.
यूक्रेन में जंग के 16वें दिन भी रूसी हमले थम नहीं रहे. यूक्रेन का आरोप है कि मारियूपोल में हर आधे घंटे में मिसाइल अटैक हो रहे हैं और लोग जान बचाने के लिए भाग रहे हैं. यूक्रेन के मुताबिक मारियुपोल के अस्पताल पर हुए हमले में 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 17 लोग घायल हो चुके हैं. मारे गये लोगों में एक बच्चा और घायलों में ज़्यादातर डॉक्टर और महिलाएं हैं. खंडहर में बदल जाने के बावूजद अस्पताल के डॉक्टर मरीजों की ज़िंदगी बचाने की कोशिश कर रहे हैं. यूक्रेन का दावा है कि मारियुपोल शहर को रूसी सेना ने कई दिनों से घेर रखा है लेकिन रूस की दलील है कि उसने सैनिकों ने मारियुपोल के अस्पताल पर कोई हमला नहीं किया है ये यूक्रेन की साजिश है जो रूस के बदनाम करने के लिए की गई है.
मारियूपोल के अलावा रूस की सेना ने खारकीव में एक रिहायशी इमारत को भी निशाना बनाया है जिसमें चार लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा यूक्रेन के दूसरे छोर पर लुत्स्क और निप्रो शहर पर भी रूस के हमले जारी हैं, लेकिन इस सबके बाद भी यूक्रेन हार मानने को तैयार नहीं है और लगातार रूसी सेना के हमलों का सामना कर रहा है. मारियूपोल में अस्पताल पर किए हमले को यूक्रेन के राष्ट्रपति जैलेंस्की ने नरसंहार बताकर पूरी दुनिया से एकजुट होने की अपील की है.
रूस यूक्रेन युद्ध के 16 दिन हो चुके हैं लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये युद्ध कब थमेगा. रूसी राष्ट्रपति समझौते के लिए शर्त रख चुके हैं जिसमें ज़ोर इस बात पर है कि यूक्रेन तटस्थ रहने का फैसला करे. क्रीमिया को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता दे और ये भी कि डोनेत्स्क, लुहांस्क को यूक्रेन आजाद मान ले. लेकिन यूक्रेन ने साफ शब्दों में कोई जवाब नहीं दिया. जेलेंस्की ने इशारों में नाटो से नाराजगी जताई और कहा कि उन्होंने नाटो में शामिल होने के सवाल को पीछे छोड़ दिया है. यूक्रेन संकट में फंसा है. रूस दुनिया को आंखें दिखा रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश पाबंदियों के हथियार से आर्थिक शिकंजे का वार कर रहे हैं, लेकिन शांति-सुलह की सूरत अब तक नजर नहीं आई है.
16 दिनों से चल रह हमलों में यूक्रेन बिखर चुका है लेकिन रूस को मुंहतोड़ जवाब देने की हिम्मत अब भी बरकरार है. अब ये जैलेस्की की ज़िद है या आत्मविश्वास ये तो रिसर्च का विषय है लेकिन इस सबके बीच यूक्रेन तबाही की राह पर बहुत आगे बढ़ चुका है. यूक्रेन युद्ध में पहली बार बायलॉजिकल वॉर यानी जैविक हमले की बात सामने आई है. पिछले 48 घंटों में अमेरिका और रूस ने एक दूसरे पर जैविक हथियारों से जुड़े गंभीर आरोप लगाए हैं. रूस का तर्क है कि अमेरिका बड़ी संख्या में यूक्रेन में जैविक हथियार तैयार कर रहा है जबकि अमेरिका का कहना है कि रूस यूक्रेन पर रासायनिक हमला कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो बहुत बड़ी तबाही होना तय है.
युक्रेन में युद्ध में अब तक मिसाइल, टैंक और हवाई हमलों की तस्वीर सबने देखी लेकिन अब केमिकल वॉर की आहट होने लगी है. अमेरिका ने दावा किया है कि रूस, यूक्रेन पर केमिकल या जैविक हथियारों से अटैक कर सकता है लेकिन रूस ने पलटवार करते हुए ये दावा किया है कि उसने यूक्रेन में जैविक हथियारों को खोज निकाला है जो अमेरिका की मदद से यूक्रेन में बनाए जा रहे हैं. यूक्रेन के पास जैविक हथियार हैं या नहीं, ये बात पूरी तरह से साफ नहीं है. ये साफ है कि यूक्रेन में अमेरिका की मदद से कई बायोजिकल लैब्स चल रही हैं. इस बात को अमेरिका की सरकार भी मान चुकी है.
(आजतक ब्यूरो)
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