रूस और यूक्रेन के बीच जंग को डेढ़ साल से ज्यादा लंबा समय हो गया है. और अब तक जंग जारी है. इस बीच अमेरिका ने दावा किया है कि रूस अपने ही सैनिकों को फांसी की सजा दे रहा है.
व्हाइट हाउस में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने दावा किया कि आदेशों का पालन नहीं करने वाले रूसी सैनिकों को मार दिया जा रहा है. उन्होंने ये भी दावा किया कि यूक्रेनी गोलीबारी का सामना नहीं करने पर पूरी की पूरी यूनिट को जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
जॉन किर्बी ने अपने ही सैनिकों को फांसी देने और जान से मारने की धमकी देने को 'बर्बरता' बताया है. हालांकि, उन्होंने इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया कि अब तक कितने रूसी सैनिकों को फांसी की सजा दी गई है या फिर यूनिट को धमकाया गया है.
किर्बी ने कहा कि रूस डोनबास और डोनेत्स्क में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. इसलिए वो ऐसे युवाओं को जंग में उतार रहा है जिन्होंने सही तरह से ट्रेनिंग भी नहीं ली है.
किर्बी ने ये दावा ऐसे समय में किया है जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन की मदद करने के लिए सदन से फंड जारी करने की अनुमति मांगी है. बाइडेन ने 106 अरब डॉलर का फंड जारी करने की अनुमति मांगी है.
वहीं, हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि उनकी सेना ने रूसी सेना को व्यापक नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने रूसी सेना की एक ब्रिगेड (2,000 से 5,000 सैनिक) को खत्म करने का दावा किया है.
24 फरवरी 2022 से जारी है जंग
रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से जंग चल रही है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 'विशेष सैन्य अभियान' बताकर यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. जंग से दो दिन पहले पुतिन ने डोनबास के डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया था. इस जंग से पहले यूक्रेन सैन्य संगठन NATO में शामिल होना चाहता था. पुतिन इसे लेकर चेता रहे थे.
इस जंग में दोनों ओर बड़ा नुकसान पहुंचा है. हालांकि, इसका कोई ताजा आंकड़ा नहीं है. यूक्रेन सरकार के मुताबिक, 24 फरवरी 2022 से 17 सितंबर 2023 के बीच 16,500 से ज्यादा आम लोग मारे जा चुके हैं. 13 हजार से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों की भी मौत हुई है. वहीं, अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो 24 फरवरी 2022 से 22 सितंबर 2023 के बीच रूसी सेना के साढ़े 32 हजार सैनिकों की मौत हो चुकी है.