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भारत ने UNSC में 'बूचा नरसंहार' की निंदा की, कहा- स्वतंत्र जांच जरूरी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा हुई. इसमें भारत ने 'बूचा नरसंहार' की निंदा की और इसकी स्वतंत्र जांच की मांग का समर्थन भी किया.

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बूचा में रूसी सैनिकों ने काफी तबाही मचाई (फाइल फोटो)
बूचा में रूसी सैनिकों ने काफी तबाही मचाई (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत बोला- कूटनीति से खत्म होना चाहिए युद्ध
  • भारत, यूक्रेन को सप्लाई करेगा जरूरी सामान

Russia-Ukraie War: रूस और यूक्रेन की जंग के बीच हुए 'बूचा नरसंहार' पर भारत की प्रतिक्रिया आई है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में भारत ने 'बूचा नरसंहार' की निंदा की और इसकी स्वतंत्र जांच की मांग का समर्थन भी किया है. बता दें कि कीव के पास मौजूद बूचा शहर में रूसी सेना पर नरसंहार के आरोप लगे हैं. बूचा के लोगों का दावा है कि रूसी सेना ने वहां करीब 300 लोगों को बर्बरता के साथ मौत के घाट उतार दिया है. बूचा की कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं जिनमें सड़कों पर लोगों के शव बिखरे पड़े थे.

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बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर अबतक भारत ने अपना न्यूट्रल स्टैंड कायम रखा है. भारत बार-बार बातचीत के जरिए मसले को सुलझाने की अपील कर रहा है.

अब संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने इस पूरे मामले बयान दिया. उन्होंने कहा कि बूचा नरसंहार की स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए. वे कहते हैं कि बूचा से आ रही खबरें परेशान करने वाली हैं. इस पूरे मामले में स्वतंत्र जांच की जरूरत है. जब मासूम लोगों की जान पर बात आती है तब सिर्फ और सिर्फ कूटनीति के रास्ते ही शांति स्थापित की जा सकती है. टीएस त्रिमूर्ति ने भारत का स्टैंड मजबूती से रखा है. उनकी मानें तो यूक्रेन में स्थिति अभी भी नहीं बदली है. पिछली बार जब सुरक्षा परिषद की बैठक हुई थी और जब इस बार ये बैठक हो रही है इस बीच यूक्रेन की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है.

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भारत लगातार बिगड़ती स्थिति पर गहराई से चिंतित है और हिंसा को तत्काल समाप्त करने और शत्रुता को समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराता है, हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और संवाद के रास्ते पर चलने पर ज़ोर दिया है.

UNSC में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति

इस सब के अलावा सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने युद्ध से पैदा होने वाली चुनौतियों पर भी विस्तार से बात की. त्रिमूर्ति ने साफ कहा कि इस युद्ध की वजह से पूरी दुनिया के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई हैं. खाद्य और ईंधन के दाम काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं. त्रिमूर्ति ने सभी साथी देशों से अपील की है कि इस युद्ध का जल्द से जल्द खत्म होना जरूरी है.

वैसे भारत ने अबतक खुलकर रूस या यूक्रेन का समर्थन नहीं किया है. लेकिन यूक्रेन की हर संभव मदद जरूर की जा रही है. लगातार भारत की तरफ से यूक्रेन में जरूरी दवाइयों की सप्लाई की जा रही है. सुरक्षा परिषद की बैठक में भी भारत ने इस बात का प्रमुखता से जिक्र किया है. कहा गया है कि भारत आगे भी यूक्रेन को हर जरूरी सामान की सप्लाई करता रहेगा.

जेलेंस्की का भी संबोधन हुआ

जानकारी के लिए बता दें कि जिस सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने अपना पक्ष रखा है, वहां पर इस बार यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का संबोधन भी हुआ था. जेलेंस्की ने कहा था कि हमें यूक्रेन में शांति के लिए सुरक्षा परिषद के फैसलों की जरूरत है. रूस को सुरक्षा परिषद से बाहर किया जाए या फिर यूएनएससी को ही भंग कर दिया जाना चाहिए. रूसी बलों ने कीव के समर्थन में खड़े लोगों को बेरहमी से चुन-चुनकर मार डाला. इन हत्याओं की जवाबदेही अब अनिवार्य रूप से तय होनी चाहिए. 

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