Russia Ukraine War Update: यूक्रेन में रूस के हमले तेज होने के बाद भारतीयों की वतन वापसी की कोशिशें केंद्र सरकार ने तेज कर दी है. सरकार ने नई एडवाइजरी जारी करते हुए यूक्रेन की राजधानी कीव से आज ही निकलने को कहा है. यूक्रेन में हालात मिनट-दर-मिनट खराब होते जा रहे हैं. कई ठिकानों को रूसी मिसाइलों ने तबाह कर दिया है. इस बीच, भारत भी यूक्रेन से अपने नागरिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) चला रहा है. इस अभियान के तहत यूक्रेन में फंसे हजारों स्टूडेंट्स को भारत वापस लाया जा चुका है. मोदी सरकार के कई मंत्रियों को भी यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाने के लिए कहा गया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब इतने बड़े स्तर पर भारत रेस्क्यू अभियान दूसरे देशों से चला रहा है. पहले भी कई बार दूसरे देशों से भारतीयों की वतन वापसी करवाई जा चुकी है. जानिए, कुछ ऐसे ही कठिन रेस्क्यू अभियानों के बारे में.
कुवैत में चला बड़ा रेस्क्यू अभियान
जब इतिहास में भारतीय सरकार द्वारा किए गए रेस्क्यू अभियानों के बारे में बात आती है तो फिर आपको बता दें कि गल्फ देश कुवैत में साल 1990-91 में हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन सबसे बड़ा ऑपरेशन था. इस अभियान के तहत भारत सरकार ने विमानों के जरिए से करीब 1,70,000 भारतीयों की वतन वापसी करवाई थी. दो महीने तक चले इस अभियान के दौरान भारत से करीब 500 विमानों ने उड़ान भरी थीं.
ऑपरेशन राहत
भारतीय वायुसेना ने साल 2015 में यमन से ऑपरेशन राहत चलाया था. इस रेस्क्यू अभियान में सरकार ने यमन से 4640 भारतीयों की सकुशल वतन वापसी करवाई थी. इतना ही नहीं, 41 देशों के 960 नागरिकों को भी भारत ने यमन से सुरक्षित निकाला था. सबसे पहले 1 अप्रैल, 2015 में एडन पोर्ट से ऑपरेशन राहत की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद 3 अप्रैल से भारतीय वायुसेना और एयर इंडिया ने इसे आगे बढ़ाया था. उस वक्त भारत ने तेजी से काम करते हुए भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया था.
ऑपरेशन मैत्री
ऑपरेशन मैत्री किसी युद्धग्रस्त देश में नहीं, बल्कि नेपाल में साल 2015 में आए भूकंप के बाद भारत सरकार द्वारा चलाया गया. मालूम हो कि नेपाल और भारत के बीच दशकों से काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं. जब साल 2015 में नेपाल में भूकंप आया तब भारत ने पड़ोसी देश की काफी मदद की. भारत ने कुल 5188 लोगों को बचाया था. इसमें से 785 विदेशी नागरिकों को ट्रांजिट वीजा दिया गया था.
ऑपरेशन सुकून
ऑपरेशन सुकून भारतीय नौसेना द्वारा साल 2006 के लेबनान युद्ध के दौरान संघर्ष क्षेत्र से भारतीय, श्रीलंकाई और नेपाली नागरिकों के साथ-साथ भारतीय जीवनसाथी के साथ लेबनानी नागरिकों को निकालने के लिए किया गया एक ऑपरेशन था. भारतीय नौसेना द्वारा किए गए सबसे बड़े निकासी में से एक में 1,764 भारतीयों, 112 श्रीलंकाई, 64 नेपाली और 7 लेबनानी नागरिकों सहित कुल 2,280 लोगों को निकाला गया था.