हर गुजरते दिन के साथ रूस-यूक्रेन की जंग पहले से ज्यादा खतरनाक होती जा रही है. इस बीच ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसीज़ के हवाले से ये बात सामने आई है कि रूस के पास अब सिर्फ 14 दिन का गोला-बारूद बचा है. ऐसे में अगर ये युद्ध जितना ज्यादा लंबा खिंचेगा, रूस की सेना के लिए कीव पर कब्जा करना उतना मुश्किल होता चला जाएगा. ऐसे में क्या न्यूक्लियर वॉर छिड़ जाएगा? अब ये सवाल उठने लगे हैं.
कीव सुरक्षित...पुतिन परेशान...आगे क्या?
अब इसी टक्कर की वजह से दुनिया को इस बात की ज्यादा चिंता है कि कहीं बौखलाहट में आकर राष्ट्रपति पुतिन कोई खतरनाक कदम ना उठा लें. कहीं रूस द्वारा परमाणु युद्ध शुरू ना कर दिया जाए. यूक्रेन से जंग लड़ते हुए रूस को अब इतने ज्यादा दिन हो चुके हैं, जिसकी उम्मीद खुद पुतिन ने भी नहीं की थी और अब डर ये है कि जितने दिन ये युद्ध चलता रहेगा उतना ही ज्यादा विश्वयुद्ध का खतरा भी बढ़ता जाएगा क्योंकि रूस पर प्रेशर बढ़ता जाएगा और प्रेशर में पुतिन क्या कदम उठाएंगे. ये कोई नहीं कह सकता.
संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी चिंता में डालने वाली
इस सब के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी चिंता ज़ाहिर करते हुए ये बयान दिया है कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस ने अपने न्यूक्लियर फोर्स को अलर्ट पर रखा गया है यानी रूस-यूक्रेन के बीच हो रहा युद्ध कभी भी महायुद्ध में बदल सकता है. इसके साथ ही यूरोपियन काउंसिल के प्रेसिडेंट चार्ल्स मिशेल ने भी ये आशंका जाहिर की है कि अगर NATO इस युद्ध में शामिल हुआ तो न्यूक्लियर वर्ल्ड वॉर होगा. इससे पहले रूस दुनिया भर के देशों को धमका चुका है. पुतिन साफ साफ कह चुके हैं कि यूक्रेन के मामले में अमेरिका या नाटो देश आए तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन मुख्य रूप से जो मुकाबला है वो रूस और अमेरिका के बीच है. रूस के पास 6,257 परमाणु हथियार हैं. अमेरिका के पास 5 हजार 550 परमाणु हथियार हैं. सिर्फ इन दो देशों के पास दुनिया के 90 प्रतिशत परमाणु हथियार हैं. और इनका टकराव अगर बढ़ा तो फिर पूरी दुनिया खतरे में आ जाएगी.
रूस की रणनीति पर एक नजर
वैसे एक और आंकड़ा इस समय रूस की रणनीति पर सवाल खड़े करता है. रूस ने जब 23 फरवरी को यूक्रेन पर अटैक किया था तो कुल 1 लाख 90 हजार सैनिकों को जंग के मैदान में उतारा था, लेकिन 20 दिन की जंग के बाद अब रूस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. रूस ने यूक्रेन की राजधानी पर कब्जा करने के लिए अब भाड़े के 16 हजार सीरियाई लड़ाकों को भी जंग के मैदान में उतार दिया है.
अब रूस को इतना सबकुछ इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि यूक्रेन ने उसे जमीन पर काफी नुकसान दिया है. अकेले 20वें दिन ही यूक्रेनी फौज ने 24 घंटे के अंदर रूस के चार हेलीकॉप्टर, एक एयरक्राफ्ट और एक क्रूज मिसाइल मार गिराने का दावा किया है. जिसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि अबतक की जंग में रूस को चेचेन्या में कई वर्षों तक चली दो जंग से भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है.
पुतिन की मिसाइलें तबाही बनकर बरस रही हैं
कीव पर कब्जे की कोशिश में पुतिन की मिसाइलें तबाही बनकर बरस रही हैं. अब तो प्रेसिंडेंशियल बिल्डिंग के पास भी हमले शुरू हो गए हैं. कीव में आज ही जिस रिहायशी इमारत को रूस ने निशाना बनाया वो प्रेसिंडेंशियल बिल्डिंग से महज दस किलोमीटर की दूरी पर है.
प्रेसिडेंशियल बिल्डिंग ही है जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पिछले 20 दिनों से राष्ट्र के नाम संबोधन और रूस को धमकियों के डोज दे रहे हैं. यानी अब हर गुजरते घंटे के साथ पुतिन की सेना के कदम राष्ट्रपति जेलेंस्की के और ज्यादा करीब पहुंचते जा रहे हैं. लेकिन जेलेंस्की अब भी कीव में डटे हैं. सरेंडर करने और कीव से सुरक्षित बाहर निकलने से इनकार कर रहे हैं.
आजतक ब्यूरो