यूक्रेन पर रूस हमला कर चुका है. भारत सरकार ने इसके पहले यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को निकालने की कोशिश भी की, लेकिन हमले के बाद अब यूक्रेन से फिलहाल भारत लौट आना वहां फंसे भारतीयों के लिए आसान नहीं है. आजतक की बातचीत यूक्रेन में फंसे एक भारतीय छात्र से हुई. आर्यन बिहार के रहने वाले हैं और वह यूक्रेन के डनिप्रो (Denipro) शहर के डनिप्रो स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (Denipro State Medical University) से MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं.
आर्यन बताते हैं कि कैसे एक रात में डनिप्रो (denipro) में भारतीय छात्रों की जिंदगी बदल गई है. आर्यन ने बताया कि गुरुवार सुबह 6 बजे तीन बम धमाकों से नींद खुली, तब से सभी छात्र डरे हुए हैं. आर्यन ने बताया कि बुधवार तक हमारी ऑफलाइन क्लासेज होती रही. इससे हमें लगा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन आज अचानक यूनिवर्सिटी से 40 किलोमीटर दूर धमाके होने लगे.
आर्यन समेत 200 से ज्यादा भारतीय छात्र हॉस्टल में फंसे
आर्यन ने बताया कि यूनिवर्सिटी की तरफ से भी गाइडलाइन जारी की गई है. छात्रों से कहा गया है कि यूनिवर्सिटी के बाहर ना जाएं. आर्यन ने बताया कि शहर के हालात बेहद खराब हैं. ट्रांसपोर्टेशन के सभी साधन बंद हो चुके हैं. मॉल्स में आज बहुत ज्यादा भीड़ है, क्योंकि लोग ज्यादा से ज्यादा राशन इकट्ठा करना चाहते हैं. आर्यन जिस हॉस्टल में रहते हैं, वहां पर 200 से ज्यादा भारतीय छात्र मौजूद हैं. इनमें लड़कियां भी हैं.
शहर का हाल बताते हुए आर्यन कहते हैं कि यूक्रेन में गैस सप्लाई रूस से होती है. ऐसे में लोगों को यह भी डर है कि गैस सप्लाई बंद हो जाएगी. उसके बाद जीवन और मुश्किल हो सकता है. आर्यन के मुताबिक, भारत के अलावा दूसरे देशों के भी कई छात्र वहां रहते थे, लेकिन वह सब समय रहते निकल गए.
कीव एयरपोर्ट के आसपास 800 से ज्यादा स्टूडेंट फंसे
आर्यन यह भी बताते हैं कि यूनिवर्सिटी से लगभग 800 स्टूडेंट भारत जाने के लिए यहां से निकले थे जो कि अब कीव एयरपोर्ट के आसपास फंस गए हैं. आर्यन भारत सरकार से अपील करते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द यहां से निकाला जाए, क्योंकि अब इनके पास सिर्फ 7 दिन का राशन बचा है.
वहीं नोएडा में मौजूद आर्यन की बहन कहती हैं कि घरवाले बहुत परेशान हैं. हम सरकार से अपील करते हैं कि किसी भी तरीके से हमारे भाई को वापस भारत ले आएं.