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Stingers: जिस मिसाइल से अफगानिस्तान में रूस को मिला था घाव, उसी से कहर बरपा रही है यूक्रेन की सेना

रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के आठ दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी भी कांटे का मुकाबला चल रहा है. यूक्रेन लगातार रूस को मुंहतोड़ जवाब देता दिख रहा है. उसकी जवाबी कार्रवाई इतनी कारगर इसलिए हो रही है क्योंकि उसके पास युद्ध लड़ने के लिए कुछ खतरनाक हथियार मौजूद हैं.

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रूस के खिलाफ इस्तेमाल हो रही Javelins मिसाइल
रूस के खिलाफ इस्तेमाल हो रही Javelins मिसाइल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस-यूक्रेन युद्ध के आठ दिन, भीषण जंग जारी
  • अमेरिका के हथियार यूक्रेन के लिए बने वरदान

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को आठ दिन हो चुके हैं. जिस मुकाबले को पहले पूरी तरह एकतरफा माना जा रहा था, अब कई जगहों पर काटे की टक्कर देखने को मिल रही है. ऐसी टक्कर जहां पर रूस को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अभी तक रूस यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा नहीं कर पाया है. यूक्रेन का एयर डिफेंस सिस्टम भी सही काम कर रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि 'कमजोर' माने जाने वाला यूक्रेन इस युद्ध में रूस का किस तरह से सामना कर रहा है? ऐसे कौन से हथियार हैं जो यूक्रेन की स्थिति को जमीन पर मजबूत बना रहे हैं?

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पिछले आठ दिनों की बात करें तो यूक्रेन ने रूस के खिलाफ दो मिसाइलें Stingers और Javelins का प्रमुखता से इस्तेमाल किया है. इन दो मिसाइलों के दम पर ही रूस के कई लड़ाकू विमानों को ढेर किया गया है और कई सैनिक भी मार गिराए गए हैं. आज आपको इन दोनों ही खतरनाक मिसाइलों की खासियत बताते हैं.

स्टिंगर मिसाइल्स

रूस के खिलाफ इस समय यूक्रेन की तरफ से सबसे ज्यादा स्टिंगर मिसाइल्स का इस्तेमाल हो रहा है. ये वही मिसाइल है जिसका कई सालों पहले अफगानिस्तान की धरती पर भी इस्तेमाल हुआ था. तब भी सोवियत संघ की सेना को वहां पर हार झेलनी पड़ी थी. वजह बनी थी यही स्टिंगर मिसाइल्स. इस मिसाइल की खासियत की बात करें तो ये कम ऊंचाई वाले किसी भी एयरक्राफ्ट को खत्म कर सकती है. एक हमले में उस विमान को ध्वस्त किया जा सकता है.

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खास बात तो ये भी है कि इस मिसाइल के इस्तेमाल के लिए ज्यादा फोर्स की जरूरत नहीं पड़ती है. कोई भी एक शख्स अपने कंधे पर इस हथियार को रख आसानी से मिसाइल दाग सकता है और सामने खड़ा दुश्मन का लड़ाकू विमान ध्वस्त हो जाएगा. असल में ये स्टिंगर मिसाइल्स अमेरिका की ही देन है. सबसे ज्यादा अमेरिका की सेना में ही स्टिंगर मिसाइल्स का इस्तेमाल होता है. लेकिन आज रूस-यूक्रेन वॉर में ये स्टिंगर मिसाइल यूक्रेन की सेना की ताकत बन गई है.

इतिहास बताता है कि इस मिसाइल से हमेशा से ही रूसी सेना को तकलीफ हुई है. अफगानिस्तान युद्ध में उसकी हार और फिर उस देश से विदाई भी इसी मिसाइल की वजह से हुई थी. एक बार फिर स्टिंगर मिसाइल्स का ही इस्तेमाल हो रहा है, टारगेट भी रूस है और सामने खड़े होकर टक्कर दे रहा यूक्रेन. बताया जा रहा है कि क्योंकि इस मिसाइल की वजह से रूस को घाव हो रहा है, ऐसे में जर्मनी भी यही हथियार यूक्रेन को सप्लाई कर रहा है.

एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल

रूसी सेना के खिलाफ यूक्रेन का ये दूसरा ऐसा हथियार है जो अभी उस पर काल बनकर टूटा है. नाम है एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल, ये वैसे तो अमेरिका का हथियार है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यूक्रेन को इस हथियार की बड़ी सप्लाई मिली है. पांच किलोमीटर के दायरे तक हमला करने वाली ये मिसाइल अर्बन वॉरफेयर में काफी कारगर मानी जाती है. टैंकों को उड़ाना हो, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हेलीकॉप्टर को निशाना बनाना हो तो जेवलिन मिसाइल का कोई जवाब नहीं है. ये ना सिर्फ कारगर है बल्कि एक झटके में दुश्मन के टैंक या लड़ाकू विमान को ध्वस्त कर देती है.

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इसमें दो मोड होते हैं. पहला डायरेक्ट और दूसरा टॉप अटैक. टॉप अटैक मोड का इस्तेमाल टैंक, हथियारबंद वाहन को निशाना बनाने में किया जाता है. जबकि डायरेक्ट मोड में मिसाइल इमारत, कम ऊंचाई पर उड़ने वाली वस्तुओं या बंकरों को निशाना बना सकती है. इस मिसाइल का इस्तेमाल फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, यूएई, ताईवान, ब्रिटेन जैसे 20 देश कर रहे हैं. यह सबसे शक्तिशाली एंटी टैंक मिसाइलों में से एक है.

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